दूषित चारे और पानी से पशुओं को हो सकता है डायरिया, बचाव के लिए आज ही करें ये उपाय

बिहार पशु निदेशालय के अनुसार पशुओं में समय रहते डायरिया के लक्षणों की पहचार करना बहुत जरूरी है क्योंकि ताकि तुरंत उपचार किया जा सके.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Published: 7 Sep, 2025 | 11:13 AM

बरसात के मौसम में बेहद जरूरी है कि दुधारू पशुओं का खास खयाल रखा जाए. बारिश के दिनों में नमी, पानी, गंदगी,स कीचड़, साफ-सफाई न होने के कारण अकसर पशुओं में कई तरह की गंभीर समस्याएं देखने को मिलती हैं जो उनके जीवन के लिए भी खतरा हो सकती हैं. साथ ही इन बीमारियों के संक्रमण के कारण पशुओं के काम करने की क्षमता और दूध उत्पादन पर भी बुरा असर पड़ता है. इस मौसम में मुख्य रूप से पशुओं को होने वाली बीमारियों में से एक है डायरिया (Diarrhea) यानी दस्त की बीमारी. इस बीमारी के कारण पशुओं में कमजोरी आ जाती है और उनके अंदर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम हो जाती है. ऐसे  में बेहद जरूरी है कि पशुपालक समय रहते इस बीमारी से बचाव के उपाय कर लें.

इन कारणों से हो सकती है बीमारी

पशुओं में डायरिया होने के कई कारण हो सकते हैं. कई बार सड़ा-गला या फफूंद लगा हुआ चारा खाने से पेट खराब हो सकता है या फिर गंदा, बासी या संक्रमित पानी पीने से डायरिया होने की संभवनाएं बढ़ जाती हैं. साथ ही, चारा या दाने में अचानक बदलाव करने से पशु की पाचन क्रिया गड़बड़ा जाती है जिसके कारण संक्रमण हो जाता है. इस मौसम में तापमान में लगातार उतार-चढ़ाव हो रहा है, ऐसे में पशुओं को तनाव होने लगता है जिससे वे बीमार हो जाते हैं.

इन लक्षणों से करें पहचान

बिहार पशु निदेशालय  की ओर से सोशल मीडिया पर दी गई जानकारी के अनुसार पशुओं में समय रहते डायरिया के लक्षणों की पहचार करना बहुत जरूरी है क्योंकि ताकि तुरंत उपचार किया जा सके.  अगर पशु अचानक से सुस्त या कमजोर दिखने लगें या फिर उनके गोबर का रंग बदलने लगें तो समझ लें कि ये डायरिया के लक्षण हैं. इसके अलावा अगर पशु सही से चारा नहीं खा रहा है और शरीर का तापमान कम -ज्यादा हो रहा है या फिर पशुओं की स्किन ढीली पड़ रही है. ये सारी बातें संकते देती हैं कि पशु को डायरिया हो गया है.

बचाव के लिए करें ये उपाय

पशुओं को डायरिया हो जाने पर सबसे पहले पशु को साफ-उबला हुआ पानी ठंडी कर पिलाएं. इसके बाद उन्हें ओ.आर.एस. (ORS) या इलेक्ट्रोलाइट पाउडर पानी में मिलाकर पिलाएं. ताकि शरीर में पानी की मात्रा कम न हो. पशुपालक इस बात का खास खयाल रखें कि कुछ समय तक पशुओं को हरा चारा, ज्यादा पानी वाला चारा या नया अनाज न दें. बता दें कि, डायरिया होने पर पशुओं को नमक और गुड़ को पानी में मिलाकर देना भी फायदेमंद होता है. अगर संक्रमण बहुत ज्यादा है तो बिना देर किए तुरंक किसी पशु चिकित्सक की सलाह लें.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

अमरूद के उत्पादन में सबसे आगे कौन सा प्रदेश है?

Side Banner

अमरूद के उत्पादन में सबसे आगे कौन सा प्रदेश है?