खरीफ सीजन की शुरुआत हो चुकी है.किसान अब खरीफ सीजन की फसलों की बुवाई शुरु कर चुके हैं. ऐसे में किसानों के लिए बेहद जरूरी है कि बढ़ते तापमान में फसलों की खास देखभाल करें. फसलों और खेत की मिट्टी को जरूरी और सही पोषण जरूर दें. ऐसे में किसान अपनी फसलों के अच्छे विकास और रक्षा के लिए इफको की सागरिका गोल्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके इस्तेमाल से किसान अपने खेत की मिट्टी को भी और उपजाऊ बना सकते हैं.
फसलों पर ऐसे करें इस्तेमाल
फसलों की बुवाई के शुरुआती दौर में प्रति एकड़ फसल पर 10 किलोग्राम सागरिका गोल्ड या प्रति हेक्टेयर फसल पर 25 किलोग्राम की दर से डालें. किसान ध्यान रखें कि फसलों पर इसका छिड़काव समान रूप से होना चाहिए. इसके छिड़काव का सही समय फसल बुवाई के 15 से 20 दिन बाद होता है.
पानी में मिलाकर पौधों पर करें छिड़काव
अगर आपको पौधों पर सागरिका गोल्ड का इस्तेमाल करना है तो आप प्रति एकड़ पर 500 मीलीलीटर या फिर प्रति हेक्टेयर पर 1 लीटर सागरिका गोल्ड का इस्तेमाल करें. इसका इस्तेमाल करने के लिए 2.5 से 5 मिली सागरिका गोल्ड को 1 लीटर पानी में मिलाकर घोल बना लें. अब इस घोल को पौधों के बढ़ने के दौरान, पौधों में फूल आने से पहले और फूल आने के बाद छिड़काव करें. पौधों के विकास के साथ-साथ इसके इस्तेमाल से मिट्टी का भी स्वास्थ्य बेहतर होता है.

IFFCO Sagarika Gold
कीटों और रोगों से बचाव
सागरिका गोल्ड के इस्तेमाल से बढ़ते तापमान में या सूखे में भी पौधों की सुरक्षा होती है. मिट्टी में पनपने वाले सूक्ष्मजीवों की गतिविधियां बढ़ती हैं जिसके कारण मिट्टी की उर्वरता में बढ़ोतरी होती है. इसके साथ ही सागरिका गोल्ड के इस्तेमाल से किसान अपनी फसलों को रोग और कीटों के संक्रमण से भी बचा सकते हैं. किसान चाहें को अपने नजदीकी इफको बाजार केंद्र से इसे खरीद सकते हैं.
इन फसलों पर कर सकते हैं इस्तेमाल
सागरिका गोल्ड का इस्तेमाल खरीफ सीजन की कई फसलों पर किया जा सकता है. इन फसलों में धान, मक्का, सोयाबीन, बाजरा, उड़द, मूंग, अरहर, गन्ना , कपास, सब्जियों में भिंडी, लौकी, परवल, कद्दू , टमाटर, मिर्च की फसलें शामिल हैं. तिलहनी फसलों में सागरिका गोल्ड का इस्तेमाल सरसों की फसल पर की जा सकती है.