प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार का ग्रामीण विकास अभियान तेज रफ्तार से आगे बढ़ रहा है. देश को गरीबी मुक्त और समृद्ध ग्रामीण भारत की ओर ले जाने के उद्देश्य से विभिन्न योजनाओं को ज़मीन पर उतारने में जोर-शोर से काम हो रहा है. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को पक्का मकान देने की प्रक्रिया तेज़ की जा रही है. वहीं, महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि के रूप में अब तक दो करोड़ से अधिक लखपति दीदियों का लक्ष्य पूरा हो चुका है और अब तीन करोड़ का लक्ष्य सामने है. इसी क्रम में 4-5 सितंबर को राजस्थान के उदयपुर में दो दिवसीय राष्ट्रीय चिंतन शिविर का आयोजन किया जा रहा है, जहां देशभर के ग्रामीण विकास से जुड़े प्रतिनिधि मिलकर आने वाले पांच वर्षों की कार्ययोजना पर विचार करेंगे.
ग्रामीण विकास को लेकर सरकार का बड़ा विज़न
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में सरकार का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण भारत को गरीबी मुक्त और आत्मनिर्भर बनाना है. इसके लिए केंद्र सरकार कई योजनाओं को धरातल पर लागू कर रही है, जिनका सीधा लाभ गांवों में रहने वाले गरीब और पिछड़े वर्गों को मिल रहा है. विशेषकर महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए लखपति दीदी योजना जैसी पहलें तेजी से बढ़ रही हैं.
दो करोड़ से ज्यादा लखपति दीदियां बनीं, लक्ष्य 3 करोड़ के करीब
शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि सरकार का लक्ष्य तीन करोड़ महिलाओं को लखपति बनाना है, और इस दिशा में बड़ी सफलता मिल रही है. अभी तक 2 करोड़ से अधिक महिलाएं इस अभियान के तहत आत्मनिर्भर बन चुकी हैं. ये महिलाएं स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से विभिन्न छोटे-बड़े व्यवसायों से जुड़कर परिवार की आय बढ़ाने में सहायक बनी हैं.
प्रधानमंत्री आवास योजना से गरीबों को मिल रहा पक्का मकान
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत गरीबों को पक्के मकान देने का कार्य तेजी से हो रहा है. निर्माण कार्य को और तेज़ किया गया है ताकि अधिक से अधिक लाभार्थी योजना से जुड़ सकें. मकान के साथ-साथ स्वच्छता, बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं भी प्रदान की जा रही हैं, जिससे ग्रामीण जीवन स्तर में गुणात्मक सुधार हो रहा है.
4-5 सितंबर को होगा राष्ट्रीय चिंतन शिविर
ग्रामीण विकास के भविष्य को लेकर केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण चिंतन शिविर आयोजित करने का निर्णय लिया है, जो 4 और 5 सितंबर 2025 को उदयपुर, राजस्थान में होगा. इस शिविर में सभी राज्यों के ग्रामीण विकास मंत्री, केंद्र व राज्य के वरिष्ठ अधिकारी, क्षेत्रीय विशेषज्ञ, लाभार्थी और सामुदायिक कार्यकर्ता हिस्सा लेंगे. इसका उद्देश्य योजनाओं की प्रगति की समीक्षा और आगामी कार्ययोजनाओं की रूपरेखा तय करना है.
रोजगार और स्किल डेवलपमेंट पर विशेष फोकस
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ग्रामीण विकास योजनाओं का केवल लक्ष्य नहीं, बल्कि क्रियान्वयन का स्तर भी मजबूत होना चाहिए. मनरेगा, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और कौशल विकास कार्यक्रम जैसे योजनाओं के माध्यम से रोजगार सृजन और ग्रामीणों की क्षमता वृद्धि पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. इसके माध्यम से ग्रामीण युवाओं को आजीविका के बेहतर अवसर मिल रहे हैं.
सामूहिक सोच और सहयोग से बनेगा आत्मनिर्भर ग्रामीण भारत
केंद्रीय मंत्री ने सभी राज्यों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकारों के सहयोग से ही केंद्र की योजनाएं सफल हो रही हैं. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने हाल ही में कहा था- सरकार फाइलों में नहीं, जनता की जिंदगी में दिखनी चाहिए. इसी भावना के साथ हर योजना के प्रभावी क्रियान्वयन की जरूरत है. चिंतन शिविर में नीति आयोग, वित्त मंत्रालय और अन्य हितधारकों से सुझाव लिए जाएंगे ताकि योजनाओं को और अधिक जनोपयोगी बनाया जा सके.