Onion Latest Market Rate: दिवाली के बाद प्याज के रेट में धीरे-धीरे बढ़ोतरी शुरू हो गई है. इससे किसानों ने राहत की सांस ली है. हालांकि, इसके बावजूद किसान लागत नहीं निकाल पा रहे हैं. महाराष्ट्र के नासिक जिला स्थित एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव कृषि उपज मंडी समिति (APMC) में प्याज के थोक भाव पिछले चार दिनों में 26 फीसदी तक बढ़ गए हैं. यह तेजी नासिक में 19 अक्टूबर से रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण हुई है. कहा जा रहा है कि बारिश की वजह से नई खरीफ फसल की देर से कटाई हो रही है. ऐसे में मंडियों में प्रयाप्त मात्रा में प्याज नहीं पहुंच पा रहा है, जिससे कीमतें बढ़ रही है.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार को प्याज का औसत भाव 1,350 रुपये प्रति क्विंटल था, जो शुक्रवार को बढ़कर 1,710 रुपये प्रति क्विंटल हो गया. APMC अधिकारियों के अनुसार, बारिश की वजह से प्याज की रोजाना आपूर्ति घटकर 15,000 क्विंटल से सिर्फ 7,000-8,000 क्विंटल रह गई है, जिससे मांग और आपूर्ति का संतुलन बिगड़ गया. शुक्रवार को न्यूनतम कीमत 700 रुपये और अधिकतम 2,600 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज की गई, जबकि औसत भाव 1,710 रुपये क्विंटल रहा.
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प्याज की लेटेस्ट कीमत
हालांकि प्याज का औसत थोक भाव बढ़कर 1,710 रुपये प्रति क्विंटल पहुंच गया है, लेकिन यह अब भी लागत मूल्य से कम है. प्याज की उत्पादन लागत करीब 1,800 रुपये प्रति क्विंटल आंकी गई है. आमतौर पर नई खरीफ प्याज अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े से बाजार में आने लगती है, लेकिन इस बार सितंबर में हुई भारी बारिश से करीब 80 फीसदी फसल खराब हो गई. बाकी बची 20 फीसदी फसल की बुवाई 15 अगस्त के बाद हुई, जिससे उसकी कटाई में देरी हुई.
अब नई खरीफ प्याज की खेप नवंबर के आखिरी हफ्ते तक बाजार में आने की उम्मीद है. फिलहाल जो प्याज मंडी में बिक रही है, वह गर्मी की फसल है, जिसकी कटाई मार्च-अप्रैल में हुई थी. इन गर्मी वाली प्याज की शेल्फ लाइफ करीब 6 से 7 महीने होती है. इसलिए किसान इन्हें लंबे समय तक स्टोर कर बेहतर दाम मिलने की उम्मीद में धीरे-धीरे बेचते हैं. जरूरत पड़ने पर ही किसान अपनी प्याज बाजार में लाते हैं. नई खरीफ प्याज आने तक बाजार की सप्लाई इन्हीं स्टोर की हुई प्याज से पूरी की जाती है.
राजस्थान में प्याज हुआ सस्ता
वहीं, बीते दिनों खबर सामने आई थी कि राजस्थान में सितंबर में प्याज के दाम लगभग 50 फीसदी गिर गए थे, जो फरवरी 2019 के बाद सबसे बड़ी गिरावट है. इससे परेशान किसानों ने सरकार से तुरंत मदद की मांग की है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक प्याज की उत्पादन लागत 8 से 10 रुपये प्रति किलो है, लेकिन किसानों का कहना है कि असल लागत 18 से 20 रुपये प्रति किलो है. बावजूद इसके, उन्हें खैरथल मंडी में प्याज सिर्फ 5 रुपये प्रति किलो के भाव पर बेचना पड़ रहा है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति और कमजोर हो रही है.