PM किसान सहित केंद्र की इन योजनाओं का लाभ नहीं उठा पाएंगे हजारों किसान, ये है वजह

तेलंगाना में किसान यूनिक फार्मर आईडी योजना के तहत आधार और जमीन पासबुक के पते मेल न खाने से रजिस्ट्रेशन नहीं करा पा रहे हैं. इससे हजारों किसान पीएम किसान से वंचित हो सकते हैं.

नोएडा | Updated On: 6 Jun, 2025 | 10:39 AM

केंद्र सरकार द्वारा किसानों के लिए शुरू की गई Farmer ID नंबर देने की योजना तेलंगाना में बड़ी मुश्किल में फंस गई. अभी तक हजारोंं किसानों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया है, क्योंकि उनके आधार कार्ड और लैंड पासबुक में दिए गए एड्रेस मेल नहीं खा रहे हैं. ऐसे में किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, फसल बीमा योजना और फल, सब्जी व रेशम की खेती पर मिलने वाली 60 फीसदी सब्सिडी का लाभ नहीं उठा पाएंगे. इससे तेलंगाना के हजारों किसानों की चिंता बढ़ गई है.

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों का कहना है कि बहुत से किसानों की जमीन गांव में है, लेकिन वे खुद शहर में रहते हैं. साथ ही शहर के ही एड्रेस पर आधार कार्ड बनवा लेते हैं.  जबकि, उनके लैंड पासबुक में गांव का पता दर्ज होता है. इसके चलते कृषि विभाग का सॉफ्टवेयर दोनों रिकॉर्ड लिंक नहीं कर पा रहा है और आवेदन रिजेक्ट हो रहे हैं.

क्यो नहीं हो पा रहा रजिस्ट्रेशन

अधिकारियोंने कहा कि कई बार किसान ओटीपी तो हासिल कर लेते हैं, लेकिन दस्तावेज अपलोड करते समय सिस्टम में बार-बार एरर आ रही है. मौजूदा सिस्टम में यह शर्त है कि आधार और जमीन पासबुक दोनों में पता बिल्कुल एक जैसा होना चाहिए. लेकिन ज्यादातर किसानों के लिए यह मुमकिन नहीं है. इससे परेशान होकर किसानों ने नियमों में ढील देने की मांग की है.  किसानों को डर है कि अगर ये तकनीकी समस्याएं बनी रहीं, तो वे पीएम किसान, फसल बीमा और फल, सब्जी व रेशम की खेती पर मिलने वाली 60 फीसदी सब्सिडी जैसी योजनाओं से वंचित रह जाएंगे.

19 राज्यों ने भेजा रजिस्ट्रेशन का पूरा डेटा

देश के 19 राज्य किसानों का रजिस्ट्रेशन पूरा कर केंद्र सरकार को डेटा भेज चुके हैं, लेकिन तेलंगाना अभी काफी पीछे है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अब तक केवल 30 फीसदी पात्र किसान ही सफलतापूर्वक रजिस्ट्रेशन कर पाए हैं. कृषि अधिकारी अब 6 जून तक रजिस्ट्रेशन पूरा करने में जुटे हैं. इसके बाद मीसेवा (MeeSeva) केंद्रों से भी रजिस्ट्रेशन की सुविधा मिलेगी.

यूनिक फार्मर आईडी का क्या है उदेश्य

यूनिक फार्मर आईडी सिस्टम का मकसद है सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे और जल्दी देना, फर्जीवाड़ा रोकना और प्राकृतिक आपदा या फसल नुकसान की स्थिति में तुरंत मुआवजा देना. अधिकारी कहते हैं कि इस आईडी से किसानों को बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे.

40 लाख किसान उठा रहे पीएम किसान का लाभ

तेलंगाना में 70 लाख से ज्यादा भूमिधारी किसान हैं, जिनमें से करीब 40 लाख किसान इस समय पीएम किसान योजना के तहत साल में तीन किस्तों में 2,000 रुपये की सहायता पा रहे हैं. राज्य के कृषि विभाग ने स्पष्ट किया है कि यूनिक आईडी का राज्य सरकार की योजनाओं जैसे रैतु भरोसा या कर्ज माफी पर कोई असर नहीं पड़ेगा. ये योजनाएं पहले की तरह राजस्व विभाग के डेटा पर ही चलेंगी. फिर भी अधिकारी सभी किसानों से अपील कर रहे हैं कि वे अपने नजदीकी कृषि कार्यालय में जाकर समय पर रजिस्ट्रेशन करवा लें, ताकि केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ ना छूटे.

Published: 6 Jun, 2025 | 10:31 AM