पहाड़ों में बर्फबारी के साथ हुई बारिश ने मैदानी इलाकों में परेशानी बढ़ा दी है. बिहार में शिवहर जिले से होकर बहने वाली बागमती नदी का जलस्तर बढ़ने से इलाके में बंधा तटबंध टूट गया, जिसके बाद गांव और खेतों में पानी पहुंच गया. आवागमन बाधित होने और फसलों के डूबने से परेशान किसानों की सूचना पर जिला प्रशासन और NDRF की बचाव टीम मौके पर पहुंची है. वहीं, दर्जन भर से अधिक गांवों में नदी का पानी पहुंचने और फसलों, रास्तों के डूबने का खतरा बना हुआ है.
बिहार के शिवहर जिले में हो रही लगातार बारिश और दूसरी नदियों का पानी बागमती नदी में आने से नदी का जलस्तर बढ़ गया है. वहीं, इलाके में दो दिन से हो रही बारिश के चलते नदी के बहाव ने तटबंध को तोड़ दिया, जिसके बाद तरियानी छपरा गांव में पानी पहुंच गया. जबकि, कई एकड़ में खेतों में भी पानी पहुंच गया. बहाव तेज होने से ग्रामीणों में डर का माहौल है. वहीं, बिहार चुनाव (Bihar Election 2025) की तैयारियों में जुटे लोगों के लिए रास्ता बंद होने से आवागमन में परेशानी बढ़ गई है.
प्लास्टिक की बोरियों सो कटाव रोकने में जुटे किसान
बागमती तटबंध में रिसाव तेज होने से क्षेत्र के ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है. स्थानीय ग्रामीण तटबंध में हो रहे रिसाव को रोकने के प्रयास में जुटे हुए हैं. किसानों और ग्रामीणों ने तटबंध में प्लास्टिक की बोरियों में मिट्टी भरकर जमाकर कर रहे हैं. स्थानीय संसाधनों के जरिए पानी के बहाव पर काबू पाने की कोशिश की जा रही है. गांववालों ने कहा कि तटबंध टूटने से कई दर्जन गांवों के डूबने का खतरा बढ़ा हुआ है.
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तटबंध कटान रोकने के लिए राहत बचाव कार्य जारी.
गांवों में घरों में घुसा नदी का पानी
किसानों ने कहा कि तटबंध से लगे गांवों में कई घरों में पानी घुस चुका है, जिससे प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. गांव वालों ने कहा कि पिछले साल भी इसी स्थान पर तटबंध टूटने के कारण दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए थे. इस बार भी रिसाव की स्थिति ठीक उसी जगह से मात्र 10–20 फीट की दूरी पर देखी जा रही है, जिससे फिर से बाढ़ की आशंका गहराती जा रही है.
NDRF ने बचाव कार्य शुरू किया
तटबंध टूटने और जलभराव की सूचना जिला प्रशासन को दी गई है, जिसके बाद आज सुबह जिलाधिकारी विवेक रंजन मैत्रेय प्रशासनिक टीम के साथ मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने NDRF (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीम को बुलाया और राहत और बचाव कार्य शुरू कराया है. प्रशासन लगातार निगरानी रखे हुए है और तटबंध की मरम्मत तथा राहत कार्य युद्ध स्तर पर जारी हैं.