भारत में खेती करने वाली प्रमुख फसलों में से एक है प्याज की फसल. प्याज की खेती देश में बड़े पैमाने पर होती है. प्याज की खेती करने वाले किसान अच्छी आमदनी भी करते हैं. किसानों के साथ – साथ लोगों के लिए भी प्याज बहुत अहम है क्योंकि ये भारतीय रसोई का अभिन्न हिस्सा है. प्याज की खेती से अच्छी आमदनी और उत्पादन पाने के लिए किसानों के लिए बेहद जरूरी है कि वे प्याज की उन्नत किस्म का चुनाव करें. प्याज की ऐसी ही एक किस्म है प्याज AFDR जिसकी प्रति हेक्टेयर फसल से किसान 350 क्विंटल तक उत्पादन कर सकते हैं. किसान इसके बीज बाजार से कम कीमत पर ऑनलाइन मंगा सकते हैं.
यहां से मंगाएं बीज
किसी भी फसल की उन्नत किस्मों के बीज अक्सर महंगे होते हैं. जिन्हें खरीद पाना ज्यादातर किसानों के लिए मुश्किल होता है. ऐसे में किसानों की सहूलियत के लिए राष्ट्रीय बीज निगम (National Seed Corporation) बाजार से कम कीमतों पर बीज उपलब्ध कराता है. प्याज की AFDR किस्म के 1 किलो बीज का पैकेट बाजार में 1400 रुपये में मिल रहा है , जबकि बीज निगम यही पैकेट 200 रुपए कम कीमत पर यानी मात्र 1200 रुपए में उपलब्ध करा रहा है. बता दें कि 30 जून तक अगर कोई भी इस किस्म के बीज का पैकेट मंगवाता है तो उसे एक टी – शर्ट फ्री मिलेगी.

एनएससी (NSC) से सस्ते में खरीदें बीज
ऐसे करें ऑनलाइन ऑर्डर
- सबसे पहले एनएससी की वेबसाइट के दिए गए इस लिंक www.mystore.in पर क्लिक करें.
- इस लिंक से आप सीधे वेबसाइट के पेज पर चले जाएंगे.
- आपकी स्क्रीन पर प्याज की इस किस्म को खरीदने का ऑप्शन आएगा.
- इसके बाद अपनी जरूरत के अनुसार पैकेट की संख्या का चुनाव कर ‘Add to Cart’ पर क्लिक करें.
- अगली स्क्रीन पर आपको चेकआउट ‘Checkout’का ऑप्शन दिखेगा, उसपर क्लिक करें.
- इसके बाद आपको अपना रजिसटर्ड मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा, जिसके बाद आपके पास एक ओटीपी (OTP) आएगा.
- इस ओटीपी को देने के बाद आपको अपना पता (Address) देना होगा, जिसके बाद आपका ऑर्डर पूरा हो जाएगा.
बारिश के मौसम के लिए बेस्ट है ये किस्म
प्याज की किस्म AFDR को अखिल भारतीय प्याज एवं लहसुन अनुसंधान संस्थान (ICAR-DOGR), पुणे द्वारा विकसित किया गया है. इसकी खासियत है कि खरीफ सीजन के लिए ये किस्म सबसे सही मानी जाती है. इसका रंग गहरा लाल होता है और इसके प्याज का आकार गोल होता है. बात करें इससे होने वाली पैदावार की तो ये एक ज्यादा उपज देने वाली किस्म है. इसकी प्रति हेक्टेयर फसल से किसान औसतन 300 से 350 क्विंटल तक पैदावार कर सकते हैं. इस किस्म को बारिश के मौसम में उगाने के लिए भारत सरकार द्वारा सर्टीफाई किया गया है.