अच्छी बारिश के बाद लाल प्याज के गंठी बीज की बुवाई तेज, 2600 रुपये में बिक रही किस्म

पिछले कई दशकों से अलवर के प्याज किसान महाराष्ट्र और गुजरात से प्याज के बीज मंगवाते रहे हैं. किसान बताते हैं कि प्याज के बीजों को मंगवाने में ट्रांसपोर्ट में काफी खर्च करना पड़ता था.

अलवर | Published: 7 Aug, 2025 | 07:36 PM

राजस्थान के अलवर जिले में अच्छी बारिश होने के कारण यहां के किसानों ने प्याज की बुवाई शुरू कर दी है. बता दें कि, अलवर जिले में इन दिनों लाल प्याज की बुवाई (गंठी बीज) का काम अब जोर पकड़ने लगा है. लाल प्याज की खेती अगस्त से लेकर नवंबर के अंतिम सप्ताह तक की जाती है. प्याज उत्पादन में भी अलवर देश में सबसे आगे है जिसके कारण अब यहां के किसानों को प्याज के बीजों के लिए महाराष्ट्र और गुजरात पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है. यहां तक कि अलवर के लाल प्याज की मांग बाजार में इतनी ज्यादा है कि अब दूसरे राज्य के किसान लाल प्याज की गंठी यानी बीज खरीदने अलवर आने लगे हैं. जानकारी के अनुसार, वर्तमान में अलवर प्याज मंडी में 2200 से लेकर 2600 रूपये प्रति क्विंटल तक बीजों के भाव चल रहा है और आने वाले दिनों में ये कीमतें और बढ़ने की संभावना है.

लाल प्याज का रकबा बढ़ने की उम्मीद

अलवर प्याज मंडी के एक व्यापारी अलसूप ने बताया कि लाल प्याज का बीज या गंठी तैयार होने मे 4 से 5 महीने का समय लगता है जिसके बाद करीब 2 महीने तक किसान इस गंठी को स्टोर करके रखते है. उन्होंने बताया कि अच्छी मौसम के चलते इस बार अलवर में किसानों ने बड़ी मात्रा में प्याज के बीज (गंठी) तैयार की है यही कारण है की इस साल अलवर में लाल प्याज का रकबा बढ़ने की उम्मीद है. अलसूप आगे बताते हैं कि पहले अलवर के किसान लाल प्याज के बीज गुजरात और नासिक से लेकर आते थे, जिसमें टांसपोर्ट और रखरखाव का खर्चा रहता था और इतने खर्चे के बाद भी बीजों में रोग लगने की आशंकी बनी रहती थी. लेकिन अब अलवर के किसान खुद ही उन्नत किस्म के बीजों को तैयार करने लगे हैं और यही तैयार किए गए बीज गुजरात, महाराष्ट, यूपी, पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में भेजे जाते हैं.

15 अगस्त के बाद बुवाई शुरू करेंगे किसान

अलवर के किसान रामसिंह ने बताया कि जिले के किसान 15 अगस्त के बाद अपने खेतों में प्याज की बुवाई कर देंगे. वर्तमान में किसान बुवाई के लिए खेत को अच्छे से तैयार कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि अलवर में उन्नत किस्म के प्याज के बीजों की पैदावार के लिए किसान लगातार नए नए प्रयोग कर रहे है यही कारण है कि अलवर के बीज अच्छी तरह तैयार होते हैं और करीब 2.5 से 3 महीने में यह प्याज की फसल के रूप में तैयार हो जाते हैं. रामसिंह ने बताया कि एक बार फसल अच्छे से तैयार हो जाती है तो इसके बाद अलवर मंडी में लाल प्याज की बिक्री शुरू हो जाती है. खास बात ये है कि लाल प्याज मार्च के अंतिम सप्ताह या अप्रैल की शुरुआत तक बाजारों में उपलब्ध रहता है.

महाराष्ट्र और गुजरात पर निर्भरता खत्म

दरअसल, पिछले कई दशकों से अलवर के प्याज किसान महाराष्ट्र और गुजरात से प्याज के बीज मंगवाते रहे हैं. किसान बताते हैं कि प्याज के बीजों को मंगवाने में ट्रांसपोर्ट में काफी खर्च करना पड़ता था. जिससे प्याज के बीज की कीमत तो बढ़ती ही थी साथ ही पौधे के खराब होने का डर भी रहता था. लेकिन अब अलवर के प्याज किसान खुद बीजों का निर्माण कर रहे हैं जिससे महाराष्ट्र और गुजरात पर प्याज के बीज खरीदने की निर्भरता खत्म हो गई है. लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं.