सहजन में इस खतरनाक कीट का हमला, घरेलू उपाय से फलियों का करें बचाव

राजस्थान समेत कई राज्यों में सहजन की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. किसान बड़ी संख्या में सहजन के पौधे लगाकर अपनी आय भी बढ़ा रहे हैं. लेकिन, इन दिनों सहजन की फलियों को चौपट करने वाला कीट का प्रकोप बढ़ा है. इससे बचाव के उपाय करने की सलाह दी गई है.

नोएडा | Published: 24 Jul, 2025 | 01:29 PM

आज के समय में किसान पारंपरिक खेती को छोड़कर ऐसी फसलों का चुनाव करते हैं जिनसे उन्हें फायदा मिले. सहजन, मोरिंगा या ड्रमस्टिक ऐसी ही एक फायदेमंद फसल है, जिसमें कई औषधीय गुण मौजूद होते हैं. इसकी खेती किसानों को कम लागत में अच्छा फायदा देती है इसलिए किसानों के लिए ये मुनाफे का सौदा साबित होती है. इसकी खासितय है कि इसे खेत में किसी भी फसल के साथ आसानी से लगाया जा सकता है लेकिन सहजन के पेड़ में कीड़े लगने का खतरा ज्यादा होता है. जिससे न केवल फसल बर्बाद होती है बल्कि किसानों को भी भारी नुकसान होता है. ऐसे में किसानों के लिए बेहद जरूरी है कि वे समय रहते सहजन की फसल की सुरक्षा करें और कीड़े लगने की स्थिति में बचाव के तरीकों की जानकारी रखें.

सहजन के पेड़ में लगता है भूआ कीट

सहजन के पेड़ों में आमतौर पर भूआ कीट (Hairy Caterpillar) लगने का खतरा सबसे ज्यादा होता है, जो फसल को पूरी तरह बर्बाद कर देता है. यह कीट पौधे की पत्तियों पर आक्रमण कर उन्हें खा जाता है और आसपास भी फैल जाता है. सहजन को इस कीट से बचाने के लिए किसान कई तरह की दवाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके साथ ही कुछ घरेलू तरीके भी हैं जिनके इस्तेमाल से इन कीटों पर नियंत्रण किया जा सकता है. बता दें कि, सहजन के पेड़ में में फूल आने से पहले इस कीट का खतरा सबसे ज्यादा होता है. ये कीट इतने खतरनाक होते हैं कि अगर शरीर के किसी हिस्से को छू जाएं तो खुजली होने लगती है और घाव भी हो सकता है.

बचाव के लिए घरेलू उपाय

सहजन के पेड़ में लगा भूआ कीट सहजन के साथ-साथ आसपास लगी फसल को भी नुकसान पहुंचा सकता है. जिसके कारण किसानों को गंभीर समस्या का सामना करना पड़ता है. ऐसे में बचाव के लिए किसान देसी घरेलू उपाय का इस्तेमाल कर सकते हैं. सबसे पहले बता दें कि भूआ कीट पर कपड़ा धोने वाला सर्फ का घोल छिड़क कर उन्हें मारा जा सकता है. भूआ कीट को मारने का ये उपाय सबसे आसान और कम खर्चीला है. इसके अलावा फूल आने से पहले पेड़ों की चूने से पुताई करने से भी इस कीट से सहजन के पेड़ के बचाया जा सकता है.

औषधीय गुणों से भरपूर

सहजन या मोरिंगा एक औषधीय पौधा है. इसमें मौजूद औषधीय गुण इसकी खेती करने वाले किसानों की आमदनी में काफी बढ़ोतरी करते हैं. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो आमतौर पर सहजन का इस्तेमाल खाने में, दवा और पशुचारा आदि में किया जाता है, बता दें कि  सहजन का फूल, फल और पत्तियों का भोजन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, जबकि छाल, पत्ती, बीज, और जड़ आदि से औषधीय दवाइयां तैयार की जाती हैं.इसके अलावा इसकी पत्तियां पशुचारे के रूप में भी इस्तेमाल की जाती हैं.