अब मिट्टी होगी और उपजाऊ, वर्मी कम्पोस्ट यूनिट लगाने पर सरकार दे रही है आर्थिक सहायता

सरकार ने किसानों को जैविक खेती अपनाने के लिए वर्मी कम्पोस्ट यूनिट पर सब्सिडी देने की शुरुआत की है. किसान ऑनलाइन आवेदन कर कम लागत में प्राकृतिक खाद तैयार कर सकेंगे. इससे मिट्टी की सेहत सुधरेगी, रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम होगी और फसल की गुणवत्ता भी बेहतर होगी. यह योजना किसानों की आय बढ़ाने में भी मदद करेगी.

Saurabh Sharma
नोएडा | Published: 29 Nov, 2025 | 09:00 PM

Vermicompost Scheme : खेत में उगने वाली फसल की सेहत काफी हद तक मिट्टी पर निर्भर करती है. रासायनिक खाद से फसल तो बन जाती है, लेकिन मिट्टी धीरेधीरे कमजोर होती जाती है. ऐसे समय में वर्मी कम्पोस्ट किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. अब सरकार भी इस दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए वर्मी कम्पोस्ट यूनिट पर आर्थिक मदद दे रही है, ताकि किसान आसानी से जैविक खेती कर सकें और लागत भी कम हो.

वर्मी कम्पोस्ट यूनिट पर सरकारी सब्सिडी

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सरकार की नई पहल के अनुसार अब किसानों को वर्मी कम्पोस्ट  यूनिट बनाने पर वित्तीय सहायता दी जाएगी. इसका उद्देश्य जैविक खेती को बढ़ावा देना और किसानों की लागत कम करना है. योजना के तहत वे किसान शामिल किए गए हैं जिनके पास कम से कम तीन गोवंश मौजूद हैं. ऐसे किसान ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवश्यक दस्तावेज अपलोड कर आवेदन कर सकते हैं. सरकार यूनिट बनाने पर 10,000 रुपये तक की सब्सिडी देगी, जिससे किसान कम लागत में अपने खेत में प्राकृतिक खाद तैयार कर सकें.

तय माप के कंपोस्ट पिट से नियमित उत्पादन

योजना में वर्मी कम्पोस्ट यूनिट के लिए निर्धारित आकार के पिट बनाने की शर्त रखी गई है. पिट की लंबाई 20 फीट, चौड़ाई 3 फीट और गहराई 2 फीट रखने के निर्देश हैं. किसान चाहें तो इसे दो अलग-अलग 10 फीट के बेड में भी बांट सकते हैं. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जैविक खाद का उत्पादन   लगातार बना रहे और रासायनिक उर्वरकों का उपयोग कम हो सके. वर्मी कम्पोस्ट मिट्टी को लंबे समय तक पोषक तत्व देता है, जिससे फसल की गुणवत्ता और उत्पादन दोनों बेहतर होते हैं.

किसानों को मिल रहा दोगुना फायदा

जैविक तरीकों से खेती करने वाले किसानों की संख्या लगातार बढ़ रही है. रासायनिक खाद के दुष्प्रभाव और मिट्टी की बिगड़ती सेहत के कारण किसान प्राकृतिक खाद की ओर लौट रहे हैं. विशेषज्ञों के अनुसार वर्मी कम्पोस्ट न सिर्फ मिट्टी की संरचना सुधारता है, बल्कि उसमें मौजूद सूक्ष्मजीवों को भी सक्रिय करता है. इससे फसल मजबूत, पौष्टिक और गुणवत्तापूर्ण  बनती है, जिसकी बाजार में अच्छी कीमत मिलती है. जैविक उत्पादों की डिमांड स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर तेजी से बढ़ रही है, जिससे किसानों को अतिरिक्त लाभ मिल रहा है.

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Published: 29 Nov, 2025 | 09:00 PM

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