मई महीने के आगमन के साथ ही भीषण गर्मी की शुरुआत हो गई है. सुबह के 10 बजते ही आसमान में चिलचिलाती धूप निकल जाती है. साथ ही गर्म हवाओं का भी दौर शुरू हो जाता है. इससे इंसान के साथ-साथ मवेशी भी परेशान हैं. अब गर्मी का असर दूध उत्पादन पर भी दिखने लगा है. तपिश से परेशान मवेशियों ने कम दूध देना शुरू कर दिया है. लेकिन किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. मवेशियों को ठंडी तासीर वाले खाद्य पदार्थ खिलाकर उन्हें गर्मी से राहत दी जा सकती है.
पशु एक्सपर्ट के मुताबिक, अधिक गर्मी पड़ने पर पशु तनाव में आ जाते है. इससे वे दूध देना कम कर देते हैं. ऐसे में उनके स्ट्रेस को दूर करने के लिए उनकी सही तरह से देखभाल करना बहुत ही जरूरी है. क्योंकि गर्मी बढ़ने से पशु चिड़चिड़े और आक्रमक हो जाते हैं. कई बार तो पशु हीट स्ट्रोक की भी चपेट में आ जाते हैं. इससे वे खाना कम कर देते हैं और हांफने लगते हैं. साथ ही उनका पेट खराब हो जाता है. कई बार तो मवेशी को त्वाचा रोग जैसी समस्याएं भी हो जाती हैं. इसलिए पशुपालकों को गर्मी से सावधान रहने की जरूरत है.
गौशाला में पंखे और कूलर लगाएं
अगर आप मवेशियों को गर्मी से बचाना चाहते हैं, तो उन्हें हमेशा छायादार स्थान पर बांधें. जरूरत पड़े तो गौशाला में पंखे और कूलर भी लगा दें. इससे कमरा ठंडा रहेगा और पशुओं को गर्मी से राहत मिलेगी. इसके अलावा हीट स्ट्रोक से बचाने के लिए आप पशुओं को दिन में दो से तीन बार पानी से नहला भी सकते हैं. साथ ही उन्हें दिन में दो से तीन बार स्वच्छ और ठंडा पानी पिलाते रहें. उससे उनके शरीर में पानी की कमी नहीं होती है और उनके ऊपर लू का असर भी नहीं होगा.
आहार में शामिल करें ये चीजें
अगर किसान चाहें, तो गर्मी के मौसम में अपने दुधारू मवेशियों को आहार के रूप में हरी घास भी खिला सकते हैं. हरी घास की मात्रा सूखे भूसे के मुकाबले थोड़ी बढ़ा दें. साथ ही भूसे को पानी में गिला कर ही मवेशियों को खाने के लिए दें. इससे उनका दूध उत्पादन कम नहीं होगा. वहीं, गौशाला को हवादार रखें. उसमें कई खिड़कियां होनी चाहिए, ताकि उसमें ताजी हवा आ सके, ताकि पशुओं को कोई दिक्कत न हो. साथ ही गौशाला की ऊंचाई अधिक रखी जाए. आप चाहें, तो सुबह-शाम प्याज और पुदीने का अर्क पिलाएं, साथ ही गोंद कतीरा और सौंफ का पानी भी दें सकते हैं. इससे दुधारू मवेशियों को काफी फायदा होगा.