हरियाणा के झज्जर जिले में गेहूं की खरीद जारी है. जिले की मंडियों में अब तक कुल 1,95,032 मीट्रिक टन गेहूं की आवक हुई है, जिसमें से 1,75,277 मीट्रिक टन गेहूं सरकारी एजेंसियों ने खरीदा है. इसमें से 1,32,707 मीट्रिक टन गेहूं का उठान मंडियों से किया जा चुका है. अब तक 17,501 किसानों को भुगतान भी किया जा चुका है. आने वाले दिनों गेहूं की आवक में और तेजी आने की उम्मीद है.
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, डिप्टी कमिश्नर प्रदीप दहिया ने कहा कि जिले में प्रशासन ने मंडियों से खरीदे गए गेहूं के उठान की प्रक्रिया तेज कर दी है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक, अब तक करीब 76 फीसदी गेहूं का उठान हो चुका है, जबकि 73 फीसदी किसानों को भुगतान किया जा चुका है. डिप्टी कमिश्नर का कहना है कि खरीद एजेंसियों को निर्देश दिए हैं कि बाकी बचे गेहूं का उठाव तुरंत किया जाए. खास बात यह है कि किसानों को भुगतान तभी मिलता है जब उनकी फसल निर्धारित गोदाम तक पहुंच जाती है, इसलिए समय पर उठान बेहद जरूरी है.
10 मंडियों में MSP पर खरीद जारी
जिले में गेहूं की खरीद का काम तीन सरकारी एजेंसियां कर रही हैं. यह खरीद जिले की 10 मंडियों में 2,425 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर की जा रही है. डिप्टी कमिश्नर प्रदीप दहिया ने कहा कि गेहूं की खरीद अभी जारी है. उन्होंने मंडियों में हुई आवक का ब्योरा भी दिया है. झज्जर में 50,811 मीट्रिक टन, बादली में 10,698 मीट्रिक टन, ढाकला में 10,007 मीट्रिक टन, बेरी में 41,050 मीट्रिक टन, मातनहेल में 25,177 मीट्रिक टन, माजरा डी में 31,360 मीट्रिक टन, छारा में 11,600 मीट्रिक टन, बहादुरगढ़ में 737 मीट्रिक टन, असौदा में 7,960 मीट्रिक टन और पतोदा में 5,632 मीट्रिक टन गेहूं की आवक हुई है.
डिप्टी कमिश्नर प्रदीप दहिया ने अधिकारियों और खरीद एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल पर जोर दिया, ताकि मंडियों में जगह की कमी और देरी जैसी समस्याएं न आएं. उन्होंने कहा कि समय पर भुगतान और तेजी से उठान बिल्कुल भी टलना नहीं चाहिए. अधिकारियों को स्टोरेज की बेहतर प्लानिंग करने और उठाव की प्रक्रिया पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं.
अधिकारियों को दिए खास निर्देश
इसके साथ ही डीसी ने मार्केट कमेटी के अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों के लिए मंडियों में सभी जरूरी सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं, ताकि खरीद सीजन में उन्हें कोई परेशानी न हो. उन्होंने संबंधित अधिकारियों को यह भी कहा कि वे नियमित रूप से उठाव प्रक्रिया की निगरानी करें और उसकी रिपोर्ट दें.