वन महोत्सव 2025 में ‘सहजन भंडारा’ की शुरुआत, 35 करोड़ पौधों के साथ हर घर पहुंचेगा पोषण

अक्सर पौधरोपण में नीम, पीपल, आम जैसे पारंपरिक पेड़ों को लगाया जाता है. लेकिन इस बार राज्य सरकार ने एक साइंटिफिक और हेल्दी चॉइस के तहत सहजन को प्राथमिकता दी है. सहजन एक ऐसा पेड़ है जिसकी पत्तियां, फली और फूल सभी औषधीय गुणों और पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं.

नई दिल्ली | Published: 4 Jul, 2025 | 09:32 AM

उत्तर प्रदेश के वन विभाग ने वन महोत्सव 2025 के मौके पर एक ऐसी अनोखी पहल शुरू की है जो सिर्फ पौधरोपण तक सीमित नहीं, बल्कि सेहत और समृद्धि दोनों को साथ लेकर चलती है. इस पहल का नाम है ‘सहजन भंडारा’, जो कि सुपरफूड सहजन को प्रदेश के हर घर तक पहुंचाने की मुहिम है. इसका मकसद सिर्फ हरियाली बढ़ाना नहीं, बल्कि कुपोषण से लड़ना और जरूरतमंद परिवारों को आर्थिक मजबूती देना भी है.

गरीब परिवारों के लिए सहारा बनेगा सहजन

‘सहजन भंडारा’ योजना को खासतौर पर गरीब और जरूरतमंद परिवारों से जोड़ा गया है. प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना और जीरो पावर्टी लाइन से जुड़े परिवारों को दो-दो सहजन के पौधे मुफ्त दिए जा रहे हैं. इससे दो फायदे होंगे पहला घर के पास ताजा और पौष्टिक सब्जी मिलेगी, जो पोषण सुधारने में मददगार होगी और दूसरा जब पेड़ बड़ा होगा, तो उसकी फली और पत्तियों को बेचकर आमदनी भी हो सकेगी.

35 करोड़ पौधों का महाअभियान

‘सहजन भंडारा’ यूपी सरकार के उस बड़े लक्ष्य का हिस्सा है जिसके तहत 1 जुलाई से पूरे प्रदेश में 35 करोड़ पौधे लगाने का अभियान शुरू किया गया है. इसका उद्घाटन खुद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गोरखपुर से किया, और हर नागरिक से पर्यावरण की रक्षा के लिए आगे आने की अपील की. वन विभाग इस पहल को सफल बनाने के लिए जागरूकता अभियान भी चला रहा है, जिससे लोग सहजन के फायदों को समझ सकें और इस पौधे को अपने जीवन का हिस्सा बना सकें.

क्यों खास है सहजन का पेड़?

अक्सर पौधरोपण में नीम, पीपल, आम जैसे पारंपरिक पेड़ों को लगाया जाता है. लेकिन इस बार राज्य सरकार ने एक साइंटिफिक और हेल्दी चॉइस के तहत सहजन को प्राथमिकता दी है. सहजन एक ऐसा पेड़ है जिसकी पत्तियां, फली और फूल सभी औषधीय गुणों और पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं. यह आयरन, विटामिन A, C, और कैल्शियम का शानदार स्रोत है. इसीलिए इसे दुनिया भर में सुपरफूड माना जाता है.