Animals Care: गर्मी और उमस का मौसम सिर्फ इंसानों के लिए ही नहीं बल्कि पशुओं के लिए भी काफी तकलीफदेह होता है. इस मौसम में पशु अक्सर बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं. ऐसे समय में अगर उनकी देखभाल सही तरीके से की जाए, तो उन्हें स्वस्थ रखा जा सकता है. विशेषज्ञों के अनुसार कुछ देसी उपाय अपनाकर पशुओं को बीमारियों से बचाया जा सकता है. ये उपाय न केवल आसान हैं बल्कि किफायती भी हैं.
गुड़ और मेथी से मिलेगी ऊर्जा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गर्मियों में पशुओं की ताकत और ऊर्जा कम हो जाती है. ऐसे में गुड़ और मेथी का सेवन करवाना बेहद फायदेमंद होता है. यह न केवल उनकी कमजोरी दूर करता है बल्कि शरीर को बीमारियों से लड़ने की ताकत भी देता है. देसी नुस्खे के अनुसार, पशुओं को थोड़ी-थोड़ी मात्रा में गुड़ और मेथी खिलाना चाहिए, ताकि उनका शरीर संतुलित और मजबूत बना रहे.
गोमूत्र और हल्दी से रोगों से बचाव
पशुओं को बैक्टीरिया और बीमारियों से मुक्त रखने के लिए गोमूत्र और देसी हल्दी का उपयोग कारगर उपाय माना जाता है. गोमूत्र शरीर को रोगाणुओं से बचाता है, जबकि हल्दी एंटीबैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुणों (Antiseptic Properties) से भरपूर होती है. इसका मिश्रण पशुओं के लिए प्राकृतिक दवा की तरह काम करता है और उन्हें लंबे समय तक स्वस्थ बनाए रखता है.
हरा और सूखा चारा दोनों जरूरी
गर्मियों में पशुओं के खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए. उन्हें हरा और सूखा दोनों तरह का चारा देना आवश्यक है. दलहनी और गैर-दलहनी चारे का मिश्रण पशुओं के शरीर में प्रोटीन की कमी को पूरा करता है. हरा चारा उनकी पाचन शक्ति (Digestive Power) को बढ़ाता है, जबकि सूखा चारा उन्हें पर्याप्त ऊर्जा देता है. संतुलित आहार से पशु गर्मी के मौसम में भी तंदुरुस्त रहते हैं.
मच्छरों से बचाव के लिए लोहबान
गर्मियों में मच्छरों और कीटों की समस्या काफी बढ़ जाती है. इससे पशुओं को कई बीमारियां लग सकती हैं. ऐसे में लोहबान जलाना बेहद असरदार उपाय है. लोहबान का धुआं मच्छरों और कीड़ों को दूर भगाता है और पशुओं को आरामदायक माहौल देता है. इस घरेलू उपाय से न तो ज्यादा खर्च होता है और न ही किसी नुकसान की आशंका रहती है.
देसी नुस्खे देंगे लंबे समय तक राहत
ये देसी नुस्खे (Home Remedies) न केवल सस्ते और आसान हैं बल्कि लंबे समय तक प्रभावी भी रहते हैं. पशुओं को बार-बार डॉक्टर के पास ले जाने की जरूरत नहीं पड़ती. नियमित रूप से इन उपायों को अपनाने से पशु स्वस्थ रहते हैं और बीमारियों से बचाव होता है. साथ ही किसान और पशुपालक (Farmers and Ranchers) भी निश्चिंत रहते हैं कि उनका पशुधन सुरक्षित है.