हरियाणा में फैली बहुत गंभीर बीमारी, चपेट में आने से 10 दुधारू मवेशियों की मौत.. किसानों में डर का माहौल

हरियाणा में बाढ़ के बाद मवेशियों में संक्रमण फैल गया है. सात दिनों में 10 पशुओं की मौत हो चुकी है. ग्रामीणों ने सरकार से विशेष पशु चिकित्सा टीम भेजने और मुआवजा देने की मांग की है. बीमारी से लाखों रुपये का नुकसान हो चुका है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 23 Sep, 2025 | 02:03 PM

Haryana News: हरियाणा के हिसार जिले में बाढ़ के पानी उतरने के बाद मवेशियों में संक्रमण फैल रहा है. खासकर जिले के हरिकोट गांव में पशुपालकों में डर का माहौल है, क्योंकि पिछले सात दिनों में भैंसों और गायों समेत करीब 10 पशुओं की बीमारी से मौत हो चुकी है. गांव वालों का कहना है कि सोमवार को ही चार भैंसों की मौत हो गई और कई अन्य पशु जैसे गाय, भैंस और बछड़े गंभीर रूप से बीमार हैं. ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि बीमार पशुओं का इलाज जल्द शुरू किया जाए और बीमारी को फैलने से रोका जाए.

द  ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, गांव वालों को शक है कि यह बीमारी खुरपका-मुंहपका  (Foot-and-Mouth Disease) हो सकती है, जो तेजी से पशुओं को अपनी चपेट में ले रही है. वहीं, मंगाली पशु अस्पताल की पशु चिकित्सक डॉ. मीतू ने कहा कि सोमवार को मौतों की सूचना मिलने के बाद गांव में एचएस और एफएमडी (FMD) की वैक्सीन लगाई जा रही है. डॉ. मीतू ने यह साफ किया कि पशुओं की मौत खुरपका-मुंहपका (FMD) के कारण नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि यह संक्रमण गंदा और रुका हुआ पानी पीने से फैला है, जो बारिश और नहर टूटने के कारण इकट्ठा हो गया था और पशुओं को पिलाया जा रहा था.

किसानों को लाखों रुपये का नुकसान

उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि यही दूषित पानी  पीने से पशु बीमार हुए और कुछ की मौत हो गई. उनकी टीम को गांव में टीकाकरण और बीमार पशुओं के इलाज के लिए भेजा गया है. डॉ. मीतू ने यह भी कहा कि अब तक किसी भी मृत पशु का पोस्टमार्टम नहीं किया जा सका, क्योंकि गांव वालों ने कोई भी मौत आधिकारिक रूप से रिपोर्ट नहीं की. वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि करीब 10 पशुओं की मौत से गांव में डर का माहौल है और पशुपालकों  को लाखों रुपये का नुकसान हो चुका है. बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है और लोग अपने बचे हुए पशुओं को बचाने की कोशिश में लगे हैं.

22 सितंबर को ही चार पशुओं की मौत

गांव के निवासी राजेश ने कहा कि कई परिवारों के भैंस, गाय और बछड़े इस बीमारी की चपेट  में आकर मर चुके हैं. उन्होंने कुछ पशुपालकों के नाम भी बताए, जिनमें राजेश, रसाल, रमेश, संदीप, रविंद्र, पुष्कर, राम किशन और मदन कुमार शामिल हैं. राजेश ने कहा कि 22 सितंबर को ही चार पशुओं की मौत एक ही दिन में हो गई. उन्होंने कहा कि इससे पहले पशु चिकित्सा विभाग की टीमें टीकाकरण और जांच के लिए गांव आई थीं, लेकिन बीमारी अब भी रोजाना पशुओं को नुकसान पहुंचा रही है. गांव वालों ने मुख्यमंत्री नायब सैनी, कैबिनेट मंत्री रणबीर गंगवा और जिला प्रशासन से अपील की है कि गांव में तुरंत विशेष पशु चिकित्सा टीम भेजी जाए और बीमार पशुओं का इलाज किया जाए. साथ ही, जिन पशुपालकों को नुकसान हुआ है, उन्हें मुआवजा देने की भी मांग की गई है.

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Published: 23 Sep, 2025 | 02:00 PM

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