4 फीसदी ब्याज पर मिलेगा 3 लाख तक का फसल लोन, सरकार खर्च करेगी 11000 करोड़

सहकारिता विभाग के सचिव राजेश पाटिल द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि सभी स्वीकृत फसल लोन सीधे किसानों के सेविंग बैंक खातों में ट्रांसफर किए जाएं. अगर कोई भी लोन इन निर्देशों के खिलाफ दिया गया, तो वह अवैध माना जाएगा.

नोएडा | Updated On: 19 May, 2025 | 04:51 PM

ओडिशा सरकार ने आने वाले खरीफ सीजन 2025 के लिए शॉर्ट टर्म कोऑपरेटिव क्रेडिट स्ट्रक्चर के तहत 11,000 करोड़ रुपये का फसल लोन वितरित करने का लक्ष्य तय किया है. जबकि पिछले सीजन में 18.86 लाख किसानों को 10,185 करोड़ रुपये का फसल लोन दिया गया था. खास बात यह है कि प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां (PACS) के किसान सदस्यों को फसल लोन रियायती ब्याज दर पर दिया जाएगा. 1 लाख रुपये तक के लोन पर सालाना 4 फीसदी और 1 लाख से 3 लाख रुपये तक के लोन पर 5 फीसदी ब्याज दर लगेगी. इस पर सरकार की ओर से ब्याज सब्सिडी भी दी जाएगी.

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जो किसान समय पर भुगतान करते हैं, उनके लिए 1 लाख रुपये तक के फसल ऋण पर प्रभावी ब्याज दर शून्य रहेगी. वहीं, सहकारिता विभाग ने सभी जिला कलेक्टरों को पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि असली और पात्र किसानों को जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (DCCBs), PACS और LAMPS के जरिए दिए जाने वाले सब्सिडी वाले फसल लोन का लाभ जरूर मिले.

फसल बीमा योजना रहेगी जारी

सहकारिता विभाग के सचिव राजेश पाटिल द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि सभी स्वीकृत फसल लोन सीधे किसानों के सेविंग बैंक खातों में ट्रांसफर किए जाएं. अगर कोई भी लोन इन निर्देशों के खिलाफ दिया गया, तो वह अवैध माना जाएगा और लोन स्वीकृत करने वाले व वितरित करने वाले अधिकारी जिम्मेदार होंगे. साथ ही पत्र में यह भी कहा गया है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) खरीफ 2025 सीजन में भी जारी रहेगी, जो राज्य सरकार द्वारा तय नियमों के अनुसार लागू की जाएगी. सभी किसान, जिनमें बंटाईदार और किराए पर खेती करने वाले किसान भी शामिल हैं, यदि वे अधिसूचित फसलें अधिसूचित क्षेत्रों में उगा रहे हैं, तो इस योजना के तहत कवर किए जाएंगे.

कुल फसल लोन में 48 फीसदी हिस्सेदारी

इस बीच, राज्य स्तरीय तकनीकी समिति (SLTC) ने खरीफ सीजन की फसलों और कृषि से जुड़ी गतिविधियों के लिए फाइनेंस का स्केल तय कर लिया है, जिसे सभी सहकारी, वाणिज्यिक और क्षेत्रीय बैंकों को भेज दिया गया है. बता दें कि शॉर्ट टर्म कोऑपरेटिव क्रेडिट सिस्टम, जिसमें प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां (PACS) शामिल हैं, किसानों तक फसल लोन पहुंचाने में अहम भूमिका निभाता है. कुल फसल लोन वितरण में इनकी हिस्सेदारी करीब 48 फीसदी है. वहीं, कमर्शियल बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRBs) के लिए फसल लोन का लक्ष्य अलग से स्टेट लेवल बैंकर्स कमिटी (SLBC) द्वारा तय किया जाएगा.

Published: 19 May, 2025 | 04:51 PM