आने वाले वर्षों में महाराष्ट्र का विदर्भ क्षेत्र 10,000 करोड़ रुपये की संतरे आधारित अर्थव्यवस्था बना सकता है. इसके लिए यहां के किसानों को स्पेन की तकनीक को अपनाना होगा. इससे संतरे के उत्पादन में 6 से 7 गुना तक बढ़ोतरी हो जाएगी. महाराष्ट्र में अभी संतरे का औसत उत्पादन प्रति एकड़ 4 टन है. वहीं, स्पेन के वालेंसिया में किसान प्रति एकड़ 25 से 30 टन संतरा पैदा कर रहे हैं.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, ये बातें केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister Nitin Gadkari) ने कही है. उन्होंने भारतीय तकनीकी अनुसंधान और विकास परिषद (ICTRD) के सचिवालय भवन और इनक्यूबेशन सेंटर के उद्घाटन के दौरान कहा है कि विदर्भ आने वाले 10 सालों में 10,000 करोड़ रुपये की संतरे आधारित अर्थव्यवस्था बना सकता है. उन्होंने कहा कि इसके लिए किसानों को नई-नई तकनीकों को अपनाना होगा. उनके मुताबिक, स्टार्टअप्स और इनोवेशन खेती और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बदल सकते हैं.
इस तरह बढ़ेगा संतरे का उत्पादन
उन्होंने कहा कि स्पेन की तकनीक को अपनाने से विदर्भ में संतरे की पैदावार बढ़ रही है. गडकरी ने कहा कि स्पेन के वालेंसिया में किसान प्रति एकड़ 25 से 30 टन संतरे उगाते हैं, जबकि विदर्भ में पैदावार सिर्फ 4 टन प्रति एकड़ है. अगर हम उनकी तकनीक अपनाएं, तो हमारी पैदावार भी कई गुना बढ़ सकती है. उन्होंने हाई-टेक खेती, ग्रामीण नवाचार और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित खेती की अहमियत पर भी जोर दिया.
तकनीक के जरिए बढ़ाई प्याज की पैदावार
गडकरी ने कहा कि मैं हर नई मशीन पहले अपनी खेती में आजमाता हूं, फिर दूसरों को सुझाव देता हूं. हमने अपने धापेवाड़ा फार्म में तकनीक के जरिए प्याज की पैदावार भी बढ़ाई है. उन्होंने बरामती में हुए AI पायलट प्रोजेक्ट की सफलता का उदाहरण देते हुए कहा कि ऐसी ही तकनीक को विदर्भ के संतरा उत्पादन में भी इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वालेंसिया की एक एग्री बिजनेस स्कूल विदर्भ के किसानों को ट्रेनिंग और तकनीकी जानकारी देने में मदद कर रही है.
विदर्भ की खनिज संपदा और अनछुए संसाधनों का जिक्र करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि महाराष्ट्र के 75 फीसदी खनिज विदर्भ में हैं, फिर भी हम कई चीजों के लिए आयात पर निर्भर हैं. उन्होंने कहा कि अब समय है सोच को बदलने और समुदाय आधारित शोध (रिसर्च) को बढ़ावा देने का.
हमें नौकरी देने वाला बनना चाहिए
गडकरी ने युवाओं से अपील की कि वे सरकारी नौकरी पर निर्भर रहने के बजाय स्टार्टअप शुरू करें और अपने ज्ञान को कमाई का जरिया बनाएं. उन्होंने कहा कि आज भारत में 1.8 लाख से ज्यादा स्टार्टअप हैं. हमें नौकरी मांगने वाला नहीं, नौकरी देने वाला बनना चाहिए. स्टार्टअप्स ही विकास का सबसे बड़ा हथियार हैं.