पंजाब में बाढ़ के लिए दोषी कौन? जानिए केंद्र ने इशारों में क्या कहा और जलप्रलय की असली वजह क्या है?

बाढ़ के प्रकोप से सर्वाधिक नुकसान गुरदासपुर, अमृतसर, कपूरथला, फजिल्का, फिरोजपुर समेत कुल 14 जिलों में हुआ है. यहां के 1300 से ज्यादा गांवों में पानी भरा हुआ है और यहां जाने वाली सड़कें, पुलिया और रास्ते बह गए हैं.

नोएडा | Updated On: 5 Sep, 2025 | 06:32 PM

पंजाब में बाढ़ ने तबाही मचाई है और 12 जिलों के 1300 गांव पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं. वहीं, 6 लाख हेक्टेयर में खड़ी फसलें प्रभावित हैं. इनमें से 3 लाख हेक्टेयर फसल चौपट हो गई है. सर्वाधिक नुकसान धान, गन्ना, कपास को हुआ है. जबकि अन्य फसलें भी बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने फाजिल्का समेत अन्य बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और मुआवजा देने का वादा किया है. वहीं, केंद्रीय कृषि मंत्री ने भी राज्य में बाढ़ में डूबे गांवों और फसलों को देखा और उदास किसानों को हर मदद देने का भरोसा दिया. लेकिन, अब सवाल यह है कि आखिर इतनी भयंकर बाढ़ ने पंजाब को अपनी चपेट में कैसे लिया और इसकी वजह क्या है.

पंजाब के किस जिले में सबसे ज्यादा तबाही

राज्य सरकार के अनुसार बाढ़ के प्रकोप से सर्वाधिक नुकसान गुरदासपुर, अमृतसर, कपूरथला, फजिल्का, फिरोजपुर समेत कुल 14 जिलों में हुआ है. यहां के 1300 से ज्यादा गांवों में पानी भरा हुआ है और यहां जाने वाली सड़कें, पुलिया और रास्ते बह गए हैं. बाढ़ और बारिश के चलते 29 लोगों की मौत हो गई है. जबकि, कई दर्जन मवेशियों के मरने और बह जाने की सूचना है. सेना ने बाढ़ग्रस्त इलाकों में फंसे 15 हजार लोगों को रेस्क्यू किया है. जबकि, करीब 3 लाख लोग प्रभावित हैं. वहीं, कई दर्जन घर पानी में ढह गए हैं और बाढ़ से भारी नुकसान हुआ है.

राज्य ने पीड़ितों को मदद देने का भरोसा दिलाया, केंद्र से बकाया राशि मांगी

फजिल्का में बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा करने पहुंचे मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि बाढ़ के कारण लोगों को हुए हर प्रकार के नुकसान के लिए उचित मुआवज़ा दिया जाएगा और भविष्य में ऐसी स्थिति से निपटने के लिए नए और प्रभावी तरीकों की तलाश की जाएगी. साथ ही केंद्र सरकार से प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुए नुकसान के मुआवज़े को बढ़ाने की मांग भी की गई है. उन्होंने लोगों से हिम्मत और हौंसला बनाए रखने की अपील की. इस संकट की घड़ी में हमारी सरकार और प्रशासन पूरी तत्परता के साथ लोगों के साथ खड़े हैं. लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने की हर संभव कोशिश की जा रही है. बहुत जल्द हालात सामान्य होंगे. वहीं, वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा ने केंद्र सरकार से राज्य का बकाया 60 हजार करोड़ रुपया मांगा है, ताकि पीड़ितों की मदद की जा सके.

Punjab CM Visit Flood Affected Areas

पंजाब सीएम मान ने बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा किया.

