गायें न सिर्फ हमारे देश की परंपरा का हिस्सा हैं, बल्कि किसान और डेयरी व्यवसाय का आधार भी हैं. गायों का स्वस्थ रहना दूध उत्पादन, बछड़ों की परवरिश और आर्थिक लाभ से सीधा जुड़ा होता है. लेकिन जब गाय बीमार हो जाती है, तो इसका असर सीधे उनके दूध देने की क्षमता और जीवन पर पड़ता है. इसलिए हर पशुपालक को यह जानना जरूरी है कि गायों को कौन-कौन सी बीमारियां हो सकती हैं, उनके लक्षण क्या हैं और कैसे उनका समय पर इलाज किया जाए.
खुरपका-मुंहपका (Foot and Mouth Disease – FMD)
लक्षण-
- मुंह, जीभ, होठों और खुरों पर छाले
- लार गिरना, खाना बंद कर देना
- लंगड़ाकर चलना और बुखार आना
उपाय-
- बीमार गाय को अन्य पशुओं से अलग रखें
- पशुशाला की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें
- नियमित रूप से FMD का टीका लगवाएं
थनैला (Mastitis)
लक्षण-
- थनों में सूजन, लालिमा और दर्द
- दूध में खून या पीले पदार्थ की मिलावट
- बुखार और बेचैनी
उपाय-
- थनों की रोजाना सफाई करें
- समय पर डॉक्टर से एंटीबायोटिक दवा दिलवाएं
- संक्रमित दूध को बाकी दूध से अलग रखें
दूध ज्वर (Milk Fever)
लक्षण-
- गाय में कमजोरी, कांपना और गिर जाना
- शरीर ठंडा हो जाना
- खाना-पीना बंद कर देना
उपाय-
- बछड़े के जन्म के बाद गाय को कैल्शियम इंजेक्शन दें
- संतुलित आहार और खनिज तत्व दें
- शुरुआत में ही डॉक्टर को बुलाएं
लम्पी स्किन डिजीज (Lumpy Skin Disease – LSD)
लक्षण–
- शरीर पर गांठें बन जाना
- बुखार और थकावट
- दूध की मात्रा में कमी
उपाय-
- संक्रमित गाय को तुरंत अलग करें
- गौशाला में सफाई रखें और छिड़काव करें
- पशु चिकित्सक से इलाज करवाएं और टीका लगवाएं
ब्रुसेलोसिस (Brucellosis)
लक्षण-
- बार-बार गर्भपात होना
- कमजोर बछड़े का जन्म
- दूध की मात्रा में गिरावट
उपाय-
- गाय को नियमित रूप से टीका दिलवाएं
- संक्रमित पशु को अलग रखें
- पूर्ण स्वच्छता बनाए रखें
- अन्य सामान्य लेकिन खतरनाक बीमारियां
लंगड़ापन (Laminitis)
- लक्षण: चलने में कठिनाई, खुरों में सूजन
- उपाय: गाय को आराम दें, साफ-सूखी जगह पर रखें
बचेरी (Bloat)
- लक्षण: पेट फूला हुआ, बेचैनी
- उपाय: हरा चारा सीमित दें, पेट की मालिश करें
पाचन समस्या (Indigestion)
- लक्षण: भूख न लगना, डकारें आना
- उपाय: संतुलित आहार दें, दवा या घरेलू नुस्खे अपनाएं
रेबीज (Rabies)
- लक्षण: आक्रामक व्यवहार, मुंह से झाग
- उपाय: टीकाकरण जरूरी, संदिग्ध जानवर से दूरी रखें
क्या करें बचाव के लिए?
- नियमित टीकाकरण कराएं- इससे गंभीर बीमारियों से बचाव होता है.
- स्वच्छता बनाए रखें- पशुशाला और गाय के शरीर की सफाई बेहद जरूरी है.
- बीमार गाय को अलग रखें- ताकि संक्रमण न फैले.
- पोषण और आहार का ध्यान रखें- स्वस्थ गाय ही बीमारियों से लड़ सकती है.
- पशु चिकित्सक से नियमित संपर्क में रहें- लक्षण दिखते ही तुरंत इलाज कराएं.
जरूरी जानकारी: कहां लें मदद?
अगर आपकी गाय बीमार हो जाए या आपको किसी बीमारी का शक हो, तो तुरंत नजदीकी पशु अस्पताल से संपर्क करें या 1962 पर कॉल करें. वहां से डॉक्टर और पशु चिकित्सा वाहन की सुविधा मिलती है.