उदया तिथि के अनुसार, जन्माष्टमी का पर्व इस साल 16 अगस्त यानी की आज मनाया जा रहा है. जन्माष्टमी पर सबसे पहले स्नान करें और गंगाजल से स्वयं व पूजा स्थल को शुद्ध करें. इसके बाद गणेश जी का ध्यान करके पूजा आरंभ करें.
इस वर्ष जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल की आराधना का शुभ समय 16 अगस्त की आधी रात 12:04 बजे से प्रारंभ होकर 12:47 बजे तक रहेगा. इसी दौरान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का पूजन करना श्रेष्ठ होगा.
ईशान कोण में चौकी पर पीला कपड़ा बिछाएं और उस पर भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति या चित्र स्थापित करें. स्वयं के लिए भी एक साफ आसन पर बैठकर पूजा करें.
अष्टमी तिथि लगने के बाद डंठल वाले खीरे से भगवान लड्डू गोपाल का जन्म किया जाता है. खीरे के अंदर मूर्ति को रखकर मध्यरात्रि के शुभ मुहूर्त में ‘नाल छेदन’ कर भगवान का जन्मोत्सव मनाया जाता है.
जन्म के बाद लड्डू गोपाल का अभिषेक पंचामृत (कच्चा दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल) से करें. फिर साफ कपड़े से पोंछकर उन्हें नए वस्त्र पहनाएं और सुंदर श्रृंगार करें.
लड्डू गोपाल को मुकुट, बांसुरी, आभूषण, कुंडल और माला पहनाएं. उनके चरणों में पायल और माथे पर पीला चंदन लगाएं. भगवान को माखन-मिश्री, मेवे की खीर और तुलसी दल का भोग चढ़ाएं.