आलू की खेती से मिल सकती है बंपर पैदावार, बुवाई से पहले करना होगा बस ये एक काम

किसी भी फसल को उगाने से पहले किसानों को सबसे पहले जिस बात का ध्यान रखता होतै है वह है उस फसल के बीज. किसानों को हमेशा यही सलाह दी जाती है कि वे बुवाई से पहले अच्छे से बीजों का उपचार कर लें ताकि फसल रोगमुक्त रहे.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Published: 6 Sep, 2025 | 06:00 AM

आलू एक ऐसी फसल है जो कम दिनों में किसानों को अच्छा उत्पादन देती है. यही कारण है कि किसान बड़े पैमाने पर इसकी खेती करते हैं. सितंबर के महीने की शुरुआत हो चुकी है और देश के ज्यादातर राज्यों में किसान सितंबर के महीने में आलू की अगेती किस्म की खेती में जुट जाते हैं. बता दें कि, इन दिनों जो किसान आलू की बुवाई करते हैं वे दीवाली से पहले आलू की फसल तैयार कर लेते हैं और बाजार में बेचकर अच्छी कमाई भी कर लेते है. लेकिन हर फसल की तरह आलू की खेती करने में भी किसानों को कुछ बातों का ध्यान पखना पड़ता है नहीं को नुकसान हो सकता है. अन्य फसलों की तरह आलू की फसल में भी रोगों का संक्रमण हो जाता है, ऐसे में किसानों के लिए जरूरी हो जाता है कि वे बुवाई से पहले बीजों का अच्छे से उपचार कर लें.

क्यों जरूरी है बीज उपचार

किसी भी फसल को उगाने से पहले किसानों को सबसे पहले जिस बात का ध्यान रखता होतै है वह है उस फसल के बीज. किसानों को हमेशा यही सलाह दी जाती है कि वे बुवाई से पहले अच्छे से बीजों का उपचार कर लें ताकि फसल रोगमुक्त रहे. ऐसे में बेहद जरूरी है कि जो किसाम सितंबर के महीने में आलू की अगेती किस्मों की खेती करना चाहते हैं वे पहले इसके बीजों का अच्छे से उपचार कर लें. ताकि, बीजों की अंकुरण दर अच्छी हो. साथ ही फसल को रोगों से बचाने के साथ-साथ किसानों को उत्पादन भी ज्यादा मिल सकेगा.

Potato Farming

आलू की बुवाई से पहले बीज उपचार है जरूरी (Photo Credit-Canva)

1 हफ्ते पहले से करें तैयारी

मीडिया रिपोर्टेस के अनुसार, अगर कोई किसान आलू की अगेती किस्म की खेती करने जा रहा है तो उसे बीज उपचार के लिए 1 हफ्ते पहले से तैयारी करनी होगी. सबसे पहले किसान को हफ्ते भर पहले आलू को दो भागों में काटना होगा. इसके बाद एक बड़े टब में 2 ग्राम मैंकोजेब 75 डब्ल्यूपी (Mancozeb 75 WP) को प्रति लीटर पानी में घोलना होगा. एक बार जब घोल तैयार हो जाए तो कटे हुए आलू के टुकड़ों को उस टब में 15 मिनट के लिए भीगने के लिए रख दें. इसके बाद आलू को बाहर निकालकर किसी छांव वाली जगह पर सूखने के लिए रख दें. एक बार जब ये आलू के टुकड़े अच्छे से सूख जाएं तो खेत की तैयारी कर आलू की बुवाई कर दें.

90 दिनों में तैयार हो जाती है फसल

आलू की अगेती किस्म बुवाई के करीब 60 से 90 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. यही कारण है कि जो किसान सितंबर के महीने में इसकी बुवाई करते हैं वे दीवाली का समय आने तक पैदावार ले लेते हैं. त्योहार के समय बाजार में भी आलू की भारी मांग होती है जिससे किसानों को उनकी उपज की अच्छी कीमत मिलती है. आलू की अगेती किस्म लगाने का एक फायदा ये भी है कि कटाई के बाद किसानों के खेत जल्दी खाली हो जाते हैं, जिनमें वे रबी की अगली फसल जैसे गेहूं, मटर, जौ, सरसों आदि भी आसानी से लगा सकते हैं.

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Published: 6 Sep, 2025 | 06:00 AM

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