PM Kisan के 31 लाख से अधिक लाभार्थी निकले फर्जी, गलत तरीके से उठा रहे थे लाभ.. अब होगी कार्रवाई

PM-किसान योजना में 31.01 लाख लाभार्थी संदिग्ध पाए गए हैं, जिनमें पति-पत्नी दोनों को लाभ मिल रहा था. 1.76 लाख मामलों में नाबालिगों को भी पैसा मिला. केंद्र सरकार ने जांच के निर्देश दिए हैं और योजना को पारदर्शी बनाने के लिए Farmer ID अनिवार्य कर दिया है.

Kisan India
नोएडा | Published: 14 Oct, 2025 | 11:15 AM

Prime Minister Kisan Samman Nidhi Scheme: केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-Kisan) योजना के 31.01 लाख लाभार्थियों को ‘संदिग्ध’ बताया है. इनमें पति-पत्नी दोनों को एक साथ नकद सहायता मिल रही थी. यह जानकारी कृषि मंत्रालय की बड़ी जांच के दौरान सामने आई है. सूत्रों के मुताबिक, 31.01 लाख मामलों में से 19.02 लाख की जांच पूरी हो चुकी है. जांच में से 17.87 लाख यानी करीब 94 फीसदी मामले ऐसे थे जहां पति-पत्नी दोनों को एक साथ फायदा मिल रहा था. अब कृषि मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र भेजकर कहा है कि वे यह जांच 15 अक्टूबर तक पूरी कर लें.

PM-किसान योजना के तहत सभी जमीन वाले किसानों के परिवारों की आर्थिक मदद  के लिए सालाना 6,000 रुपये सीधे उनके बैंक खाते में तीन किस्तों में (हर बार 2,000 रुपये) ऑनलाइन दिए जाते हैं. यह भुगतान सीधे लाभार्थी किसानों को किया जाता है. इस योजना के नियमों के अनुसार, एक किसान परिवार में पति, पत्नी और नाबालिग बच्चे शामिल होते हैं, जिनके नाम पर राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के जमीन रिकॉर्ड  में खेती योग्य जमीन दर्ज होती है. योजना का लाभ परिवार में सिर्फ एक सदस्य पति, पत्नी या नाबालिग बच्चे ही उठा सकते हैं.

एक ही घर से पीएम-किसान योजना का ले रहे थे लाभ

सूत्रों के अनुसार, कृषि मंत्रालय ने 1.76 लाख ऐसे मामले पहचाने हैं, जहां नाबालिग और परिवार के अन्य सदस्य एक ही घर से पीएम-किसान योजना का लाभ ले रहे थे. इसके अलावा, मंत्रालय ने 33.34 लाख संदिग्ध मामले भी खोजे हैं, जिनमें पिछले जमीन मालिकों  की जानकारी ‘गलत या खाली’ पाई गई है. पीएम-किसान नियमों के अनुसार, जिन किसानों ने 1 फरवरी 2019 के बाद जमीन ट्रांसफर की है, उन्हें रजिस्ट्रेशन के दौरान पुराने मालिक की जानकारी देना जरूरी है. योजना का लाभ पिछले जमीन मालिक को नहीं मिलना चाहिए. लेकिन 8.11 लाख ऐसे मामले मिले हैं, जहां दोनों, पुराने और नए जमीन मालिक, योजना का लाभ ले रहे थे. मकान मालिक बदलने की प्रक्रिया (म्यूटेशन) में विरासत के अलावा अन्य कारणों से 8.83 लाख मामले मिले हैं, जो नियमों के खिलाफ हैं.

लाभार्थियों के रजिस्ट्रेशन के लिए किसान पहचान जरूरी

पिछले कुछ वर्षों में, केंद्र सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं कि पीएम-किसान योजना  का लाभ सही किसानों तक पहुंचे. उदाहरण के तौर पर, 1 जनवरी 2025 से नए पीएम-किसान लाभार्थियों के रजिस्ट्रेशन के लिए किसान पहचान (Farmer ID) अनिवार्य कर दी गई है. पीएम-किसान योजना 24 फरवरी 2019 को लोकसभा चुनाव से ठीक पहले शुरू हुई थी. यह पूरी तरह केंद्र सरकार द्वारा फंड की जाने वाली योजना है. इसमें राशि सीधे किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अगस्त 2025 को वाराणसी से योजना की 20वीं किस्त जारी की, जिसमें देश भर के 9.7 करोड़ से ज्यादा किसानों को पैसा दिया गया. साल 2025-26 के बजट में पीएम-किसान के लिए 63,500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. हाल ही में एक संसदीय समिति ने पीएम-किसान की सालाना मदद राशि 6,000 रुपये से बढ़ाकर 12,000 रुपये करने की सिफारिश की है.

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