बारिश का मौसम आते ही मच्छरों का आतंक बढ़ जाता है. घर के हर कोने में मच्छर की आवाज और काटने से होने वाली खुजली, बुखार और कभी-कभी डेंगू जैसी गंभीर बीमारियां चिंता बढ़ा देती हैं. ऐसे में अगर आप हर बार मच्छरदानी, स्प्रे या क्वॉइल पर निर्भर नहीं रहना चाहते, तो एक प्राकृतिक और सुंदर उपाय आपके पास मौजूद है बगीचे में ऐसे पौधे लगाना जो मच्छरों को दूर रखते हैं.
लहसुन
लहसुन की तीखी गंध न सिर्फ रसोई का स्वाद बढ़ाती है, बल्कि मच्छरों को भी दूर भगाती है. मच्छर इस गंध को बिल्कुल भी पसंद नहीं करते, इसलिए अगर आप अपने गार्डन या बालकनी में लहसुन के पौधे लगाएं, तो मच्छर वहां फटकेंगे भी नहीं. ये पौधा गमले या ग्रो बैग में आसानी से उगाया जा सकता है. ध्यान बस इतना रखना है कि मिट्टी में नमी बनी रहे लेकिन पानी जमा न हो.
यूकेलिप्टस
यूकेलिप्टस यानी नीलगिरी का पेड़ दिखने में जितना आकर्षक होता है, उतना ही प्रभावशाली होता है मच्छर भगाने में. इसमें एक प्राकृतिक तेल होता है जो मच्छरों को पास भी नहीं फटकने देता. हालांकि ये पौधा बड़ा होता है, इसलिए इसे घर के बाहर या गार्डन के कोने में लगाना बेहतर होता है. बरसात के मौसम में इसकी रोपाई के लिए समय उत्तम माना जाता है. एक बात का ध्यान रखें, इसे अन्य पौधों के बहुत पास न लगाएं क्योंकि ये मिट्टी के पोषक तत्व तेजी से सोखता है.
सिट्रोनेला
अगर आप गर्मियों में मच्छरों से परेशान हैं तो सिट्रोनेला का पौधा आपके लिए परफेक्ट है. इसकी पत्तियों से निकलने वाली नींबू जैसी खुशबू मच्छरों को बिल्कुल नहीं भाती. यही वजह है कि इसका तेल अक्सर मच्छर-रोधी क्रीम्स और रूम फ्रेशनर में इस्तेमाल होता है. सिट्रोनेला न सिर्फ मच्छरों को भगाता है, बल्कि आपके गार्डन को खुशबूदार भी बनाता है. गर्मियों का मौसम इसकी ग्रोथ के लिए सबसे अच्छा होता है.
क्यों जरूरी हैं ये पौधे?
मच्छर सिर्फ एक असुविधा नहीं हैं, वे बीमारियों का बड़ा कारण भी हैं. डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी गंभीर बीमारियां मच्छरों के जरिए ही फैलती हैं. अगर घर के आसपास ये प्राकृतिक रिपेलेंट्स लगाए जाएं, तो न सिर्फ मच्छरों से राहत मिलती है, बल्कि पूरे वातावरण में एक ताजगी भी बनी रहती है.
एक प्राकृतिक तरीका, जो हर कोई अपनाए
इन पौधों को अपनाना एक आसान, सस्ता और टिकाऊ तरीका है मच्छरों से लड़ने का. ना कोई रासायनिक धुआं, ना किसी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट का खर्च. बस एक हरियाली से भरा गार्डन, जिसमें मच्छर फटकें तक नहीं.