Land Purchase Tips: जमीन या प्रॉपर्टी खरीदना किसी भी व्यक्ति के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण फैसलों में से एक होता है. अक्सर लोग इस प्रक्रिया में उत्साह और जल्दबाजी में नकली दस्तावेजों के जाल में फंस जाते हैं और बड़ा नुकसान उठाते हैं. असली और नकली रजिस्ट्री के बीच फर्क समझना न सिर्फ आपके पैसे की सुरक्षा करता है, बल्कि आपके भविष्य की योजना को भी सुरक्षित बनाता है. तो आज हम आपको बताएंगे कि रजिस्ट्री से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और कैसे आप धोखाधड़ी से बच सकते हैं.
असली रजिस्ट्री की पहचान
एक असली रजिस्ट्री दस्तावेज पर कुछ ऐसी चीजें होती हैं, जिन्हें नकली बनाना मुश्किल होता है. सबसे पहले, हर असली रजिस्ट्री में एक यूनिक रजिस्ट्रेशन नंबर होता है, जो केवल उसी दस्तावेज से जुड़ा होता है. इसके अलावा, रजिस्ट्री पर स्टांप ड्यूटी, सरकारी सील, और सब-रजिस्ट्रार के हस्ताक्षर स्पष्ट रूप से मौजूद होते हैं.
जमीन से जुड़े दोनों पक्षों के नाम, पता, फोटो और फिंगरप्रिंट्स भी दर्ज किए जाते हैं. इन सबका मिलान करना बेहद जरूरी होता है. अगर इनमें कोई गड़बड़ी हो, तो दस्तावेज पर शक करना सही होता है.
ऑनलाइन रजिस्ट्री की जांच
आजकल ज्यादातर राज्यों में रजिस्ट्री की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध है. आप अपने राज्य की भूमि रजिस्ट्रेशन वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्री की जांच कर सकते हैं. इसके लिए आपको सिर्फ रजिस्ट्रेशन नंबर और तारीख भरनी होती है.
अगर दस्तावेज सरकारी रिकॉर्ड में मौजूद है, तो वह रजिस्ट्री असली मानी जाएगी. यदि ऑनलाइन जानकारी नहीं मिलती, तो आपको सीधे रजिस्ट्री ऑफिस जाकर इसकी पुष्टि करनी चाहिए.
रजिस्ट्री ऑफिस में जांच क्यों जरूरी है
अगर दस्तावेज पर शक हो या ऑनलाइन रिकॉर्ड उपलब्ध न हो, तो रजिस्ट्री ऑफिस जाकर आप प्रमाणित प्रति (Certified Copy) ले सकते हैं. यह प्रति पूरी तरह से वैध होती है और आपको नकली और असली रजिस्ट्री का फर्क स्पष्ट रूप से बता सकती है.
एजेंट और दलालों से बचें
प्रॉपर्टी खरीदने में अक्सर लोग एजेंट की मदद लेते हैं. लेकिन कुछ फर्जी एजेंट नकली दस्तावेज देकर लोगों को धोखा देते हैं. वे नकली स्टांप पेपर और नोटरी की फर्जी मुहर का इस्तेमाल करते हैं.
इसलिए रजिस्ट्री का हर काम स्वयं सरकारी दफ्तर में जाकर करें और किसी एजेंट पर बिना जांच भरोसा न करें. दस्तावेज पर हस्ताक्षर सरकारी अधिकारी की मौजूदगी में ही करें.
जमीन खरीदते समय ध्यान रखने योग्य बातें
- प्रॉपर्टी की पिछली रजिस्ट्री जांचें और पक्का करें कि बेचने वाला असली मालिक है.
- सुनिश्चित करें कि उस प्रॉपर्टी पर कोई लोन, केस या सरकारी रोक तो नहीं लगी है.
- सभी कागजात वकील या प्रॉपर्टी विशेषज्ञ को दिखाएं.
- रजिस्ट्री के दौरान दोनों पक्षों के पहचान पत्र, फोटो और फिंगरप्रिंट्स का मिलान जरूरी है.
नकली स्टांप पेपर और मुहर से सावधान
कुछ लोग नकली स्टांप पेपर या फर्जी नोटरी की मुहर का इस्तेमाल करते हैं, जिससे दस्तावेज असली जैसा दिखता है. ऐसे दस्तावेज कानूनी रूप से मान्य नहीं होते और भविष्य में आपको कानूनी और वित्तीय परेशानी झेलनी पड़ सकती है. इसलिए हमेशा सरकारी माध्यम से ही रजिस्ट्री करवाएं और हर दस्तावेज की सावधानीपूर्वक जांच करें.