1 लाख एकड़ में किसान करेंगे प्राकृतिक खेती, MSP से कम रेट होने पर होगी नुकसान की भरपाई

हरियाणा में लगभग 10,000 एकड़ भूमि पर प्राकृतिक खेती हो रही है और यह क्षेत्र धीरे-धीरे बढ़ रहा है. किसानों को प्राकृतिक खेती से जुड़ी फसल बेचने में आसानी हो, इसके लिए गुरुग्राम में एक अनाज मंडी खोली की गई है.

नोएडा | Published: 7 Jul, 2025 | 08:16 AM

Haryana News: हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि राज्य सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए 1 लाख एकड़ भूमि पर इसे लागू करने का लक्ष्य रखा है. उन्होंने किसानों से अपील की कि वे प्राकृतिक खेती अपनाएं. मंत्री ने ‘भावांतर भरपाई योजना’ का जिक्र करते हुए कहा कि अगर किसानों को बाजार में MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) से कम दाम मिलता है, तो सरकार उस नुकसान की भरपाई करेगी.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा है कि 2016 में इंडो-इजरायल प्रोजेक्ट के तहत लाडवा में सब-ट्रॉपिकल फ्रूट सेंटर  बना था. शुरुआत में यहां 10,000 पौधे तैयार किए जाते थे, लेकिन अब यह सेंटर हर साल 1 लाख पौधे किसानों को वितरित करने के लिए तैयार करता है. सब-ट्रॉपिकल फ्रूट सेंटर आम, लीची, नाशपाती, आड़ू और चीकू सहित 6 फसलों पर रिसर्च भी हो रही है. श्याम सिंह राणा ने किसानों से गेहूं और धान की खेती से आगे बढ़कर बागवानी, मछली पालन, मधुमक्खी पालन, डेयरी जैसे क्षेत्रों की ओर ध्यान देने की अपील की.

10,000 एकड़ भूमि पर प्राकृतिक खेती

दरअसल, कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा कुरुक्षेत्र के लाडवा स्थित इंडो-इजरायल सब-ट्रॉपिकल फ्रूट्स सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में तीन दिवसीय 7वें फल मेले के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि अभी राज्य में लगभग 10,000 एकड़ भूमि पर प्राकृतिक खेती हो रही है और यह क्षेत्र धीरे-धीरे बढ़ रहा है. किसानों को प्राकृतिक खेती से जुड़ी फसल बेचने में आसानी हो, इसके लिए गुरुग्राम में एक अनाज मंडी खोली की गई है. वहां एक लैब भी बनाई गई है, जो फसल की गुणवत्ता की जांच करेगी. गुणवत्ता तय होने के बाद एक समिति फसल की कीमत तय करेगी और उसे खरीदेगी.

किसानों को किया सम्मानित

मंत्री ने कहा कि अच्छी गुणवत्ता वाले अनाज का सेवन करने से बीमारियां दूर रहेंगी और हमारी सेहत भी ठीक रहेगी. इसके साथ ही समाज, राज्य और देश का भी विकास होगा. उन्होंने बागवानी क्षेत्र के 10 प्रगतिशील किसानों को सम्मानित भी किया. हर किसान को 5,100 नकद, एक ट्रॉफी और सम्मान पत्र दिया गया. मंत्री ने बागवानी विभाग द्वारा लगाए गए स्टॉल्स का दौरा किया और आम की विभिन्न किस्मों की जानकारी ली. उन्होंने यह भी कहा कि नई योजनाओं के जरिए हर वर्ग की आय बढ़ाकर, देश को 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाया जा सकता है.

किसानों की भलाई के लिए हो रहे ये काम

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों की भलाई के लिए लगातार नई योजनाएं बना रही है. अगर किसी योजना को लागू करते समय कोई दिक्कत आती है, तो उसे सुधारकर फिर से लागू किया जाता है, ताकि किसानों को पूरा लाभ मिल सके. उन्होंने किसानों को देश की रीढ़ बताया और उन्हें आधुनिक व विविध खेती अपनाने के लिए प्रेरित किया. मंत्री ने ‘भावांतर भरपाई योजना’ का जिक्र करते हुए कहा कि अगर किसानों को बाजार में एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) से कम दाम मिलता है, तो सरकार उस नुकसान की भरपाई करती है. इस मौके पर बागवानी विभाग के कई अधिकारी और भाजपा नेता भी मौजूद थे.