हापुस नाम से फर्जी आम तो नहीं खा रहे आप, UID कोड से बिक्री की तैयारी

देवगढ़ तालुका मैंगो ग्रोअर्स कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड ने नकली आमों की बिक्री पर रोक लगाने के लिए UID सील (TP Seal) सिस्टम लागू किया है. इस सिस्टम से ग्राहक आसानी से असली आम की पहचान कर सकेंगे.

Kisan India
Noida | Updated On: 20 Mar, 2025 | 09:36 PM

अगर आप देवगढ़ हापुस (अल्फांसो) आम के असली और नकली को लेकर परेशान रहते हैं, तो अब आपकी टेंशन खत्म होने वाली है. देवगढ़ तालुका मैंगो ग्रोअर्स कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड ने टैम्पर प्रूफ UID सील (TP Seal) सिस्टम लागू किया है. इसका मकसद नकली आमों की बिक्री पर रोक लगाना और ग्राहकों को 100 प्रतिशत असली GI (जियोग्राफिकल इंडिकेशन) प्रमाणित देवगढ़ हापुस आम उपलब्ध कराना है. बाजार में बिकने वाले हर असली देवगढ़ हापुस आम पर यह विशेष TP Seal स्टिकर लगा होगा, जिससे इसे आसानी से पहचान जा सकेगा.

नकली आमों की बिक्री पर लगाम क्यों जरूरी?

बाजार में हापुस के नाम पर कई आम बेचे जाते हैं, जिनमें 80 प्रतिशत आम नकली होते हैं. यह नई पहचान प्रणाली ग्राहकों को ठगी से बचाने और असली देवगढ़ हापुस आम खरीदने में मदद करेगी. सिंधुदुर्ग जिले में उगने वाला हापुस आम अपनी खास सुगंध, बेहतरीन स्वाद और अद्भुत मिठास के लिए दुनियाभर में काफी फेमस है.

पिछले कुछ दशकों से जो आम देवगढ़ हापुस के नाम पर बेचे जा रहे हैं असल में कहीं और उगाए जाते हैं. इस धोखाधड़ी से आम के असली किसानों को नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए, देवगढ़ तालुका मैंगो ग्रोअर्स कोऑपरेटिव सोसाइटी ने GI अधिनियम 1999 के तहत अपने कानूनी अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए यह सख्त कदम उठाया है कि अब बिना TP Seal UID स्टिकर के कोई भी आम देवगढ़ हापुस के नाम पर नहीं बिकेगा.

कैसे काम करेगा TP Seal UID सिस्टम?

  1. यह सिस्टम मुंबई की कंपनी Sun Solutions के सहयोग से बनाया गया है. इस प्रक्रिया में हर GI-रजिस्टर्ड किसान को उनके पेड़ों की संख्या और उत्पादन क्षमता के अनुसार TP Seal UID दिया जाएगा.
  2. हर असली देवगढ़ हापुस आम पर एक यूनिक अल्फ़ान्यूमेरिक कोड वाला स्टिकर होगा. इस स्टिकर के दो हिस्से होंगे एक आम की सतह पर दिखेगा और दूसरा स्टिकर के नीचे छिपा होगा.
  3. ग्राहक इस स्टिकर की फोटो लेकर व्हाट्सएप पर भेज सकते हैं. सिस्टम ग्राहक से स्टिकर के पीछे का कोड मांगेगा जिसे दर्ज करने पर तुरंत पुष्टि होगी.
  4. अगर कोड असली होगा, तो ग्राहक को किसान या विक्रेता का नाम,गांव और GI रजिस्टर्ड नंबर जैसी पूरी जानकारी मिल जाएगी.
  5. यह सिस्टम ग्राहकों को नकली आम खरीदने से बचाएगा और देवगढ़ हापुस आम की असली पहचान को बरकरार रखेगा.
  6.  नकली आम बेचने वालों पर होगी कानूनी कार्रवाई

सोसाइटी ने साफ तौर पर कहा है की बिना GI पंजीकरण और TP Seal UID स्टिकर के कोई भी आम देवगढ़ हापुस के नाम पर नहीं बेचा जा सकता. अगर कोई भी दुकानदार, व्यापारी या बिचौलिया इस नियम को तोड़ता है, तो उस पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.

GI अधिनियम 1999 और भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 के तहत:

धारा 39 और 40 के अनुसार गलत GI मार्क वाले आम बेचना अपराध है, जिसके लिए तीन साल तक की जेल और 2 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. इसके साथ ही धारा 50 के तहत यह अपराध संज्ञेय (cognizable) माना जाएगा, यानी पुलिस बिना वारंट के भी कार्रवाई कर सकती है. तो वहीं धारा 349 और 350 में नकली प्रॉपर्टी मार्क या गलत मार्किंग वाले सामान बेचने पर एक से तीन साल की जेल या जुर्माने का भी प्रावधान है.

आम खरीदते समय किन बातों का रखें ध्यान

  • TP Seal UID स्टिकर की जांच करें.
  • स्टिकर को स्कैन करने या व्हाट्सएप पर कोड भेजकर पुष्टि करें.
  • बिना स्टिकर वाले आम को देवगढ़ हापुस मानकर न खरीदें.
  • संदेह होने पर तुरंत इस हेल्पलाइन नंबर +91 9167668899 पर शिकायत करें.

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Published: 20 Mar, 2025 | 05:52 PM

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