Animal Care : अगर आप पशुपालक हैं और रोज-रोज यही चिंता रहती है कि गाय या भैंस जितना दाना–भूसा खाती है उतना दूध नहीं देती, तो टेंशन छोड़ दीजिए. आज हम आपको ऐसा देसी, सस्ता और बेहद कारगर नुस्खा बताने जा रहे हैं जिससे आपके दुधारू पशु बाल्टी भर-भरकर दूध देंगे. इतना ही नहीं, उनका हाजमा भी दुरुस्त रहेगा और वो हमेशा फिट भी रहेंगे.
ये नुस्खा किसी महंगे टॉनिक या दवाई का नहीं, बल्कि एक साधारण पेड़ के पत्ते का है- अरंडी का पत्ता. जी हां, वही अरंडी जिसका तेल कभी दादी–नानी पेट साफ करने के लिए पिलाती थीं. अब यही अरंडी आपके पशुओं का दूध बढ़ाने का भी रामबाण उपाय बन गई है.
अरंडी के पत्तों से दूध बढ़ाने वाला लोकप्रिय नुस्खा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह नुस्खा अब कई किसानों के बीच काफी लोकप्रिय हो गया है. किसान भूसे और चारा मशीन में अरंडी के पत्तों को कतरकर अपने पशुओं को खिलाते हैं. गांवों में सड़कों या खेतों के किनारे अरंडी के पेड़ आसानी से मिल जाते हैं. कई जगहों पर इसकी बाकायदा खेती भी की जाती है. किसान बताते हैं कि जैसे ही पशुओं को अरंडी के पत्ते खिलाना शुरू किया जाता है, कुछ ही दिनों में दूध की मात्रा बढ़ने लगती है. कई लोगों ने देखा है कि पहले जो गाय एक बाल्टी दूध देती थी, अब वही डेढ़ से दो बाल्टी देने लगती है.
कैसे खिलाएं अरंडी के पत्ते?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पशुपालकों का कहना है कि अरंडी के पत्तों को पहले चारा मशीन में छोटे-छोटे टुकड़ों में काटना चाहिए. उसके बाद उसे भूसे या दाना-मिश्रण में मिलाकर पशुओं को खिलाया जाता है. हैरानी की बात यह है कि कई पशु बिना भूसे में मिलाए भी अरंडी के पत्तों को सीधे खा लेते हैं. लेकिन पहली बार खिला रहे हैं तो भूसे के साथ मिलाकर देना बेहतर रहता है.
दूध क्यों बढ़ाता है अरंडी का पत्ता?
अरंडी के पत्तों में प्रोटीन और फाइबर की भरपूर मात्रा होती है. प्रोटीन दूध बढ़ाने में मदद करता है और फाइबर पाचन को बेहतर बनाता है. जब पशु का हाजमा अच्छा रहेगा तो उसका शरीर भी ताकतवर रहेगा और दूध अपने आप बढ़ जाएगा. आयुर्वेद में भी अरंडी के पत्तों को औषधीय पौधा माना गया है. पशुओं के शरीर में सूजन, कमजोरी या भूख न लगने जैसी समस्याओं में यह पत्ते बहुत फायदेमंद होते हैं.
बीमारियों से बचाव में भी मददगार
कई पशुपालकों के अनुसार, जिन पशुओं को अरंडी के पत्ते खिलाए जाते हैं, उन्हें कब्ज, अपच या गैस की समस्या कम होती है. अगर किसी पशु का हाजमा खराब है तो तीन-चार दिन तक अरंडी के पत्ते खिलाने से पेट एकदम साफ हो जाता है. अरंडी के पत्ते मच्छर और कीड़े-मकौड़ों को भी पास नहीं आने देते. इसलिए कई किसान अपने पशुशाला में भी अरंडी के पत्ते या टहनियां लटका देते हैं.
कितनी मात्रा में खिलाना चाहिए?
अगर आप गाय या भैंस को पहली बार अरंडी का पत्ता खिला रहे हैं तो शुरुआत में एक मुट्ठा या एक छोटी गट्ठी पत्तों की दें. धीरे-धीरे इसकी मात्रा बढ़ाएं. किसान बताते हैं कि साल भर रोजाना 200 से 300 ग्राम पत्ते आराम से खिलाए जा सकते हैं. खास बात यह है कि अरंडी का पत्ता गर्म या ठंडा दोनों मौसम में फायदेमंद होता है. गर्मियों में पाचन ठीक रखता है और सर्दियों में शरीर को ताकत देता है.
किन बातों का ध्यान रखें?
- अगर पहली बार खिला रहे हैं तो थोड़ी मात्रा में ही दें.
- पत्ते ताजे होने चाहिए, सूखे या सड़े नहीं.
- अगर पशु को पेट से जुड़ी गंभीर बीमारी है तो पहले स्थानीय वेटरनरी डॉक्टर से सलाह लें.
- अरंडी के बीज (कच्चे) कभी भी न खिलाएं, क्योंकि इनमें तेज असर हो सकता है.