क्या आपके खेत में उग रही हैं कड़वी लौकी? जानिए इसकी असली वजह

हालिया सालों में स्वाद में मीठी लौकी ने अपना स्वाद बदल लिया है या तो वह फीकी होने लगी या फिर कड़वी. चलिए जानते हैं क्यों लौकी मिठास छोड़कर कड़वी होने लगी है?

Kisan India
नई दिल्ली | Updated On: 17 Apr, 2025 | 06:01 PM

लौकी की खेती करने वाले किसानों को आए दिन किसी न किसी समस्या का सामना करना पड़ता है. कभी समय से पहले लौकी बेलों से टूटकर गिर जाती हैं , तो कभी कीटों की वजह से फसल खराब हो जाती है. लेकिन इन दिनों किसानों को एक नई समस्या का सामना करना पड़ रहा है, ये है लौकी का कड़वापन. दरअसल, हालिया सालों में स्वाद में मीठी लौकी ने अपना स्वाद बदल लिया है या तो वह फीकी होने लगी या फिर कड़वी. तो चलिए जानते हैं क्यों लौकी मिठास छोड़कर कड़वी होने लगी है?

कड़वाहट का राज

लौकी और इसके जैसे ही दूसरी सब्जियां जैसे कि ककड़ी, तोरई, कद्दू आदि कुकुर्बिटेसी (Cucurbitaceae) परिवार से आती हैं. इनमें एक प्राकृतिक रसायन पाया जाता है जिसे कुकुर्बिटासिन (Cucurbitacins) कहा जाता है. यह रसायन स्वाद में बेहद कड़वा होता है और इसका काम पौधों को कीड़ों और जानवरों से बचाना होता है. सामान्य तौर पर ये रसायन बहुत कम मात्रा में होते हैं, लेकिन जब इनका स्तर बढ़ जाता है, तो यही कड़वाहट से लेकर जहरीलेपन तक का कारण बन सकते हैं.

क्या है कारण?

पर्यावरणीय तनाव
जब लौकी के पौधे पर ज्यादा गर्मी, पानी की कमी या मिट्टी की खराब गुणवत्ता का असर होता है, तो वह अपनी सुरक्षा के लिए ज्यादा मात्रा में कुकुर्बिटासिन बनाने लगता है. इसका सीधा असर उसकी कड़वाहट पर पड़ता है.

ज्यादा पकना

अगर लौकी को जमीन पर ही ज्यादा दिन तक छोड़ दिया जाए या फिर बहुत ज्यादा बड़ी हो जाए, तो उसमें कुकुर्बिटासिन का स्तर बढ़ जाता है. इससे उसका स्वाद कड़वा और कभी-कभी जहरीला भी हो सकता है.

कैसे करें बचाव

अच्छी किस्म का चुनाव करें- ऐसी लौकी की किस्में लगाएं जिनमें कुकुर्बिटासिन की मात्रा कम हो. स्थानीय कृषि वैज्ञानिक या कृषि विश्वविद्यालय से सलाह लेकर बीज चुनें.

पर्यावरणीय तनाव से बचाएं- पौधों को गर्मी, सूखा या अत्यधिक पानी से बचाएं. मिट्टी की सेहत बनाए रखें और सिंचाई नियमित करें.

ओवर-रिपनिंग से बचें- समय पर फसल की तुड़ाई करें. अगर लौकी बहुत देर तक बेल पर लगी रहे, तो कड़वाहट की संभावना बढ़ जाती है.

पहचान करें- खेत से लौकी तोड़ने के बाद हर एक बार हल्का-सा काटकर चख लें. अगर हल्की भी कड़वाहट महसूस हो, तो ऐसी लौकी को बेचने से बचें.

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Published: 17 Apr, 2025 | 05:08 PM

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