Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ कांग्रेस पार्टी ने राज्य सरकार से मांग की है कि धान खरीदी 1 नवंबर से शुरू की जाए और किसानों को 3,286 रुपये प्रति क्विंटल का भाव दिया जाए. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि सरकार 15 नवंबर से खरीदी शुरू करना चाहती है, जो किसानों के लिए मंजूर नहीं है. उन्होंने मांग की कि प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीदी हो और 3,286 रुपये प्रति क्विंटल का रेट तुरंत घोषित किया जाए. इस रेट में 2024-25 के लिए 117 रुपये और 2025-26 के लिए 69 रुपये एमएसपी वृद्धि शामिल है, साथ ही बेस प्राइस 3,100 रुपये है.
बैज ने यह भी कहा कि हाल की भारी बारिश से फसलों को जो नुकसान हुआ है, उसका तुरंत सर्वे कर मुआवजा दिया जाए, ताकि किसानों को थोड़ी राहत मिल सके. उन्होंने एग्रीस्टैक पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन को लेकर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि इस बार लाखों किसान रजिस्ट्रेशन नहीं कर पाए, क्योंकि पोर्टल डाउन रहा, डेटा में गड़बड़ियां थीं और खसरा-खतौनी का मिलान नहीं हो सका.
पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख बढ़ाने की मांग
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस पार्टी ने मांग की है कि सरकार एग्रीस्टैक पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख बढ़ाए. साथ ही, जिन किसानों का पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया है, उनके लिए सोसायटी स्तर पर वैकल्पिक व्यवस्था की जाए ताकि वे भी रजिस्ट्रेशन कर सकें. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने सरकार के उस नए नियम की आलोचना की, जिसमें पोर्टल पर सफलतापूर्वक रजिस्टर हो चुके किसानों को भी अपनी जमीन की जांच (एरिया वेरिफिकेशन) सोसायटी से करानी होगी.
गिरदावरी और डिजिटल फसल सर्वे पूरा
उन्होंने कहा कि पहले ही गिरदावरी और डिजिटल फसल सर्वे हो चुका है, फिर दोबारा जांच की क्या जरूरत है? ये किसानों को परेशान करने की कोशिश है. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या सरकार को किसानों पर भरोसा नहीं है? क्या सरकार को लगता है कि किसान झूठ बोलकर धान बेचेंगे?
किसानों से पूरी मात्रा में धान खरीदना नहीं चाहती सरकार
बैज ने आरोप लगाया कि सरकार नए-नए नियम इसलिए बना रही है, क्योंकि वह किसानों से पूरी मात्रा में धान खरीदना नहीं चाहती. उन्होंने कहा कि सरकार जानबूझकर एग्रीस्टैक पोर्टल और उसकी प्रक्रियाओं को जटिल बना रही है, ताकि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद से बचा जा सके. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार पिछले साल की खरीदी हुई धान को अब तक ठीक से नहीं बेच पाई है और अब नए सीजन में 3,100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदने में भी असमर्थ दिख रही है.