प्याज संकट की आहट! नासिक की बारिश से 80 फीसदी फसल तबाह, कीमतों में फिर उछाल

नासिक क्षेत्र में हुई भारी बारिश ने करीब 80 प्रतिशत खरीफ प्याज फसल को नुकसान पहुंचाया है. खेतों में पानी भरने से कटाई मुश्किल हो गई है और मजदूरों की कमी ने हालात को और जटिल बना दिया है. यही वजह है कि बाजार में प्याज की आवक घटने लगी है. जो किसान गर्मी की फसल (समर क्रॉप) के प्याज को स्टोर कर रखे थे, अब वही स्टॉक बाजार में बेच रहे हैं.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 29 Oct, 2025 | 04:08 PM

Onion Prices: भारत में प्याज सिर्फ एक सब्जी नहीं, बल्कि रोजमर्रा की रसोई का अहम हिस्सा है. लेकिन इस बार बारिश ने किसानों और उपभोक्ताओं दोनों की नींद उड़ा दी है. एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव (नासिक) में प्याज के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं. दिवाली के बाद से ही बाजार में प्याज की कीमतों में उछाल देखने को मिल रहा है, और इसका सीधा असर आम जनता की थाली पर पड़ने लगा है.

बारिश ने बिगाड़ा खेल

नासिक क्षेत्र में हुई भारी बारिश ने करीब 80 प्रतिशत खरीफ प्याज फसल को नुकसान पहुंचाया है. खेतों में पानी भरने से कटाई मुश्किल हो गई है और मजदूरों की कमी ने हालात को और जटिल बना दिया है. यही वजह है कि बाजार में प्याज की आवक घटने लगी है. जो किसान गर्मी की फसल (समर क्रॉप) के प्याज को स्टोर कर रखे थे, अब वही स्टॉक बाजार में बेच रहे हैं, ताकि ऊंचे दामों का फायदा उठाया जा सके.

लगातार बढ़ते दाम

दिवाली से पहले जहां प्याज की औसत कीमत 1,100 रुपये प्रति क्विंटल थी, वहीं अब यह बढ़कर 1,350 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच चुकी है. कुछ मंडियों में तो दाम 1,800 रुपये प्रति क्विंटल तक जा पहुंचे हैं.

लासलगांव एपीएमसी के आंकड़ों के मुताबिक, सोमवार को बाजार में 6,464 क्विंटल प्याज आई थी, जो मंगलवार को बढ़कर 7,778 क्विंटल हुई, लेकिन बुधवार को फिर घटकर 5,346 क्विंटल पर आ गई. इससे साफ है कि आवक घट रही है और मांग बढ़ रही है, जिसके चलते दामों में उछाल जारी है.

गर्मी की फसल पर टिकी उम्मीद

फिलहाल बाजार में जो प्याज आ रही है, वह मार्च-अप्रैल में हुई गर्मी की फसल की है. इन प्याजों की शेल्फ लाइफ करीब 6 से 7 महीने होती है. नई खरीफ फसल अभी तक तैयार नहीं है. व्यापारियों का कहना है कि नए प्याज की आवक नवंबर के अंत या दिसंबर के मध्य तक ही शुरू होगी. तब तक बाजार में दामों पर दबाव बना रहेगा.

सरकार की चिंता भी बढ़ी

प्याज के बढ़ते दाम और फसल के नुकसान को देखते हुए केंद्र सरकार की एक टीम ने नासिक का दौरा किया. इस टीम ने खरीफ प्याज की स्थिति का जायजा लिया और देर से बोई गई फसल की प्रगति की भी समीक्षा की. कई भंडारण स्थलों (स्टोरेज शेड) में नमी घुसने से प्याज खराब हो गई है, जिससे नुकसान और बढ़ा है.

व्यापारियों का मानना है कि जब तक नई फसल बाजार में नहीं आती, तब तक दामों में राहत की उम्मीद नहीं है. प्याज की कमी से खुदरा बाजार में भी भाव बढ़ सकते हैं. महाराष्ट्र ही नहीं, बल्कि देश के अन्य हिस्सों में भी इसका असर दिखने की संभावना है.

आम जनता की जेब पर असर

रसोई में हर सब्जी के साथ इस्तेमाल होने वाली प्याज अब कई घरों में ‘लक्जरी’ बनती जा रही है. पहले जो प्याज 2025 रुपये किलो मिलती थी, वह अब 4060 रुपये किलो तक पहुंच गई है. ऐसे में आम आदमी की थाली और किसान दोनों इस बार मौसम की मार झेल रहे हैं.

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