गर्मियों का मौसम आते ही ककड़ी की डिमांड तेजी से बढ़ जाती है. बाजारों में हर ठेले और सब्जी मंडियों में इसकी खूब बिक्री होती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये ककड़ी सिर्फ सेहत के लिए ही नहीं, बल्कि किसानों के लिए अच्छी कमाई का जरिया भी बन सकता है. खासकर उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में उगाया जाने वाला ‘जौनपुरी ककड़ी ‘ आजकल किसानों की पहली पसंद बनता जा रहा है. यह जल्दी तैयार, रोग प्रतिरोधक क्षमता और जबरदस्त उत्पादन के साथ किसानों की खेती के लिए लाभकारी फसल साबित हो सकती है.
150 से 180 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन
अगर खेत की सही देखभाल की जाए, समय पर सिंचाई और जैविक खाद का प्रयोग किया जाए, तो 150 से 180 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन संभव है. बाजार में ककड़ी की अच्छी मांग होने के कारण इसकी कीमत भी अच्छी मिलती है. ऐसे में किसान एक सीजन में ही लाखों की कमाई कर सकते हैं.
जौनपुरी ककड़ी की खेती कैसे करें
इस ककड़ी की खेती के लिए रेतीली दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है. इसके अच्छे विकास के लिए 24°C से 34°C के बीच का तापमान उपयुक्त होता है. खेत की बुवाई से पहले गहरी जुताई और सड़ी हुई गोबर की खाद डालना जरूरी होता है. एक हेक्टेयर खेत के लिए करीब 12 से 15 किलो बीज पर्याप्त होते हैं. बीज को 1 से 2 इंच गहराई में बोया जाता है. वहीं यह बुवाई के बाद सिर्फ 70 से 80 दिन में तैयार हो जाती है, यानी इसे नकदी फसल भी कहा जा सकता है.
करीब 95 प्रतिशत पानी होता है
ककड़ी गर्मियों में शरीर को ठंडक और हाइड्रेशन देने के लिए जाना जाता है. इसमें करीब 95 प्रतिशत पानी होता है, जिससे यह शरीर में पानी की कमी को पूरा करने में मदद करता है. इसके अलावा इसमें डायटरी फाइबर होता है जो पाचन तंत्र को स्वस्थ और कब्ज, गैस व अपच जैसी समस्याओं में राहत दिलाने में मदद करता है. साथ ही यह कम कैलोरी होने की वजह से ये वजन घटाने वालों के लिए भी फायदेमंद होता है.
जौनपुरी ककड़ी की खेती को क्यों अपनाएं किसान
- जल्दी तैयार होने वाली नकदी,
- फसल रोग प्रतिरोधी और कीटों से कम नुकसान,
- बाजार में अच्छी मांग और दाम,
- स्वास्थ्यवर्धक और गर्मी में लोकप्रिय फल