अगर आप किसान हैं और फसल को नीलगाय, आवारा गाय-बैल या जंगली जानवरों से बचाने में परेशान हैं तो ये खबर आपके बहुत काम की है. सरकार ने खेतों की तारबंदी के लिए खास योजना चला रही है, जिसमें आपको 50 फीसदी से लेकर 70 फीसदी तक का अनुदान मिल सकता है. यानी अब खेत बचाना आसान होगा और आपकी मेहनत सुरक्षित. बस जरूरी है कि आप समय पर योजना का लाभ उठाएं और ऑनलाइन आवेदन करें.
फसल बचाना है तो जरूरी है खेत की तारबंदी
राजस्थान सरकार के कृषि विभाग के मुताबिक, उत्तर भारत के कई जिलों में किसान नीलगाय और आवारा पशुओं से परेशान हैं. फसल रातोंरात बर्बाद हो जाती है, जिससे कई किसान खेती छोड़ने की सोचने लगते हैं. ऐसे हालात में खेत की बाउंड्री यानी तारबंदी करना बहुत जरूरी हो गया है. इससे फसल सुरक्षित रहेगी और किसानों की मेहनत और लागत दोनों बच सकेगी. यही वजह है कि सरकार ने तारबंदी पर अनुदान देने की योजना शुरू की है.
तारबंदी पर मिल रही है सरकारी सब्सिडी
राज्य सरकार की यह योजना किसानों को खेत की तारबंदी के लिए आर्थिक मदद देती है, जिससे फसल को नीलगाय और आवारा जानवरों से बचाया जा सके. किसान 400 रनिंग मीटर तक तारबंदी कर सकते हैं. इसके अलावा, लघु और सीमांत किसानों को 60 फीसदी या अधिकतम 48,000 रुपये तक, जबकि सामान्य किसानों को 50 फीसदी या अधिकतम 40,000 रुपये तक अनुदान मिलेगा. अगर 10 या ज्यादा किसान मिलकर 5 हेक्टेयर से अधिक खेत की घेराबंदी करते हैं तो उन्हें 70 फीसदी या अधिकतम 56,000 रुपये तक की सहायता मिलती है.
ये व्यक्ति ले सकते हैं योजना का लाभ
इस योजना का फायदा सभी किसान उठा सकते हैं. व्यक्तिगत आवेदन के लिए किसान के पास कम से कम 1.5 हेक्टेयर जमीन एक ही जगह होनी चाहिए. वहीं, जनजातीय क्षेत्रों में ये सीमा 0.5 हेक्टेयर है. अगर 10 या उससे ज्यादा किसान मिलकर आवेदन करते हैं तो उनके पास कुल 5 हेक्टेयर जमीन होनी चाहिए, जो एक ही परिधि में हो
आवेदन के लिए करना होगा ये काम
किसान इस योजना के लिए राज किसान साथी पोर्टल पर जाकर जनआधार नंबर से खुद ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. अगर चाहें तो नजदीकी ई-मित्र केंद्र से भी आवेदन कराया जा सकता है. आवेदन के साथ कुछ जरूरी दस्तावेज भी लगाने होंगे, जैसे आधार कार्ड, जनआधार कार्ड, छह महीने से कम पुरानी जमाबंदी की नकल और बैंक खाते की जानकारी. आवेदन सफलतापूर्वक सबमिट करने के बाद उसकी प्राप्ति रसीद भी ऑनलाइन ही मिल जाएगी. यह योजना चालू वित्तीय वर्ष में लागू है, यानी जितनी जल्दी आवेदन करेंगे, उतनी जल्दी लाभ मिल सकता है.