Dairy Farming : अब तक आपने इंसानों की चॉकलेट के बारे में सुना और खाया भी होगा, लेकिन क्या आपने कभी पशुओं की चॉकलेट के बारे में सुना है? नहीं न. लेकिन ये बिलकुल सच है-अब जानवरों को भी एक खास तरह की चॉकलेट खिलाई जा रही है, जिससे उनके दूध उत्पादन से लेकर स्वास्थ्य तक में गजब का सुधार देखा जा रहा है.
ये चॉकलेट सिर्फ पशुओं की सेहत नहीं सुधारती, बल्कि किसानों और पशुपालकों के लिए नया रोजगार और मुनाफा भी लेकर आ रही है. आइए जानते हैं क्या है ये पशु चॉकलेट और कैसे यह गांवों में कमाल कर रही है.
क्या है पशुओं की चॉकलेट?
मीडिया रिपोर्ट्स और कृषि विज्ञान केंद्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जैसे इंसानों के लिए स्वादिष्ट और सेहतमंद चॉकलेट बनाई जाती है, वैसे ही अब पशुओं के लिए एक खास चॉकलेट बनाई जा रही है. इसका नाम है यूएमएमबी (UMMB) पशु चॉकलेट, जिसे भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, बरेली ने विकसित किया है. इस चॉकलेट में ऐसे पोषक तत्व डाले गए हैं जो पशुओं को मजबूत, स्वस्थ और दूध उत्पादन में सक्षम बनाते हैं. इसे खिलाने से पशु अंदर से ताकतवर होते हैं और उनकी सेहत में सुधार देखा गया है. कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) लगातार पशुपालकों को इस चॉकलेट के फायदों के बारे में जानकारी देता है और उन्हें इसे अपने पशुओं को देने के लिए प्रोत्साहित करता है.
कैसे बनती है ये चॉकलेट?
यह पशु चॉकलेट वैज्ञानिक तरीके से तैयार की जाती है, ताकि यह पशुओं के लिए संपूर्ण और संतुलित आहार का काम कर सके. इसमें चोकर, सरसों की खल, यूरिया (संतुलित मात्रा में), कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक, कॉपर जैसे जरूरी खनिज, नमक और अन्य पोषक तत्व शामिल होते हैं. यह सभी तत्व मिलकर पशुओं की सेहत को बेहतर बनाते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, रोजाना 500 से 600 ग्राम चॉकलेट एक पशु को देना चाहिए. इसका स्वाद ऐसा होता है कि पशु इसे आसानी से खा लेते हैं, और कुछ ही दिनों में इसका असर दूध उत्पादन और स्वास्थ्य पर दिखने लगता है.
कितनी है कीमत और कहां मिलता है?
अगर आप सोच रहे हैं कि यह पशु चॉकलेट महंगी होगी, तो ऐसा बिल्कुल नहीं है. यह चॉकलेट बाजार में केवल 80 रुपये प्रति किलो की दर से आसानी से उपलब्ध है. किसान और पशुपालक इसे कृषि विज्ञान केंद्र (KVK), सरकारी पशु चिकित्सा संस्थानों, कुछ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म या नजदीकी सहकारी समितियों से प्राप्त कर सकते हैं. इतनी कम कीमत में मिल रही यह चॉकलेट पशुओं की सेहत सुधारने, दूध उत्पादन बढ़ाने और पोषण की कमी पूरी करने में बेहद कारगर है. कम लागत और ज्यादा फायदे की वजह से यह किसानों के लिए एक बढ़िया विकल्प बनकर उभर रही है.
स्वरोजगार का नया जरिया बन रही है ये चॉकलेट
यह चॉकलेट सिर्फ पशुओं के लिए फायदेमंद नहीं है, बल्कि गांव के युवाओं के लिए रोजगार का जरिया भी बन रही है. सरकार और कृषि विज्ञान केंद्रों के सहयोग से ग्रामीण युवाओं को पशु चॉकलेट बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है. इससे वे अपना छोटा उत्पादन यूनिट शुरू कर सकते हैं और गांव में ही रहकर अच्छा पैसा कमा सकते हैं. इससे न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है, बल्कि पलायन की समस्या भी कम होती है.
पशु चॉकलेट के चौंकाने वाले फायदे
इस खास पशु चॉकलेट को नियमित रूप से खिलाने से पशुओं में कई सकारात्मक बदलाव देखे गए हैं. यह दूध उत्पादन बढ़ाने में मददगार है और पशुओं की प्रजनन क्षमता में सुधार करती है, जिससे बांझपन की समस्या कम होती है. इसके सेवन से पाचन तंत्र मजबूत होता है और पशु स्वस्थ रहते हैं. हरे चारे की कमी होने पर यह चॉकलेट उसकी पूर्ति करती है. साथ ही, हार्मोन का संतुलन बनाए रखती है और दीवार या खोर चाटने की आदत भी घटती है. कुल मिलाकर यह चॉकलेट दूध व्यवसाय से जुड़े पशुपालकों के लिए एक वरदान साबित हो रही है.
गांव में बढ़ रही है डिमांड
गांवों में अब धीरे-धीरे UMMB चॉकलेट की डिमांड बढ़ती जा रही है. जो किसान पहले इसे आजमाने से हिचक रहे थे, अब वे खुद इसका प्रचार कर रहे हैं. कई पशुपालकों का कहना है कि इससे दूध उत्पादन 20 से 30 फीसदी तक बढ़ा है. पशुओं की सेहत में भी सुधार आया है और इलाज पर खर्च भी कम हुआ है. यही वजह है कि अब हर किसान इसे अपनाने की सोच रहा है.