पंजाब बाढ़ को लेकर केंद्र ने क्या कहा

पंजाब में बाढ़ के हालात का जायजा लेने बीते दिन केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान पहुंचे. उन्होंने कहा कि पंजाब में जलप्रलय की स्थिति है. फसलें तबाह और बर्बाद हो गई हैं. संकट की इस घड़ी में केंद्र सरकार पंजाब की जनता और किसानों के साथ खड़ी है. उन्होंने कहा कि जब अटल जी प्रधानमंत्री थे और प्रकाश सिंह बादल पंजाब के मुख्यमंत्री थे, तब फसलों को बाढ़ से बचाने के लिए सतलुज, ब्यास, रावी और घग्गर नदियों के किनारों पर बांध मजबूत और ऊंचे किए गए. लेकिन अवैध खनन के कारण वे कमजोर हो गए और गांवों में पानी आ गया. अब जरूरी है कि उन संरचनाओं को मजबूत करना होगा ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी से पंजाब को बचाया जा सके.

Shivraj Singh Meet Flood affected farmers

पंजाब के बाढ़ पीड़ित किसान की खराब फसल देखते शिवराज सिंह चौहान.

पानी उतरने के बाद की स्थितियों पर राज्य काम करे

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि संकट बड़ा है, लेकिन इस संकट से निकलने के लिए केंद्र सरकार कोई भी कसर नहीं छोड़ेगी. साथ ही राज्य सरकार को भी पूरी गंभीरता के साथ जमीनी स्तर पर काम करना होगा. जब पानी उतरेगा तो बीमारी फैलने का खतरा सामने होगा. मरे हुए पशुओं का सुरक्षित तरीके से निस्तारण करना होगा, जिससे बीमारी न फैले. खेतों में सिल्ट जमा हो गई है, उसे हटाने की योजना बनानी होगी, ताकि अगली फसल पर संकट न रहे.

पंजाब में अचानक बाढ़ आने की वजह क्या है

अब मुख्य सवाल पर आते हैं कि आखिर पंजाब में इतनी बाढ़ आई कैसे और इसकी वजह क्या है. मौसम विज्ञानियों और पर्यावरण विशेषज्ञों ने क्लाइमेट चेंज और पर्याप्त व्यवस्थाएं न किए जाने के साथ ला नीना के प्रभाव समेत कई वजहें बताई हैं. विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने भारतीय मॉनसून पर ला नीना का गहरा असर रहने का अनुमान जताया था. ला नीना का मतलब है कि समुद्री जल ठंडा रहता है और जलवायु में बदलाव होता है और इसके नतीजे में भारतीय क्षेत्र में मॉनसून मजबूत हो जाता है. यही कारण है कि इस बार भारत में ज्यादा बारिश हो रही है. वहीं, पंजाब की बात करें तो वहां बाढ़ आने की वजह सतलुज, रावी, ब्यास और घग्गर नदियों का पानी क्षमता के कई गुना पार हो जाना है, जिसकी वजह से इन बड़ी नदियों से जुड़ी छोटी नहरों और रजबहों में भी पानी क्षमता के पार चला गया और नतीजे में बड़े पैमाने पर पानी का सैलाब गांवों-कस्बों और खेतों में घुस गया.

Roads Submerged Flood in Punjab. Pic Credit - AdobeStock

बाढ़ के पानी में डूबी सड़क और रेल पटरी.

बांधों के खुलते ही हर ओर फैला पानी

पंजाब से गुजरने वाली इन चारों नदियों के उफनाने की प्रमुख वजह हिमाचल और जम्मू कश्मीर समेत अन्य पहाड़ी हिस्सों में जोरदार बारिश और बादल फटने की घटनाएं भी हैं. क्योंकि यहां का पानी पंजाब से गुजरने वाली इन नदियों में आता है. इन नदियों में पंजाब में हुई लगातार बारिश का पानी तो आया ही पहाड़ों से भी पानी बहकर आया, जो नदियों में जमी सिल्ट और किनारों पर मिट्टी की मजबूती नहीं होने से चारों ओर फैलने लगा. इतना ही नहीं इन नदियों पर बने पोंग बांध, भाखड़ा और रंजीत सागर बांधों में भी क्षमता से अधिक पानी स्टोर होने पर उनके गेट खोल दिए गए और नदियों से उफनाता हुआ पानी जलप्रलय का रूप लेकर तबाही मचा रहा है.

Published: 5 Sep, 2025 | 06:23 PM