250 रुपये किलो बिक रहा है ‘कोप्पल केसर’ आम, यूरोप सहित इन देशों में है भारी डिमांड

कर्नाटक के कोप्पल जिले में ‘कोप्पल केसर’ आम की खेती ने किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत किया है. बेहतर मार्केटिंग के चलते आम की मांग देश-विदेश में बढ़ी है. अब यह ब्रांड किसानों की आय बढ़ाने और क्षेत्र को नई पहचान दिला रहा है.

नोएडा | Updated On: 4 May, 2025 | 05:02 PM

कर्नाटक के कोप्पल जिले में ‘कोप्पल केसर’ आम की तुड़ाई शुरू हो गई है. ये आम स्वाद में रसीले और मीठे होते हैं. बागवानी विभाग इनके वितरण और बिक्री की व्यवस्था कर रहा है. देशभर से खरीदार इन खास और प्रीमियम आमों का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन मुंबई और हैदराबाद में इसकी मांग सबसे ज्यादा होती है. खास बात यह है कि केसर आम जिले के 60 से ज्यादा गांवों में उगाए जाते हैं. यहां की मिट्टी और मौसम की वजह से इनका स्वाद बाकी जगहों से अलग होता है. इसी वजह से ‘कोप्पल केसर’ एक अलग ब्रांड के रूप में पहचान बना रहा है, जिसकी जड़ें महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले से जुड़ी हैं.

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, बागवानी विभाग के वरिष्ठ उपनिदेशक कृष्णा उक्कुंड ने स्थानीय स्तर पर आम की खेती को बढ़ावा दिया. उन्होंने कहा कि करीब आठ साल पहले मैंने देखा कि किसान केसर और बेनिशान दोनों तरह के आम उगा रहे थे. जबकि केसर आम की गुणवत्ता बेहतर थी, फिर भी उसे सिर्फ 10 रुपये प्रति किलो बेचा जा रहा था. वहीं बेनिशान आम 30 रुपये किलो बिक रहा था. बागवानी विभाग ने 15 गांवों के आम किसानों के लिए एक कार्यशाला भी आयोजित की. इसमें करीब 1,000 किसानों ने खेती की तकनीकें, जैविक तरीके, कीट नियंत्रण और ड्रिप सिंचाई जैसे विषयों के बारे में सीखा.

1 करोड़ रुपये के आम की बिक्री

इसका नतीजा ये हुआ कि साल 2017 में ‘कोप्पल केसरी’ आम की बिक्री 1 करोड़ रुपये तक पहुंच गई. किसानों ने इस आम की कीमत 80 रुपये प्रति किलो रखी और 15 टन आम विदेशों में निर्यात किए. सरकारी मदद से इन आमों को श्रीलंका, दुबई, बहरीन, बांग्लादेश और यूरोप तक भेजा गया. कृष्णा उक्कुंड ने कहा कि कोप्पल का गर्म मौसम, केसरी आम के लिए बहुत अनुकूल है. इससे आम जल्दी पकते हैं, ज्यादा मीठे और खुशबूदार बनते हैं. अल्फांसो आम के मुकाबले, जिन्हें नमी की जरूरत होती है, कोप्पल केसरी आम में खटास या स्पंजीपन नहीं आता, जिससे इनकी क्वॉलिटी लगातार बनी रहती है.

60,000 टन उत्पादन का अनुमान

कोप्पल जिले में केसर आम की खेती ने पिछले आठ वर्षों में अभूतपूर्व वृद्धि देखी है. कृषि विभाग के उपनिदेशक कृष्ण उक्कुंद के नेतृत्व में, इस क्षेत्र में केसर आम की खेती 1,300 हेक्टेयर से बढ़कर 5,000 हेक्टेयर तक पहुंच गई है और इस वर्ष 60,000 टन उत्पादन का अनुमान है. किसान गुणवत्ता के आधार पर 150 रुपये से 250 रुपये प्रति किलो तक कमा रहे हैं. उदाहरण के लिए, निलोगल गांव के श्रीनिवास जलिहाल अपने सात एकड़ के बाग से 14 लाख रुपये की आय की उम्मीद कर रहे हैं.

किसानों की इनकम में बढ़ोतरी

कोप्पल के किसान अब ‘कोप्पल केसर’ ब्रांड के तहत अपने उत्पादों को पहचान दिलाने की दिशा में काम कर रहे हैं. विभाग ने ‘मावू मेला’ जैसे आयोजनों के माध्यम से किसानों और उपभोक्ताओं के बीच सीधा संपर्क स्थापित किया है, जिससे किसानों को बेहतर मूल्य प्राप्त हो रहा है और बिचौलियों की भूमिका कम हो रही है. कुल मिलाकर, कोप्पल जिले में केसर आम की खेती ने न केवल किसानों की आय में वृद्धि की है, बल्कि यह क्षेत्र को एक प्रमुख आम उत्पादक केंद्र के रूप में स्थापित कर दिया है.

Published: 4 May, 2025 | 04:58 PM