Mandi Bhav: सब्जियों की कीमत में लगी आग, 70 रुपये किलो हुई बींस.. जानें बैंगन-गाजर का रेट

कर्नाटक के यादगीर जिले में मुख्य सब्जियों, खासकर टमाटर की कीमतों  में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. स्थानीय किसानों से पर्याप्त सप्लाई न होने को इसके पीछे मुख्य कारण बताया जा रहा है. कुछ दिन पहले टमाटर का रेट 30 रुपये प्रति किलो था, लेकिन अब यह 70 से 80 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 30 Nov, 2025 | 09:44 AM

Vegetable Price Hike: देश के कई हिस्सों में सब्जियां महंगी हो गई हैं. इससे आम जनता के किचन का बजट बिगड़ गया है. अगर बात ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर की करें तो सब्जियों की कीमतों में अचानक बढ़ोतरी ने आम लोगों की चिंता बढ़ा दी है. राजधानी के यूनिट-1 बाजार में सब्जियों की कीमतें अभी भी ऊंची हैं. बैंगन 40 से 60 रुपये प्रति किलोग्राम, तुरई 50 रुपये, टमाटर 40 रुपये, परवल 40 रुपये, फूलगोभी 30 से 40 रुपये प्रति पीस और पत्ता गोभी 30 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रही है. इसके अलावा, देशी सेम 50 रुपये, फ्रेंच बीन्स 70 रुपये, शिमला मिर्च 60 रुपये और कद्दू 12 से 15 रुपये किलो हो गया है.

व्यापारियों का कहना है कि सब्जियों की अचानक बढ़ी कीमतों का कारण देर से आने वाली सर्दी और बीच-बीच में हुई बारिश है, जिससे स्थानीय उत्पादन प्रभावित हुआ. इसका असर यह हुआ कि दुकानदारों को अन्य राज्यों से सब्जियां मंगानी पड़ीं, जिससे दाम बढ़ गए. अब स्थानीय उत्पादन धीरे-धीरे बढ़ रहा है, इसलिए व्यापारी उम्मीद कर रहे हैं कि 6- 7 दिन में स्थिति सामान्य हो जाएगी. जब सब्जियों की उपलब्धता  बढ़ेगी और कीमतें स्थिर होंगी, तो उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी. एक व्यापारी ने कहा कि ओडिशा में सब्जी की खेती काफी कम हो गई है, इसलिए हम दूसरे राज्यों पर निर्भर हैं. बीच-बीच की बारिश ने फसल को नुकसान पहुंचाया. 

कर्नाटक में भी महंगी हुईं सब्जियां

द हिन्दू की रिपोर्ट के मुताबिक, कर्नाटक के यादगीर जिले में मुख्य सब्जियों, खासकर टमाटर की कीमतों  में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. स्थानीय किसानों से पर्याप्त सप्लाई न होने को इसके पीछे मुख्य कारण बताया जा रहा है. कुछ दिन पहले टमाटर का रेट 30 रुपये प्रति किलो था, लेकिन अब यह 70 से 80 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है. अन्य सब्जियों के दाम भी बढ़े हैं. खीरा 60 रुपये, आलू 30 रुपये, भिंडी 60 रुपये, बैंगन 80 रुपये, प्याज 30 रुपये, करेला 80 रुपये, हरी मिर्च 50 रुपये, तुरई 80 रुपये और गाजर 80 रुपये प्रति किलो बिक रहा है.

क्या कहते हैं स्थानीय दुकानदार

सब्जी विक्रेताओं के मुताबिक, हाल ही में बारिश के कारण ज्यादातर टमाटर की फसल को नुकसान हुआ. इससे किसान प्रभावित हुए और सीधे स्थानीय सप्लाई पर असर पड़ा. टमाटर उन मुख्य सब्जियों में से हैं, जो होटलों, बार, रेस्टोरेंट और शादियों या अन्य समारोहों में ज्यादा इस्तेमाल होती हैं. जब बाजार में इसकी उपलब्धता कम होती है, तो कीमत बढ़ जाती है. स्थानीय सब्जी विक्रेताओं  का कहना है कि महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों, जैसे सोलापुर से टमाटर ला रहे हैं. लेकिन अगर परिवहन में कोई समस्या आती है, तो एक ही दिन में भी कीमत बदल सकती है और यही बढ़ती कीमत का एक कारण है.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

Published: 30 Nov, 2025 | 09:42 AM

आम धारणा के अनुसार अमरूद की उत्पत्ति कहां हुई?

Side Banner

आम धारणा के अनुसार अमरूद की उत्पत्ति कहां हुई?