राजस्थान सरकार ने खेती को आसान और कम खर्चीला बनाने के लिए किसानों को बड़ी राहत दी है. अब राज्य के किसान अगर अधिकृत विक्रेता से कृषि यंत्र खरीदते हैं, तो उन्हें सरकार की तरफ से 40 फीसदी से 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी मिलेगी. यह योजना किसानों को आधुनिक कृषि उपकरणों से जोड़ने के लिए शुरू की गई है, जिससे खेती ज्यादा उत्पादक और मुनाफे वाली बन सके.
कृषि विभाग द्वारा चलाई जा रही कृषि यंत्र सब्सिडी योजना के तहत छोटे, सीमांत, अनुसूचित जाति, जनजाति और महिला किसानों को विशेष प्राथमिकता दी गई है. आइए जानते हैं इस योजना के बारे में विस्तार से.
क्या है कृषि यंत्र सब्सिडी योजना?
यह योजना राजस्थान सरकार के कृषि विभाग द्वारा चलाई जा रही है, जिसके तहत किसानों को खेती में इस्तेमाल होने वाले ट्रैक्टर, बीज ड्रिल, हल, थ्रेशर जैसे कृषि यंत्रों पर अनुदान (सब्सिडी) दी जाती है. योजना का उद्देश्य है किसानों को आधुनिक खेती के साधनों से जोड़ना और उनकी लागत कम करना. जिन किसानों के पास सीमित संसाधन हैं, वे भी अब बेहतर यंत्र खरीद सकेंगे और खेती को और ज्यादा लाभकारी बना सकेंगे.
कौन-कौन किसान ले सकते हैं इस योजना का लाभ?
राजस्थान सरकार की कृषि यंत्र सब्सिडी योजना (agricultural machinery subsidy) का लाभ राज्य के वे सभी किसान उठा सकते हैं जो कृषि कार्य से जुड़े हैं और अधिकृत विक्रेता से कृषि यंत्र खरीदना चाहते हैं. इस योजना के तहत अनुसूचित जाति, जनजाति, महिला, लघु एवं सीमांत किसानों को विशेष प्राथमिकता दी गई है. इन वर्गों को यंत्रों की कीमत पर 50 फीसदी तक का अनुदान दिया जाता है, जिससे उनकी आर्थिक बोझ कम होती है. वहीं सामान्य श्रेणी के किसानों को 40 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाती है. यह योजना सभी किसानों को मशीनीकरण की ओर प्रोत्साहित करने के लिए बनाई गई है.
कितनी सब्सिडी मिलती है किस यंत्र पर?
राज्य सरकार ने अलग-अलग कृषि यंत्रों के लिए सब्सिडी की राशि तय की है. यह सब्सिडी या तो यंत्र की कुल कीमत का प्रतिशत है, या फिर एक तय राशि-जो भी कम हो.
कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं:- राजस्थान सरकार की कृषि यंत्र सब्सिडी योजना के तहत बीज ड्रिल, डिस्क हल, रोटोवेटर, थ्रेशर और छेनी हल जैसे उपकरणों पर SC/ST, महिला, लघु और सीमांत किसानों को 15,000 रुपये से 1 लाख ररुपये तक की सब्सिडी मिलती है. वहीं, अन्य किसानों को 12,000 रुपये से 80,000 रुपये तक का अनुदान मिलता है. यह सहायता किसानों को खेती के आधुनिक उपकरण अपनाने, मेहनत कम करने और उत्पादन बढ़ाने में मदद करती है. इससे खेती मुनाफे का सौदा बनती है और मशीनीकरण की दिशा में बढ़ावा मिलता है.
आवेदन की प्रक्रिया- ऑनलाइन और आसान
राजस्थान सरकार की कृषि यंत्र सब्सिडी योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना अनिवार्य है. इसके लिए सबसे पहले आधिकारिक पोर्टल पर जाकर पंजीकरण करवाना विकल्प चुनना होगा. इसके बाद किसान को SSO पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा, जो जन आधार नंबर या Google अकाउंट के माध्यम से किया जा सकता है. जन आधार चुनने पर OTP के जरिए पहचान सत्यापित करनी होती है. पंजीकरण पूरा होने के बाद किसान को आवेदन फॉर्म भरना होता है और आवश्यक दस्तावेज़ जैसे आधार, बैंक पासबुक, यंत्र का बिल आदि अपलोड करने होते हैं. प्रक्रिया सरल और पूरी तरह ऑनलाइन है.
जरूरी दस्तावेज क्या लगेंगे?
ऑनलाइन आवेदन करते समय किसानों को कुछ जरूरी दस्तावेज तैयार रखने होंगे, जिनमें जन आधार कार्ड, पहचान पत्र (जैसे आधार कार्ड या पैन कार्ड), खेत का खसरा या खतौनी, बैंक पासबुक की कॉपी, खरीदे गए यंत्र का बिल और अधिकृत विक्रेता की रसीद शामिल हैं. ये सभी दस्तावेज आवेदन के समय पोर्टल पर अपलोड करने होते हैं और बाद में भौतिक सत्यापन के दौरान भी जरूरी होते हैं. इन दस्तावेजों के आधार पर ही किसान को अनुदान (सब्सिडी) की राशि निर्धारित की जाती है और इसे सीधे किसान के बैंक खाते में ऑनलाइन भेजा जाता है.
कब और कैसे मिलेगा अनुदान?
यंत्र खरीदने के बाद उसका भौतिक सत्यापन कृषि पर्यवेक्षक या सहायक कृषि अधिकारी द्वारा किया जाएगा. सत्यापन के समय किसान को क्रय बिल (पर्चा) दिखाना होगा. जैसे ही सत्यापन पूरा होता है, सब्सिडी की राशि ऑनलाइन किसान के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है. इससे पारदर्शिता बनी रहती है और किसी तरह की बिचौलिये की जरूरत नहीं पड़ती.