खरीफ सीजन में किसानों ने जमकर धान की बुवाई की है. अच्छे मानसून और मिट्टी में खूब नमी बनी रहने की संभावनाओं ने लगभग हर क्षेत्र के किसानों को धान रोपाई के लिए प्रेरित किया है. सरकार का अनुमान है कि इस बार धान उत्पादन बीते सालों के सारे रिकॉर्ड तोड़ देगा. लेकिन, इस सबके बीच किसानों के लिए सरकार की ओर से नई शर्त रख दी गई है. दरअसल, धान बिक्री के लिए सरकार एग्रीस्टैक पोर्टल पर किसानों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है. ऐसे में किसानों की न्यूनतम समर्थन मूल्य और राज्य सरकार के बोनस प्राइस मिलने को लेकर चिंता बढ़ गई है. जबकि, किसान अपनी उपज बिक्री को लेकर अभी से परेशान हो रहे हैं.
एग्रीस्टैक पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य
छत्तीसगढ़ के किसानों को चालू खरीफ मार्केटिंग वर्ष में धान बेचने सहित अन्य शासकीय योजनाओं का लाभ लेने के लिए अब एग्रीस्टैक पोर्टल में पंजीयन कराना अनिवार्य कर दिया है. राज्य सरकारी की ओर से जारी सूचना के अनुसार छत्तीसगढ़ के धान किसानों को अपनी उपज तय दाम में बेचने के लिए एग्रीस्टैक पोर्टल पर रजिस्ट्रेन जरूर करवाना होगा. ऐसा नहीं करने पर किसान सरकारी लाभ से वंचित हो सकते हैं.
पहले रजिस्ट्रेशन करा चुके किसानों को फिर कराना होगा
छत्तीसगढ़ शासन ने एकीकृत किसान पोर्टल को एग्रीस्टैक पोर्टल से जोड़ा दिया गया है. ताकि, किसानों की परेशानी को कम किया जा सके. कहा गया है कि जिन किसानों ने पहले धान बेचने के लिए पंजीयन कराया था, उन्हें भी संशोधन या कैरी फारवर्ड से पहले एग्रीस्टैक पोर्टल पर पंजीयन कराना जरूरी कर दिया गया है.
किसान कहां कराएं रजिस्ट्रेशन
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि किसान कहां पर और कैसे एग्रीस्टैक पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. इस सवाल का जवाब राज्य सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया है. कहा गया है कि बिना एग्रीस्टैक पंजीयन के कोई भी किसान धान नहीं बेच पाएंगे. किसान नजदीकी सहकारी समिति या ग्राहक सेवा केंद्र में जाकर अपना पंजीयन निशुल्क करा सकते हैं.
प्रति एकड़ 11 हजार रुपये की सहायता मिलेगी
कृषि विभाग के अधिकारियों ने कहा कि एग्रीस्टैक पोर्टल में पंजीकृत किसानों को कृषक उन्नति योजना का भी लाभ मिलेगा. इस योजना के तहत पिछले खरीफ में पंजीकृत किसानों को, जिन्होंने धान की फसल जगह अन्य खरीफ फसलें लगाई थीं और उनकी गिरदावरी में पुष्टि हुई है, उन्हें प्रति एकड़ ग्यारह हजार रुपये की आदान सहायता राशि दी जाएगी.
..तो नहीं मिलेगा 10 हजार रुपये का लाभ
वहीं, दलहन, तिलहन, मक्का, कपास की खेती करने वाले किसानों को प्रति एकड़ दस हजार रुपये की सहायता राशि दी जाएगी. कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे शासकीय योजनाओं का लाभ लेने के लिए एग्रीस्टैक पोर्टल में अपना रजिस्ट्रेशन जरूर करवाएं. रजिस्ट्रेशन नहीं कराने पर किसानों को इन सभी लाभों से वंचित रहना पड़ सकता है.