उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही प्रदेश में खाद की कालाबाजारी को रोकने के लिए एक्शन मोड में है. पिछले कई दिनों में प्रदेश के अलग-अलग राज्यों मे औचक निरीक्षण कर नकली खाद और खाद की कालाबाजारी करने वालों पर नकेल कसी जा चुकी है. अब इसी कड़ी में बलरामपुर के जिला कृषि अधिकारी पर सख्त कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया गया है.
बता दें कि इससे पहले सीतापुर जिले के कृषि अधिकारी पर भी कार्रवाई की गई थी, जिसके बाद उन्हें भी निलंबित कर दिया गया था. प्रदेश में अबतक कालाबाजारी के मामले में 26 लोगों पर कार्रवाई की जा चुकी है. वहीं 580 फुटकर विक्रेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया जा चुका है. इसकी जानकारी खुद कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने दी है.
किसानों की शिकायत पर हुई कार्रवाई
मीडिया से बात करते हुए यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि बलरामपुर जिले से खाद-उर्वरक की कालाबाजारी और बिक्री में गड़बड़ी को लेकर किसानों की शिकायत मिल रही थी. जिसके बाद इन शिकायतों को संज्ञान में लेकर जिले में मामले की जांच कराई गई जिसमें गड़बड़ी पाई गई और इस पर कार्रवाई करते हुए जिले के कृषि मंत्री को तुंरत प्रभाव से निलंबित कर दिया गया. वहीं एक और संबिधित अधिकारी को गड़बड़ी के चलते कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. कृषि मंत्री से साफ शब्दो में कहा कि प्रदेश में खाद की कालाबाजारी रोकना सरकार की प्राथमिकता है.
27 लाख टन यूरिया दी गई
उत्तर प्रदेश के कृषि विभाग के अनुसार प्रदेश के किसान जायद सीजन की फसलों की बुवाई शुरु कर चुके हैं. जिसके लिए सरकार उन्हें सही समय पर पर्याप्त मात्रा में खाद और उर्वरक उपलब्ध करा रही है. कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि प्रदेश में खरीफ सीजन की फसलों के लिए अबतक 27 लाख टन यूरिया किसानों को उपलब्ध कराई जा चुकी है. इसके अलावा 10 लाख टन यूरिया अभी उपलब्ध कराई जा रही है. उन्होंने बताया कि पिछले साल 32.84 लाख टन यूरिया उपलब्ध कराई गई थी. पिछले साल के मुकाबले इस साल कृषि विभाग के पास ज्यादा यूरिया का स्टॉक है.
किसानों की मदद करना प्राथमिकता
उत्तर प्रदेश सरकार लगातार प्रदेश के किसानों को खरीफ फसलों की बुवाई को लेकर हर संभव तरीके से मदद कर रही है. कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही सभी संबंधित विभागों के साथ बैठक कर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि किसानों को सही समय पर खाद और उर्वरक उपलब्ध कराया जाए. इसके साथ ही किसानों के लिए चलाई जा रही सरकारी योजनाओं का लाभ भी किसानों तक पहुंचाया जा सके.