उत्तर प्रदेश सरकार किसानों की मृदा स्वास्थ्य को सुधारने और उर्वरक प्रबंधन में सुधार के लिए एक नया अभियान शुरू करने जा रही है. प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने घोषणा की कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर 5 मई 2025 से प्रदेशभर में विशेष मृदा नमूना संकलन अभियान शुरू किया जाएगा. इस अभियान का मुख्य उद्देश्य मृदा के स्वास्थ्य के बारे में किसानों को सटीक जानकारी देना और उन्हें उर्वरकों का संतुलित उपयोग करने के लिए प्रेरित करना है. कृषि मंत्री शाही ने कहा कि इस अभियान के माध्यम से खरीफ सीजन के लक्ष्यों को शत-प्रतिशत पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. इस पूरी कवायद में अहम भूमिका निभाएंगी गांव की प्रशिक्षित कृषि सखियां, जो घर-घर जाकर मिट्टी के नमूने लेंगी और उन्हें जांच के लिए प्रयोगशालाओं तक पहुंचाएंगी.
7,684 प्रशिक्षित कृषि सखियों की भागीदारी
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि विशेष मृदा नमूना संकलन अभियान के तहत खरीफ सीजन में प्रदेश की 11,564 ग्राम पंचायतों से 11.56 लाख और रबी सीजन में 4,956 पंचायतों से 4.96 लाख मृदा नमूने एकत्र किए जाएंगे. इस अभियान में 7,500 क्षेत्रीय कृषि प्रसार कर्मी, 1,000 प्रयोगशाला कर्मी और 7,684 प्रशिक्षित कृषि सखियों की महत्वपूर्ण भागीदारी सुनिश्चित की गई है. इसके तहत कृषि सखियों को प्रति नमूना 15 रुपये मानदेय प्रदान किया जायेगा.
2015 में शुरू की गई मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना
अपने राजकीय आवास पर पत्रकारों से बातचीत में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2015 में शुरू की गई मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के तहत उत्तर प्रदेश की 16,520 ग्राम पंचायतों को संतृप्त करने का लक्ष्य है. 2023 में 4,850 और 2024 में 8,260 पंचायतों में कार्ड वितरित किए जा चुके हैं. अब शेष पंचायतों से 2025 में नमूने लेकर प्रत्येक पंचायत से 100 नमूने एकत्र कर संतृप्ति का कार्य पूरा किया जाएगा.
मृदा नमूना संकलन अभियान का उद्देश्य
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि इस अभियान के जरिए मृदा नमूने एकत्र किए जाएंगे ताकि मृदा स्वास्थ्य को सुधारने के लिए प्रभावी रणनीतियां बनाई जा सकें. यह अभियान किसानों को मृदा स्वास्थ्य के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा और उन्हें उर्वरकों का संतुलित उपयोग करने की दिशा में मार्गदर्शन करेगा. इस अभियान के माध्यम से खरीफ सीजन के लक्ष्यों की शत-प्रतिशत पूर्ति सुनिश्चित की जायेगी.
मृदा स्वास्थ्य पोर्टल और नमूनों की निगरानी
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने यह भी बताया कि अब तक तीन विशेष अभियानों के माध्यम से 3.60 लाख नमूने एकत्र किए गए हैं और इन नमूनों की जानकारी मृदा स्वास्थ्य पोर्टल (https://soilhealth.dac.gov.in) पर उपलब्ध है. इस पोर्टल पर किसानों को नियमित रूप से अपडेट मिलते रहेंगे.
मृदा की कमी और उर्वरक प्रबंधन की आवश्यकता
प्रदेश में मृदा में जीवांश कार्बन की कमी (0.25-0.50 प्रतिशत) के साथ-साथ नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, सल्फर, जिंक और आयरन की कमी भी पाई गई है. इस स्थिति को सुधारने के लिए किसानों को 12 मानकों पर आधारित निःशुल्क मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिए जाएंगे, जिनकी मदद से वे संतुलित उर्वरक प्रबंधन कर सकेंगे.
कृषि मंत्री ने किसानों से अपील
अंत में, कृषि मंत्री ने किसानों से अपील की कि वे इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लें और अपनी मृदा की उर्वरता बढ़ाने के लिए वैज्ञानिक सलाह के अनुसार उर्वरकों का संतुलित उपयोग करें. इससे न केवल मृदा का स्वास्थ्य बेहतर होगा, बल्कि किसानों को अच्छा उत्पादन मिलेगा और भविष्य में पोषणयुक्त फसलों का उत्पादन होगा.