भारत में इस साल बागवानी फसलों का उत्पादन बढ़कर रिकॉर्ड 3677.2 लाख टन तक पहुंच गया है. इस बढ़त का सबसे बड़ा कारण आलू का उत्पादन रहा, जो पहली बार 600 लाख टन से ज्यादा हुआ है. साथ ही प्याज का उत्पादन भी 65 लाख टन बढ़ा है. 2024-25 के फसल वर्ष के लिए बागवानी उत्पादन के आंकड़े जारी करते हुए केंद्र सरकार ने कहा है कि इस बार कुल उत्पादन में 3.66 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. पिछले साल यानी 2023-24 में यह उत्पादन 3547.4 लाख टन था.
बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्पादन में यह बढ़त बेहतर उपज की वजह से हुई है, जबकि बागवानी फसलों के तहत कुल रकबे में सिर्फ 1.81 लाख हेक्टेयर की मामूली बढ़ोतरी हुई है. अब यह कुल रकबा 292.67 लाख हेक्टेयर हो गया है. केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बागवानी फसलों के क्षेत्र और उत्पादन के दूसरे अग्रिम अनुमान जारी करते हुए कहा कि 2023-24 के मुकाबले इस साल बागवानी उत्पादन में 129.8 लाख टन की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
सब्जियों के उत्पादन में 6.02 फीसदी का इजाफा
2024-25 के पहले अनुमान में कहा गया था कि बागवानी फसलों का रकबा पिछले साल की तुलना में थोड़ा घट सकता है. लेकिन ताजा आंकड़ों में यह रकबा बढ़ा हुआ दिखाया गया है. सब्जियों के उत्पादन में 6.02 फीसदी यानी 124.7 लाख टन की बड़ी बढ़ोतरी हुई है. अब कुल सब्ज़ी उत्पादन 2196.7 लाख टन आंका गया है. इसमें खास योगदान प्याज, आलू, हरी मिर्च, कसावा (टैपिओका) और लौकी जैसी फसलों का है, जिनका उत्पादन इस साल बेहतर रहा.
प्याज का उत्पादन 307.7 लाख टन पर पहुंचा
प्याज का उत्पादन 307.7 लाख टन बताया गया है, जो पिछले साल के 242.7 लाख टन से काफी ज्यादा है. आलू ने भी रिकॉर्ड बनाया है. इस साल 601.8 लाख टन आलू का उत्पादन हुआ है, जबकि पिछले साल 570.5 लाख टन था. हालांकि, टमाटर का उत्पादन इस बार थोड़ा घटकर 207.5 लाख टन आंका गया है, जबकि पिछले साल यह 213.2 लाख टन था. वहीं, फलों के उत्पादन में भी 1.36 फीसदी यानी 15.3 लाख टन की बढ़ोतरी हुई है. अब कुल फल उत्पादन 1145.1 लाख टन तक पहुंच गया है. इसमें तरबूज, आम, केला, संतरा, मौसंबी और पपीता जैसे फलों की पैदावार में बढ़त मुख्य कारण रही है.