सभी फसलों के लिए एमएसपी गारंटी कानून (MSP Guarantee Law) समेत किसानों की अन्य मांगों को लेकर फिर से किसान आंदोलन खड़ा करने की तैयारियां की जा रही हैं. संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक (SKM NP) के सहयोगी दल किसान मजदूर मोर्चा समेत आधा दर्जन से ज्यादा किसान दलों ने मांगों पर केंद्र सरकार की ओर से ध्यान नहीं दिए जाने और अब तक पूरा नहीं किए जाने के बाद फिर से सड़क पर उतरने का ऐलान कर दिया है. दिल्ली में जुटे किसान दलों के प्रतिनिधियों की बैठक के बाद किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने 30 जुलाई को ट्रैक्टर मार्च की घोषणा की जानकारी दी है. उन्होंने उसके बाद महारैली और मंथन सभा की तारीखों को भी जारी किया है. उन्होंने कहा कि किसान अपने हक के लिए बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे.
400 दिनों तक चला था किसान आंदोलन 2.0
किसानों को फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिल सके और उन्हें नुकसान से बचाने के लिए किसान दल एमएसपी गारंटी कानून की मांग समेत 12 अन्य मांग कर रहे हैं. इन मांगों को लेकर पंजाब, हरियाणा, राजस्थान समेत अन्य राज्यों के किसान संगठनों ने 13 फरवरी 2024 को किसान आंदोलन 2.0 की शुरुआत की थी. किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन की घोषणा के बाद देशभर के किसान एकजुट हो गए थे और दिल्ली कूच कर दिया था. लेकिन, हरियाणा सरकार ने शंभू और खनौरी बॉर्डर पर बैरीकेडिंग करके किसानों को दिल्ली जाने से रोक दिया था. इन दोनों बॉर्डर पर किसान रिकॉर्ड 400 दिनों तक डटे रहे.
इस वजह से बीच में टूटी किसानों-केंद्र की बातचीत
किसानों की मांगों को लेकर पंजाब सरकार के सहयोग से केंद्र सरकार के साथ किसान प्रतिनिधियों की कई दौर की बातचीत हुई थी, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका. 4 मई 2025 को केंद्र और किसानों की बातचीत होनी थी लेकिन, पंजाब सरकार को बैठक में शामिल नहीं करने की मांग केंद्र के नहीं मानने से किसानों ने वार्ता से इनकार कर दिया था. बाद में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) की अपील पर जगजीत सिंह डल्लेवाल ने अपने अनशन के 132वें दिन 6 अप्रैल 2025 को अनशन खत्म कर दिया था. उस वक्त उन्होंने कहा कि किसानों के हक के लिए विरोध जारी रहेगा और देशभर के किसानों, युवाओं को एकजुट करके फिर से आंदोलन खड़ा करेंगे.
दिल्ली में जुटे किसान संगठनों का फिर आंदोलन पर मंथन
अब आज 25 जुलाई 2025 को संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक के सहयोगी दल किसान मजदूर मोर्चा की ओर से राष्ट्रीय बैठक रकाबगंज गुरुद्वारा साहिब दिल्ली में हुई है. इस बैठक में 6 राज्यों से किसान दलों के नेता पहुंचे. बैठक में एमएसपी लीगल गारंटी कानून को लेकर गहन मंथन किया गया और इसे लागू कराकर ही दम लेने की हुंकार भरी गई. इसके अलावा किसान कर्जमुक्ति, किसान आतमहत्या, भारत अमेरिका मुक्त व्यापार समझौता, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सुधार, नया बिजली बिल, लैंड पूलिंग पॉलिसी पंजाब, ERCP डूंगरी बांध जिसमें 75 गांवों से जमीन ली जा रही है, आदि मुद्दों पर भी मंथन हुआ.
किसानों के लिए आंदोलन का हिस्सा बनेंगे ये दल
ग्रामीण किसान-मज़दूर समिति GKS राजस्थान के नेता हरविन्द्र सिंह गिल और पीटी जोन किसान मजदूर आदिवासी मोर्चा KMAM केरल के नेतृत्व में किसान दल जुटे थे. इसके अलावा पंजाब से किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के अध्यक्ष सरवन सिंह पंढेर, BKU दवाबा से मंजीत सिंह राय, हरियाणा से BKU शहीद भगत सिंह से तेजवीर सिंह, राजस्थान से आदिवासी परिवार से अमित खराडी, राजस्थान किसान मजदूर नौजवान सभा से राजेश गुर्जर मौजूद रहे. इसके अलावा आंजना महासभा से महेन्द्र चौधरी, केरल से केजे जोशी, मध्यप्रदेश से OBC महासभा से विजय कुमार लोधी , तमिलनाडु से PFF के रन्नदा कुमार और विमल नाथन, कावेरी डेल्टा फार्मर प्रोटेक्शन कमेटी से विजय कुमार ने हिस्सा लिया.

दिल्ली में जुटे किसान संगठनों के प्रतिनिधि.
30 अप्रैल को पंजाब में ट्रैक्टर मार्च का ऐलान
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर (Sarwan Singh Pandher) ने कहा कि किसानों की मांग को लेकर केंद्र और राज्य सरकारें संजीदा नहीं दिख रही हैं. उन्होंने कहा कि सभी फसलों के लिए एमएसपी गारंटी कानून की मांग हम लंबे समय से कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कई राज्यों के किसान संगठनों के प्रतिनिधियों फिर से आंदोलन शुरू करने पर सहमति जताई है. इसके लिए 30 अप्रैल को संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से पंजाब में ट्रैक्टर मार्च का ऐलान किया गया है.
20 अगस्त को महारैली और 26 अगस्त को किसान दलों का मंथन
किसान नेता ने कहा कि आज पंजाब किसान मजदूर मोर्चा की ओर से निर्णय लिया गया है कि 20 अगस्त को पंजाब के जालंधर में किसानों की महारैली होगी. सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हम यह समझते हैं जिस तरह देशभर में सरकारें कारपोरेट का एजेंडा लागू कर रही हैं. इसको रोकने के लिये सभी संगठनों को मिलकर आंदोलन करना चाहिए और एक बडी लड़ाई सरकार से लड़नी होगी. उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन (Farmers Protest) को मजबूती से खड़ा करने के लिए किसान मजदूर मोर्चा ने 26 अगस्त को चंडीगढ़ में संयुक्त किसान मोर्चा समेत अन्य दलों को बैठक के लिए बुलाया है.