Onion Farming : प्याज की खेती करने वाले किसानों के लिए सबसे बड़ा डर है- फसल में गलन (सड़न). गलन न सिर्फ उत्पादन घटाता है, बल्कि प्याज की गुणवत्ता को भी प्रभावित करता है. लेकिन अब किसानों के लिए एक देसी और असरदार उपाय है, जिसमें गुड़, बेसन और ट्राइकोडर्मा का इस्तेमाल करके प्याज की गलन को आसानी से रोका जा सकता है.
प्याज की गलन की मुख्य वजहें
किसान हर साल बड़ी संख्या में प्याज की खेती करते हैं. यह प्याज न सिर्फ आसपास के जिलों में, बल्कि कई राज्यों में भी सप्लाई होती है. इसलिए प्याज की फसल की गुणवत्ता और मात्रा दोनों ही किसानों की आमदनी को प्रभावित करती है. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, गलन का सबसे बड़ा कारण खेत में पानी का रुकना है. अगर खेत में जलभराव होता है तो प्याज की गांठें सड़ने लगती हैं. इसके अलावा, मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी, जैसे पोटाश, फास्फोरस, जिंक और बोरान की कमी भी फफूंदी और बीमारियों को बढ़ावा देती है.
मिट्टी और खेत की तैयारी
प्याज एक नाजुक फसल है, जो मिट्टी के भीतर विकसित होती है. अगर मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी या फफूंदी का संक्रमण है, तो प्याज की बढ़वार रुक जाती है और इसका रंग फीका पड़ने लगता है. किसानों को खेत में मेड बनाकर बुवाई करने की सलाह दी जाती है, ताकि पानी खेत में रुके नहीं. इसके अलावा, मिट्टी में संतुलित मात्रा में पोटाश, फास्फोरस, जिंक सल्फेट और बोरान का उपयोग करना जरूरी है. यह उपाय प्याज की गांठों को मजबूत बनाएगा और रोगों से बचाएगा.
देसी उपाय: गुड़, बेसन और ट्राइकोडर्मा
गलन से बचाने के लिए किसानों के लिए एक आसान देसी उपाय है. इसके लिए चाहिए:-
- 2 किलो ट्राइकोडर्मा
- 2 किलो गुड़
- 1 किलो बेसन
इन सभी को 200 लीटर पानी में मिलाकर 3-4 दिन तक ढककर रखें. इसके बाद जब खेत में सिंचाई की जाए, तो इस घोल को पानी में मिलाकर खेत में डाल दें. यह मिश्रण प्याज की गांठों को गलन से बचाने में बेहद असरदार साबित होता है.
पोषक तत्व और नियमित देखभाल
समय-समय पर सल्फर, जिंक और बोरान का छिड़काव करने से प्याज की गांठें और मजबूत होती हैं. फसल का रंग और गुणवत्ता भी बेहतर रहती है. ये छोटे-छोटे उपाय न केवल गलन से बचाते हैं, बल्कि उत्पादन में भी बढ़ोतरी करते हैं. किसानों को चाहिए कि वे मिट्टी और फसल की नियमित जांच करें और आवश्यकतानुसार पोषक तत्व दें.
फायदे और मुनाफा
इन आसान देसी उपायों को अपनाकर किसान प्याज की फसल को गलन से बचा सकते हैं. इसका सबसे बड़ा फायदा है-बेहतर उत्पादन और अधिक मुनाफा. किसान अब अपने खेतों में यह तरीका अपनाकर न सिर्फ प्याज की गुणवत्ता बढ़ा रहे हैं, बल्कि फसल की मात्रा में भी सुधार कर रहे हैं. यह देसी और सस्ता उपाय किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है, क्योंकि यह महंगी रासायनिक दवाओं की जरूरत को कम करता है और पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित है.