हरियाणा में MSP से 300 रुपये कम रेट पर हो रही धान की खरीद? चढूनी ने PM को लिखा पत्र

गुरनाम सिंह चढूनी ने हरियाणा में धान की खरीद एमएसपी से कम दाम पर होने का आरोप लगाया है. उन्होंने धोखाधड़ी और फर्जी रजिस्ट्रेशन पर कार्रवाई की मांग करते हुए मुख्यमंत्री व वरिष्ठ अधिकारियों से बैठक बुलाने की बात कही है ताकि किसानों के हित सुरक्षित हो सकें.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 20 Oct, 2025 | 09:54 AM

Haryana News: भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी ने मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और विपक्षी नेताओं को एक खुला पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने हरियाणा की अनाज मंडियों में धान की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम दाम पर होने का आरोप लगाया है. उन्होंने किसानों के हितों की रक्षा के लिए तुरंत कार्रवाई की मांग की है और मुख्यमंत्री व वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की मांग की है. चढूनी ने कहा कि मंडियों में सरकारी एजेंसियां सक्रिय नहीं हैं और पूरा सिस्टम राइस मिल मालिकों के हाथों में चला गया है. धान एमएसपी से 300 रुपये कम में खरीदा जा रहा है. ऐसे में किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है.

गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि मिल मालिक किसान से कम दाम में धान खरीदते हैं और कागजों में एमएसपी पर खरीद  दिखाते हैं. इतना ही नहीं, यूपी से बड़ी मात्रा में धान सीधे राइस मिलों में आ रही है, जिससे राज्य को राजस्व और किसानों को नुकसान हो रहा है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही. उन्होंने मांग की कि राज्य की सभी राइस मिलों में जमा धान की तुरंत जांच होनी चाहिए. अगर कहीं भी अधिक या कम मात्रा में धान मिला, तो संबंधित अधिकारी और मिल मालिक पर धोखाधड़ी का केस दर्ज हो. जांच के लिए एक टीम बनाई जाए, जिसमें किसान यूनियन के दो सदस्य या किसानों द्वारा सुझाए गए ईमानदार अधिकारी को शामिल किया जाए.

गुरनाम सिंह चढ़ूनी का गंभीर आरोप

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने आरोप लगाया कि धान खरीद घोटाले की जड़ “मेरी फसल मेरा ब्यौरा (MFMB)” पोर्टल है, जिसमें फर्जी रजिस्ट्रेशन की भरमार है. उन्होंने कहा कि अब तक किसी भी अधिकारी पर इन फर्जी रजिस्ट्रेशन  को लेकर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. चढूनी ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, कृषि मंत्रियों, विपक्षी दलों, डिप्टी कमिश्नरों और अन्य अधिकारियों को खुला पत्र भेजकर इस घोटाले की जानकारी दी है. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर स्थिति पर जल्दी काबू नहीं पाया गया तो किसान आंदोलन के लिए मजबूर होंगे. उन्होंने मांग की कि धान की खरीद एमएसपी पर सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में बैठक होनी चाहिए, ताकि किसानों के हक की रक्षा की जा सके.

किसानों को फ्री में बांटे जा रहे बीज

वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़ी जम्हूरी किसान सभा, पंजाब हाल ही में आई बाढ़ से प्रभावित किसानों को अच्छी गुणवत्ता वाले गेहूं के बीज  उपलब्ध कराने के लिए काम कर रही है. गेहूं की बुआई अक्टूबर के आखिरी सप्ताह से शुरू होने वाली है, लेकिन कई किसानों के बीज बाढ़ में खराब हो गए हैं. किसान नेता डॉ. सतनाम सिंह अजनाला ने कहा कि हाल ही में उन्होंने जैतो सर्जा स्थित प्रताप एग्रीकल्चर सीड फार्म से बीज के सैंपल लेकर उनकी अंकुरण क्षमता और गुणवत्ता की जांच करवाई थी. जांच सफल होने के बाद डॉ. अजनाला के नेतृत्व में किसान सभा की टीम ने फार्म का दौरा कर अधिक बीज खरीदे. इस टीम में जंग बहादुर सिंह मट्टिया, हरनेक सिंह नेपाल, जग्गा सिंह डल्ला और मशहूर गायक गुरपाल गिल सैदपुर भी शामिल थे. सभी ने फार्म में बीज उत्पादन और भंडारण की प्रक्रिया को देखा और जांचा.

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Published: 20 Oct, 2025 | 09:48 AM

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