पोल्ट्री फार्म में मंडरा रहा बर्ड फ्लू का खतरा, जानें कैसे बचाएं अपने पक्षियों को

बर्ड फ्लू से बचने का पहला और सबसे अहम कदम है बायोसेक्योरिटी. इसका मतलब है कि आपको अपने फार्म में बीमारी को फैलने से रोकने के लिए कुछ सख्त नियम अपनाने होंगे.

Kisan India
Noida | Published: 21 Mar, 2025 | 03:31 PM

बर्ड फ्लू, जिसे एवियन इन्फ्लूएंजा भी कहा जाता है. यह एक गंभीर बीमारी है जो मुख्य रूप से पक्षियों में होती है. इसका सबसे ज्यादा और खतरनाक असर पोल्ट्री फार्म पर दिखाई देता हैं. यह बीमारी इतनी जल्दी फैल सकती है कि अगर समय रहते सावधानियां न बरती जाएं, तो पोल्ट्री फार्म में भारी नुकसान हो सकता है. किसानों के लिए यह बेहद जरूरी है कि वे इस खतरनाक वायरस से बचने के उपायों को समझें और अपनाएं. तो, जानते हैं कुछ ऐसे ही उपायों के बारे में, जिनकी मदद से आप अपने पोल्ट्री फार्म को बर्ड फ्लू से बचा सकते हैं.

बायोसेक्योरिटी पर ध्यान दें

बर्ड फ्लू से बचने का पहला और सबसे अहम कदम है बायोसेक्योरिटी. इसका मतलब है कि आपको अपने फार्म में बीमारी को फैलने से रोकने के लिए कुछ सख्त नियम अपनाने होंगे. सिर्फ जरूरी लोग ही फार्म में प्रवेश करें और प्रवेश से पहले सभी जूतों, वाहनों और उपकरणों को अच्छे से साफ करें.

पोल्ट्री की सेहत का ध्यान रखें

पोल्ट्री के स्वास्थ्य पर ध्यान देना बहुत जरूरी है. अगर किसी पक्षी में बर्ड फ्लू के लक्षण जैसे अचानक मौत, खांसी, छींक, या अंडे देने में कमी दिखें, तो उस पक्षी को बाकी पक्षियों से अलग कर दें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. बीमारी को जल्दी पहचानकर आप उसे फैलने से रोक सकते हैं.

जंगली पक्षियों को फार्म में न आने दें

जंगली पक्षी बर्ड फ्लू के प्रमुख वाहक होते हैं. इन्हें आपके फार्म में आने से रोकने के लिए बाड़ लगाएं या जाल लगाएं. इसके अलावा, पोल्ट्री के खाने और पानी के बर्तन को ढककर रखें ताकि जंगली पक्षी इन्हें गंदा न कर सकें.

सफाई और सैनीटाइजेशन

फार्म की सफाई पर पूरा ध्यान दें. पोल्ट्री हाउस और सभी उपकरणों को अच्छे से सैनीटाइज करें. खासतौर पर उन जगहों पर ध्यान दें जहां ज्यादा संपर्क होता है, जैसे दरवाजे, फर्श, पानी के बर्तन और फीडर. इससे आपके फार्म में बीमारी फैलने का खतरा कम होगा. इसके साथ ही कर्मचारियों को भी हाथ धोने और कपड़े बदलने की आदत डालें.

नए पक्षियों को अलग रखें

जब भी नए पक्षी लाएं, तो उन्हें कम से कम 2-3 सप्ताह तक अलग रखें. इस दौरान उनकी सेहत पर ध्यान दें और यह सुनिश्चित करें कि वे बर्ड फ्लू से मुक्त हैं. अगर किसी पक्षी में लक्षण दिखाई दें, तो उसे बाकी पक्षियों से अलग कर दें.

मरे हुए पक्षियों का निपटान

पोल्ट्री के मरे पक्षियों का निपटान करना बहुत जरूरी है. इन्हें खुले में न छोड़ें, क्योंकि इससे वायरस फैल सकता है. ऐसे पक्षियों को गड्ढे में डालकर दफना दें.

पक्षियों को तनाव से बचाएं

जब पक्षी तनाव में होते हैं, तो वे बीमारियों के प्रति ज्यादा संवेदनशील हो जाते हैं. इसलिए, अपने पोल्ट्री फार्म का वातावरण आरामदायक रखें. पक्षियों के लिए पर्याप्त स्थान, ताजे वेंटिलेशन, सही आहार और पानी का इंतजाम करें. साथ ही, मौसम के बदलाव से भी उन्हें बचाएं.

स्थानीय अधिकारियों से संपर्क

बर्ड फ्लू के बारे में ताजे अपडेट्स के लिए हमेशा स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में रहें. वे आपको बीमारी के फैलाव को रोकने के लिए सही गाइडलाइन और चेतावनियां दे सकते हैं. इससे आप अपनी फार्म को सुरक्षित रख सकते हैं.

संदिग्ध मामलों की सूचना तुरंत दें

अगर आपको लगता है कि आपके पोल्ट्री में बर्ड फ्लू के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो तुरंत स्थानीय अधिकारियों को सूचित करें. इससे बीमारी के फैलने से पहले ही नियंत्रण पाया जा सकता है.

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