बरसात का मौसम जहां एक ओर ठंडक और हरियाली लेकर आता है, वहीं दूसरी ओर यह पोल्ट्री फार्मिंग के लिए कई तरह की चुनौतियां भी खड़ी करता है. इस मौसम में बढ़ी हुई नमी और गंदगी की वजह से मुर्गियों में बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ जाता है. खासकर छोटे किसान और घरेलू पोल्ट्री पालक अगर थोड़ी सी लापरवाही करें तो उत्पादन में गिरावट और आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है. ऐसे में जरूरी है कि बरसात में मुर्गियों की विशेष देखभाल की जाए, ताकि तेजी से वजन बढ़े और बंपर कमाई हो. यहां हम आपको बता रहे हैं कुछ आसान और असरदार तरीके, जिनकी मदद से आप अपने मुर्गियों को स्वस्थ और फार्म को सुरक्षित रख सकते हैं.
साफ-सफाई और सूखे वातावरण का रखें ध्यान
- बरसात के मौसम में नमी बढ़ने से बैक्टीरिया और फंगस तेजी से पनपते हैं. इससे मुर्गियों के बीमार होने की आशंका बढ़ जाती है.
- मुर्गियों के बाड़े को रोजाना साफ करें.
- जहां तक हो सके, फर्श को सूखा रखें और कीचड़ या गंदगी जमा न होने दें.
- नियमित रूप से डिसइन्फेक्टेंट का छिड़काव करें ताकि संक्रमण न फैले.
- साफ और सूखा वातावरण मुर्गियों के स्वास्थ्य और अंडा उत्पादन दोनों के लिए बेहद जरूरी है.
चारे को नमी से बचाएं, सही तरीके से रखें स्टोर
बरसात में हवा में नमी ज्यादा होती है, जिससे मुर्गियों के चारे में सीलन आ सकती है.
- गीला चारा जल्दी खराब हो जाता है और उसमें फंगस लगने की संभावना बढ़ जाती है.
- ऐसे चारे को खाने से मुर्गियों को डायरिया, अफ्लाटॉक्सिन और अन्य बीमारियां हो सकती हैं.
- चारे को हमेशा सूखे और हवादार स्थान पर रखें.
- प्लास्टिक कंटेनर या एयरटाइट डिब्बों का इस्तेमाल करें ताकि नमी अंदर न जा सके.
एक बार खराब हुआ चारा न केवल मुर्गियों की सेहत बिगाड़ सकता है, बल्कि उत्पादन पर भी बुरा असर डालता है.
मच्छरों और मक्खियों से बचाव जरूरी
बरसात के मौसम में मच्छर, मक्खियां और अन्य कीटों की संख्या बढ़ जाती है जो संक्रमण फैलाने का कारण बनते हैं.
- बाड़े के चारों ओर मच्छरदानी या प्लास्टिक शीट लगाएं ताकि कीट अंदर न आ सकें.
- नालियों की सफाई करें और पानी जमा न होने दें.
- बाड़े के आस-पास नीम का धुआं या कीटनाशक का छिड़काव कर सकते हैं.
इन छोटे-छोटे उपायों से आप बड़ी बीमारियों को रोक सकते हैं और मुर्गियों को सुरक्षित रख सकते हैं.
गर्म और सूखा आश्रय और टीकाकरण का रखें ध्यान
बरसात में तापमान गिरता है और वातावरण ठंडा व नम हो जाता है, जो मुर्गियों के लिए हानिकारक है.
- उन्हें किसी गर्म और सूखे स्थान में रखें.
- अगर जरूरी हो तो बाड़े में बल्ब या हैटर से हल्की गर्मी दी जा सकती है.
- नियमित टीकाकरण जरूर करवाएं, क्योंकि बरसात में मुर्गियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है.
- न्यूकैसल, इंफ्लूएंजा जैसी बीमारियों से बचाव के लिए समय पर वैक्सीन लगवाना जरूरी है.
- टीकाकरण से मुर्गियां मजबूत बनती हैं और उत्पादन पर भी सकारात्मक असर पड़ता है.