उत्तर प्रदेश में सहजन मिशन शुरू, गरीब परिवारों को मिलेगा फायदा

सरकार इसे घर-बगिया योजना के जरिए लोगों तक पहुंचा रही है, ताकि हर घर में पोषण से भरपूर सहजन उगाया जा सके. इसके साथ ही सरकार गरीब तबकों और ग्रामीण इलाकों में मुफ्त पौधे बांट रही है.

Kisan India
नई दिल्ली | Updated On: 26 May, 2025 | 10:27 AM

आज के दौर में जब एक तरफ कुपोषण से लाखों लोग प्रभावित हैं और दूसरी तरफ जलवायु परिवर्तन से खेती पर खतरे मंडरा रहे हैं, ऐसे समय में उत्तर प्रदेश सरकार ने एक अनोखी और दूरदर्शी पहल की है. राज्य सरकार सहजन (मोरिंगा) की खेती को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दे रही है. यह एक ऐसा पौधा जिसे पोषण का पावरहाउस भी कहा जाता है और जो पर्यावरण के लिए भी बेहद फायदेमंद है. इस अभियान का उद्देश्य है न केवल लोगों को स्वास्थ्यवर्धक आहार उपलब्ध कराना, बल्कि किसानों को टिकाऊ और लाभदायक खेती की ओर प्रेरित करना.

क्या है सहजन और क्यों है यह खास?

सहजन को ‘चमत्कारी पेड़’ कहा जाता है क्योंकि इसके पत्तों में भरपूर पोषक तत्व होते हैं. रिसर्च के अनुसार, इसकी पत्तियों में संतरे से 7 गुना ज्यादा विटामिन C और दूध से 4 गुना ज्यादा कैल्शियम होता है. यह ना सिर्फ बच्चों और महिलाओं के लिए फायदेमंद है, बल्कि कुपोषण से जूझते इलाकों के लिए भी वरदान बन सकता है.

घर-घर बागवानी योजना

सरकार इसे घर-बगिया योजना के जरिए लोगों तक पहुंचा रही है, ताकि हर घर में पोषण से भरपूर सहजन उगाया जा सके. इसके साथ ही सरकार गरीब तबकों और ग्रामीण इलाकों में मुफ्त पौधे बांट रही है.

किसानों को भी होगा बड़ा फायदा

  • खेती में सहजन का इस्तेमाल कई तरीके से हो सकता है:
  • इसका चारा गाय-भैंस को देने से दूध उत्पादन 50% तक बढ़ सकता है.
  • पत्तियों का अर्क (जूस) प्राकृतिक कीटनाशक का काम करता है और फसलों की पैदावार 25% तक बढ़ा सकता है.
  • सहजन की फूलें ऑफ-सीजन में खिलती हैं, जिससे मधुमक्खियों को भोजन मिलता है और परागण (pollination) में मदद मिलती है.

प्रशिक्षण और नई किस्मों को बढ़ावा

सरकार PKM-1 और PKM-2 किस्मों को बढ़ावा दे रही है जो कम समय में ज्यादा उत्पादन देती हैं और गर्मी-सर्दी दोनों सह लेती हैं. ये किस्में तमिलनाडु एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के सहयोग से लाई गई हैं और यूपी की मिट्टी व मौसम के लिए अनुकूल हैं.

पोषण योजनाओं में भी शामिल होगा सहजन

बच्चों के कुपोषण को देखते हुए, सरकार इसे पीएम पोषण योजना (मिड-डे मील) में भी शामिल करने की योजना बना रही है, जिससे स्कूलों में बच्चों को पोषणयुक्त खाना मिल सके.

पर्यावरण को भी होगा लाभ

इस अभियान से प्रदेश में हरियाली भी बढ़ेगी. सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक पेड़-पौधों का क्षेत्र 9% से बढ़ाकर 15% किया जाए. इसके लिए कृषि विज्ञान केंद्रों (KVKs) पर किसानों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

Published: 26 May, 2025 | 10:26 AM

किस देश को दूध और शहद की धरती (land of milk and honey) कहा जाता है?

Poll Results

भारत
0%
इजराइल
0%
डेनमार्क
0%
हॉलैंड
0%