2009 के बाद पहली बार जल्दी दस्तक देगा मॉनसून, जानें कब और कैसे

आमतौर पर मॉनसून की शुरुआत 1 जून के आसपास होती है, ऐसे में इस बार यह करीब 5 दिन पहले आ सकता है. अगर यह अनुमान सही साबित होता है, तो 2009 के बाद यह भारत में मॉनसून की सबसे जल्दी शुरुआत होगी.

नई दिल्ली | Updated On: 10 May, 2025 | 03:36 PM

गर्मी से परेशान लोगों के लिए राहत की खबर है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया है कि इस साल दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून 27 मई को केरल पहुंच सकता है. आमतौर पर मॉनसून की शुरुआत 1 जून के आसपास होती है, ऐसे में इस बार यह करीब 5 दिन पहले आ सकता है. अगर यह अनुमान सही साबित होता है, तो 2009 के बाद यह भारत में मॉनसून की सबसे जल्दी शुरुआत होगी. 2009 में मॉनसून 23 मई को केरल पहुंचा था.

केरल से होती है मॉनसून की आधिकारिक शुरुआत

भारत में मॉनसून की औपचारिक शुरुआत तब मानी जाती है जब यह केरल तट पर पहुंचता है. इसके बाद यह धीरे-धीरे पूरे देश में फैलता है और आमतौर पर 8 जुलाई तक पूरे भारत को ढक लेता है. मॉनसून की वापसी उत्तर-पश्चिम भारत से 17 सितंबर के आसपास शुरू होती है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह समाप्त हो जाती है.

पिछले कुछ वर्षों में केरल में मॉनसून की शुरुआत इस तरह हुई है:

  • 2024 – 30 मई
  • 2023 – 8 जून
  • 2022 – 29 मई
  • 2021 – 3 जून
  • 2020 – 1 जून
  • 2019 – 8 जून
  • 2018 – 29 मई

जल्दी या देर से मॉनसून का मतलब

IMD के एक अधिकारी ने बताया कि मॉनसून कब शुरू होता है, इसका पूरे देश में होने वाली कुल बारिश से कोई सीधा संबंध नहीं होता. मॉनसून की बारिश कई वैश्विक और स्थानीय कारणों से प्रभावित होती है, इसलिए इसकी गति और असर हर साल अलग हो सकता है.

मौसम विभाग ने अप्रैल में ही अनुमान लगाया था कि इस साल भारत में जून से सितंबर के बीच सामान्य से ज्यादा बारिश हो सकती है. अच्छी बात ये है कि इस बार एल-नीनो जैसी स्थिति नहीं बन रही है, जो आमतौर पर कम बारिश से जुड़ी होती है.

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम. रविचंद्रन ने बताया कि इस साल औसत से करीब 105% बारिश हो सकती है. मौसम विभाग की गणना के अनुसार:

  • 96% से 104% बारिश = सामान्य बारिश
  • 105% से 110% = सामान्य से अधिक बारिश
  • 110% से ज्यादा = अत्यधिक बारिश
  • 90% से कम = अल्पवृष्टि (कम बारिश)
  • 90% से 95% = सामान्य से कम बारिश

क्यों जरूरी है मॉनसून?

भारत में खेती का बड़ा हिस्सा मॉनसून की बारिश पर निर्भर करता है. देश की करीब 42% आबादी की आजीविका कृषि से जुड़ी है और यह देश की जीडीपी में लगभग 18% योगदान देती है. इसके अलावा, मॉनसून से देशभर के जलाशय भरते हैं, जो पीने के पानी और बिजली उत्पादन के लिए बेहद जरूरी हैं.

Published: 10 May, 2025 | 02:35 PM