India Block Manifesto: बिहार में फिर से मंडी व्यवस्था शुरू होगी, किसानों को एमएसपी गारंटी देने का वादा

India Block Manifesto for Bihar Election 2025: किसानों के लिए MSP गारंटी देने का वादा किया गया है. महागठबंधन के चुनावी मेनीफेस्टो में कहा गया है कि किसानों की सभी फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी दी जाएगी. राज्य में मंडियों को फिर से सक्रिय किया जाएगा.

रिजवान नूर खान
नोएडा | Updated On: 28 Oct, 2025 | 06:02 PM

आगामी बिहार चुनाव 2025 के लिए महागठबंधन ने ‘बिहार का तेजस्वी प्रण’ शीर्षक से अपना घोषणापत्र जारी किया गया है. इसमें किसानों के लिए MSP गारंटी देने का वादा किया गया है. तेजस्वी यादव ने कहा कि किसानों को सभी फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी दी जाएगी. उन्होंने कहा कि राज्य में मंडियों को फिर से सक्रिय किया जाएगा. ताकि, किसान उपज की बिक्री आसानी से और ऊंचे दाम पर कर सकें.

महागठबंधन ने ‘बिहार का तेजस्वी प्रण’ घोषणापत्र जारी

आगामी बिहार चुनाव 2025 के लिए महागठबंधन ने ‘बिहार का तेजस्वी प्रण’ शीर्षक से अपना घोषणापत्र जारी किया. VIP प्रमुख और महागठबंधन की तरफ से उप-मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार मुकेश सहनी ने कहा कि आज हमने एक नया बिहार बनाने के लिए संकल्प पत्र जारी किया है. अगले 30-35 सालों तक हमने बिहार की जनता के बीच रहना है, सेवा करनी है। हमने आज जो संकल्प लिया है हर एक संकल्प हम पूरा करेंगे.

राहुल गांधी ने किसानों से किया था एमएसपी गारंटी का वादा, अब घोषणापत्र में शामिल किया

महागठबंधन ने घोषणापत्र में किसानों को MSP गारंटी देने का वादा किया है. बता दें कि 2023 में एमएसपी गारंटी कानून की मांग को लेकर देश में बड़ा आंदोलन चला है. जो फरवरी 2023 से शुरू होकर जुलाई 2025 तक चला था. संयुक्त किसान मोर्चा के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन पर बैठने के चलते केंद्र सरकार को किसानों से बातचीत के लिए बैकफुट पर आना पड़ा. तब से ही राहुल गांधी किसानों को एमएसपी गारंटी कानून देने का समर्थन करते आए हैं और अब जब वह बिहार चुनाव में महागठबंधन का हिस्सा हैं तो अपने मेनीफेस्टो में एमएसपी गारंटी कानून लागू करने की बात को प्रमुखता से शामिल किया है.

किसानों की फसल बिक्री के लिए फिर से मंडी व्यवस्था लागू करने का वादा

महागठबंधन के घोषणापत्र में किसानों को सभी फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी देने के साथ ही मंडी व्यवस्था देने का भी वादा किया गया है. घोषणा पत्र में कहा गया है कि बिहार में में मंडियों को फिर से सक्रिय किया जाएगा. ताकि, किसान उपज की बिक्री आसानी से और ऊंचे दाम पर कर सकें.

19 साल पहले बिहार में खत्म की गई थी मंडी व्यवस्था

बिहार में मंडी व्यवस्था को साल 2006 में खत्म कर दिया गया था. तत्कालीन बिहार सरकार ने मंडी प्रणाली को नियंत्रित करने वाले बिहार कृषि उपज बाजार अधिनियम 1960 को स्थगित कर दिया था. इस फैसले के चलते सरकारी मंडियों में न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर फसल खरीद जैसी व्यवस्था खत्म हो गई. मंडी व्यवस्था खत्म होने से राज्य में मंडियों का बुनियादी ढांचा खराब हो गया है. इससे किसानों को अपनी उपज का सही दाम नहीं मिल पाता है और व्यापारी मनमाने भाव पर उपज खरीदते हैं. किसानों को भारी नुकसान होता है.

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Published: 28 Oct, 2025 | 05:35 PM

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