Janmashtami 2025: घर पर कैसे करें लड्डू गोपाल की पूजा, यहां जानें जन्म से लेकर आरती तक की पूरी विधि

Janmashtami 2025 Shubh Muhurat: “नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की…” जन्माष्टमी का पर्व केवल उत्सव नहीं बल्कि आस्था और भक्ति का मिलन है. भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है. मध्यरात्रि के शुभ क्षण में लड्डू गोपाल का जन्मोत्सव घर-घर हर्ष और उल्लास लेकर आता है. इस दिन भक्त भगवान श्रीकृष्ण की सेवा बाल स्वरूप संतान की तरह करते हैं, भजन-कीर्तन गाते हैं और प्रेमपूर्वक पूजा-अर्चना कर कान्हा का स्वागत करते हैं.

Isha Gupta
नोएडा | Published: 16 Aug, 2025 | 12:40 PM
1 / 6उदया तिथि के अनुसार, जन्माष्टमी का पर्व इस साल 16 अगस्त यानी की आज मनाया जा रहा है. जन्माष्टमी पर सबसे पहले स्नान करें और गंगाजल से स्वयं व पूजा स्थल को शुद्ध करें. इसके बाद गणेश जी का ध्यान करके पूजा आरंभ करें.

उदया तिथि के अनुसार, जन्माष्टमी का पर्व इस साल 16 अगस्त यानी की आज मनाया जा रहा है. जन्माष्टमी पर सबसे पहले स्नान करें और गंगाजल से स्वयं व पूजा स्थल को शुद्ध करें. इसके बाद गणेश जी का ध्यान करके पूजा आरंभ करें.

2 / 6इस वर्ष जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल की आराधना का शुभ समय 16 अगस्त की आधी रात 12:04 बजे से प्रारंभ होकर 12:47 बजे तक रहेगा. इसी दौरान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का पूजन करना श्रेष्ठ होगा.

इस वर्ष जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल की आराधना का शुभ समय 16 अगस्त की आधी रात 12:04 बजे से प्रारंभ होकर 12:47 बजे तक रहेगा. इसी दौरान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का पूजन करना श्रेष्ठ होगा.

3 / 6ईशान कोण में चौकी पर पीला कपड़ा बिछाएं और उस पर भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति या चित्र स्थापित करें. स्वयं के लिए भी एक साफ आसन पर बैठकर पूजा करें.

ईशान कोण में चौकी पर पीला कपड़ा बिछाएं और उस पर भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति या चित्र स्थापित करें. स्वयं के लिए भी एक साफ आसन पर बैठकर पूजा करें.

4 / 6अष्टमी तिथि लगने के बाद डंठल वाले खीरे से भगवान लड्डू गोपाल का जन्म किया जाता है. खीरे के अंदर मूर्ति को रखकर मध्यरात्रि के शुभ मुहूर्त में ‘नाल छेदन’ कर भगवान का जन्मोत्सव मनाया जाता है.

अष्टमी तिथि लगने के बाद डंठल वाले खीरे से भगवान लड्डू गोपाल का जन्म किया जाता है. खीरे के अंदर मूर्ति को रखकर मध्यरात्रि के शुभ मुहूर्त में ‘नाल छेदन’ कर भगवान का जन्मोत्सव मनाया जाता है.

5 / 6जन्म के बाद लड्डू गोपाल का अभिषेक पंचामृत (कच्चा दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल) से करें. फिर साफ कपड़े से पोंछकर उन्हें नए वस्त्र पहनाएं और सुंदर श्रृंगार करें.

जन्म के बाद लड्डू गोपाल का अभिषेक पंचामृत (कच्चा दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल) से करें. फिर साफ कपड़े से पोंछकर उन्हें नए वस्त्र पहनाएं और सुंदर श्रृंगार करें.

6 / 6लड्डू गोपाल को मुकुट, बांसुरी, आभूषण, कुंडल और माला पहनाएं. उनके चरणों में पायल और माथे पर पीला चंदन लगाएं. भगवान को माखन-मिश्री, मेवे की खीर और तुलसी दल का भोग चढ़ाएं.

लड्डू गोपाल को मुकुट, बांसुरी, आभूषण, कुंडल और माला पहनाएं. उनके चरणों में पायल और माथे पर पीला चंदन लगाएं. भगवान को माखन-मिश्री, मेवे की खीर और तुलसी दल का भोग चढ़ाएं.

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