एक मुर्गी फार्म से 30 पोल्ट्री फार्म तक पहुंचा बर्ड फ्लू, 35 हजार मुर्गियों की मौत के बाद अलर्ट जारी

रामपुर के पोल्ट्री फार्मों में बर्ड फ्लू से 35,000 से ज्यादा मुर्गियां मरीं. प्रशासन ने 30 फार्म सील कर इलाके को कंटेनमेंट जोन घोषित किया. सावधानी और जागरूकता से ही इस संक्रमण से बचाव संभव है.

Kisan India
नोएडा | Published: 13 Aug, 2025 | 01:52 PM

उत्तर प्रदेश में बर्ड फ्लू यानी एवियन इनफ्लूएंजा वायरस ने मुर्गा व्यापारियों का संकट बढ़ा दिया है. प्रदेश के रामपुर जिले में बर्ड फ्लू ने अचानक तबाही मचा दी है. बिलासपुर तहसील के कई गांवों में पिछले कुछ दिनों में लगभग 35,000 से अधिक मुर्गियां बर्ड फ्लू की वजह से मर चुकी हैं. इस खतरनाक वायरस ने पोल्ट्री फार्म और ग्रामीण इलाकों में डर और हड़कंप मचा दिया है. प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 30 पोल्ट्री फार्मों को बंद कर दिया है और संक्रमित इलाकों को कंटेनमेंट जोन घोषित किया है. साथ ही लोगों को सतर्क रहने और फार्म के पास न जाने की सलाह दी गई है. जानिए इस बीमारी से जुड़ी पूरी जानकारी और प्रशासन की ओर से उठाए गए कदम.

बर्ड फ्लू का संक्रमण कैसे फैला

बिलासपुर तहसील के सिहोर और सिहोरा गांवों में अचानक मुर्गियों की मौत का सिलसिला शुरू हुआ. फार्म संचालक मरी हुई मुर्गियों को सही तरीके से न फेंककर खुले में छोड़ देते थे, जिससे संक्रमण तेजी से फैल गया. यह वायरस काफी संक्रामक होता है, जो पक्षियों से इंसानों तक भी फैल सकता है. शुरू में ग्रामीणों की शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया गया, लेकिन जैसे-जैसे मृत मुर्गियों की संख्या बढ़ी, प्रशासन ने स्थिति को गंभीरता से लिया. पशुपालन विभाग ने जांच के लिए नमूने भेजे, जिसमें एच5एन1 वायरस की पुष्टि हुई.

30 पोल्ट्री फार्म सील, अलर्ट जारी

बर्ड फ्लू की पुष्टि होते ही प्रशासन ने कड़ा कदम उठाया. 30 पोल्ट्री फार्मों को तत्काल सील कर दिया गया. मरी हुई 35,000 से ज्यादा मुर्गियों को जेसीबी की मदद से गड्ढों में दफन किया गया ताकि संक्रमण न फैले. पोल्ट्री फार्म के 1 किलोमीटर के दायरे को कंटेनमेंट जोन घोषित कर लोगों की आवाजाही पर पाबंदी लगा दी गई है. लगातार इलाके की सैनिटाइजेशन और निगरानी जारी है. मीडिया रिपर्ट के अमुसार पशुपालन विभाग व प्रशासन के अधिकारियों ने मिलकर आपातकालीन बैठक की और रणनीति बनाई.

ग्रामीणों के लिए जरूरी सावधानियां

प्रशासन ने ग्रामीणों को खासतौर पर कुछ निर्देश दिए हैं जिनका पालन करना बेहद आवश्यक है-

  • पोल्ट्री फार्म के पास बिल्कुल न जाएं.
  • मृत या बीमार पक्षियों को छूने या हटाने से बचें.
  • अगर किसी को बुखार, जुकाम या सांस लेने में तकलीफ हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
  • मुर्गी-मुर्गे या अंडे खाने से पहले पूरी तरह पकाएं.
  • इन सावधानियों से न सिर्फ संक्रमण का खतरा कम होगा, बल्कि लोगों और पशुओं दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी.

बर्ड फ्लू से निपटने की रणनीति और आगे के कदम

स्वास्थ्य और पशुपालन विभाग लगातार इस मामले पर काम कर रहे हैं. अब तक जो पोल्ट्री फार्म बंद किए गए हैं वहां पर गहन जांच और सैनिटाइजेशन का काम हो रहा है. संक्रमित इलाकों में भीड़-भाड़ और आवाजाही को कम करने के लिए प्रशासन द्वारा कड़े नियम लागू किए गए हैं. ग्रामीणों को भी जागरूक किया जा रहा है कि वे किसी भी संदिग्ध पक्षी की सूचना तुरंत दें ताकि समय रहते संक्रमण को रोका जा सके. आगे भी प्रशासन संक्रमित इलाकों में सख्ती बरतने और निगरानी बढ़ाने के लिए पूरी तरह तैयार है.

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