Chhath Puja 2025: छठ पूजा में खरना क्यों होता है सबसे खास? जानिए इस पवित्र व्रत का रहस्य!

Chhath Puja 2025: छठ पूजा का दूसरा दिन ‘खरना’ सिर्फ एक व्रत नहीं, बल्कि आस्था, तपस्या और पवित्रता का अनोखा संगम है. इस दिन व्रती महिलाएं पूरे दिन बिना अन्न-जल के रहकर सूर्यदेव और छठी मैया की आराधना करती हैं. शाम होते ही जब गुड़ की खीर की खुशबू पूरे घर में फैलती है, तो मानो भक्ति और श्रद्धा का वातावरण एक दिव्य ऊर्जा से भर उठता है.

Isha Gupta
नोएडा | Published: 21 Oct, 2025 | 04:58 PM
1 / 6Chhath Puja 2025: छठ पर्व का दूसरा दिन ‘खरना’ कहलाता है. यह दिन व्रती महिलाओं के लिए बेहद पवित्र माना जाता है. इस दिन वे पूरे दिन बिना अन्न-जल के उपवास रखती हैं और शाम को पूजा के बाद प्रसाद ग्रहण करती हैं, जिससे अगले 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू होता है.

Chhath Puja 2025: छठ पर्व का दूसरा दिन ‘खरना’ कहलाता है. यह दिन व्रती महिलाओं के लिए बेहद पवित्र माना जाता है. इस दिन वे पूरे दिन बिना अन्न-जल के उपवास रखती हैं और शाम को पूजा के बाद प्रसाद ग्रहण करती हैं, जिससे अगले 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू होता है.

2 / 6Kharna: ‘खरना’ शब्द का अर्थ ही है शुद्धता और पवित्रता. इस दिन व्रती महिलाएं अपने घर और पूजा स्थल को पूरी तरह साफ रखती हैं, क्योंकि छठ का पूरा व्रत स्वच्छता और आत्मसंयम का प्रतीक माना जाता है.

Kharna: ‘खरना’ शब्द का अर्थ ही है शुद्धता और पवित्रता. इस दिन व्रती महिलाएं अपने घर और पूजा स्थल को पूरी तरह साफ रखती हैं, क्योंकि छठ का पूरा व्रत स्वच्छता और आत्मसंयम का प्रतीक माना जाता है.

3 / 6Kharna Ka Mehatva: खरना कार्तिक शुक्ल पंचमी को मनाया जाता है. नहाय-खाय के अगले दिन यह व्रत किया जाता है. इस दिन व्रती शाम को गुड़ की खीर, रोटी और केला का प्रसाद बनाकर पूजा करती हैं और फिर प्रसाद ग्रहण करती हैं.

Kharna Ka Mehatva: खरना कार्तिक शुक्ल पंचमी को मनाया जाता है. नहाय-खाय के अगले दिन यह व्रत किया जाता है. इस दिन व्रती शाम को गुड़ की खीर, रोटी और केला का प्रसाद बनाकर पूजा करती हैं और फिर प्रसाद ग्रहण करती हैं.

4 / 6Chhath Puja: यह दिन सूर्यदेव और छठी मैया के प्रति अटूट आस्था, भक्ति और समर्पण को दर्शाता है. व्रती महिलाएं इस व्रत के माध्यम से परिवार की सुख-समृद्धि और निरोगी जीवन की कामना करती हैं.

Chhath Puja: यह दिन सूर्यदेव और छठी मैया के प्रति अटूट आस्था, भक्ति और समर्पण को दर्शाता है. व्रती महिलाएं इस व्रत के माध्यम से परिवार की सुख-समृद्धि और निरोगी जीवन की कामना करती हैं.

5 / 6Chhath 2025: खरना का व्रत बेहद कठिन माना जाता है क्योंकि इस दिन व्रती अन्न और जल दोनों का त्याग करती हैं. यह त्याग केवल शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक शुद्धता का भी प्रतीक है.

Chhath 2025: खरना का व्रत बेहद कठिन माना जाता है क्योंकि इस दिन व्रती अन्न और जल दोनों का त्याग करती हैं. यह त्याग केवल शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक शुद्धता का भी प्रतीक है.

6 / 6Chhath Puja: खरना के दिन प्रसाद के रूप में गुड़ की खीर बनाई जाती है, जिसे नए मिट्टी के चूल्हे पर पकाया जाता है. पूजा के बाद यह प्रसाद सूर्यदेव और छठी मैया को अर्पित किया जाता है. मान्यता है कि इससे घर में स्वास्थ्य, समृद्धि और परिवारिक सुख बना रहता है.

Chhath Puja: खरना के दिन प्रसाद के रूप में गुड़ की खीर बनाई जाती है, जिसे नए मिट्टी के चूल्हे पर पकाया जाता है. पूजा के बाद यह प्रसाद सूर्यदेव और छठी मैया को अर्पित किया जाता है. मान्यता है कि इससे घर में स्वास्थ्य, समृद्धि और परिवारिक सुख बना रहता है.

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